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एक आख़िरी दांव से पहले सुरंगा लकमल, अपने ही शब्दों में

अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले रहे इस तेज़ गेंदबाज़ ने अपने यादगार मैच और भविष्य पर बात की

Suranga Lakmal celebrates a wicket, Sri Lanka v New Zealand, 1st Test, Galle, 2nd day, August 15, 2019

भारत के ख़िलाफ़ डे-नाइट टेस्ट के बाद सुरंगा लकमल टेस्ट क्रिकेट से संन्यास ले रहे हैं  •  Getty Images

श्रीलंका के लिए अपने आख़िरी टेस्ट मैच से पूर्व सुरंगा लकमल ने अपने करियर के सफ़र को ख़त्म करने के पीछे का कारण और अपने भविष्य पर बात की।
अपने सफ़र को जब आप याद करते हैं तो आपके मन में सबसे बड़ी चीज़ क्या आती है?
मैं अपने प्रदर्शन को छोड़कर टीम के हित में सोचता हूं। मैं 13 साल से खेल रहा हूं और अब मेरी उम्र 35 की हो चुकी है। मैंने एक या दो साल और ना खेलकर किसी युवा गेंदबाज़ को मौक़ा देना उचित समझा। श्रीलंकाई क्रिकेट से संन्यास लेने का यही सही वक़्त है।
आप 200 विकेट के इतने क़रीब हैं और इस साल कई टेस्ट मैच बचे हैं। ऐसे में आप रुक भी तो सकते थे?
अगर मेरे मन में 200 विकेट के कीर्तिमान तक पहुंचने की मंशा होती तो शायद पांच टेस्ट और लगते या शायद 10। लेकिन फिर आप व्यक्तिगत लक्ष्य को बढ़ावा दे रहे हैं। मैं ऐसा नहीं बनना चाहता। अगर मेरी जगह कोई युवा खिलाड़ी को मौक़ा मिले तो वह ज़्यादा ज़रूरी है।
आप कमान तो छोड़कर जा रहे हैं लेकिन दिमुथ करुणारत्ना का भी मानना है कि उसे संभालने के लिए कोई नहीं है...
अगर मैं और खेलूं तो मेरे बाद के विकल्प को भी तैयार करने में अधिक समय लग जाएगा। यहां हम विश्व टेस्ट चैंपियनशिप में भाग ले रहे हैं जहां मुझसे काफ़ी उम्मीदें रहती हैं। लेकिन इस साल हमें काफ़ी टेस्ट श्रीलंका में खेलने हैं, जहां की पिचों पर स्पिनरों को तवज्जो दी जाती है। ऐसे में एक नए गेंदबाज़ को मौक़ा देना उचित है। हमारे पास अच्छे युवा गेंदबाज़ हैं जो अनुभवहीन हैं और उन्हें आज़माया जाना चाहिए।
टीम में आपकी जगह कौन ले सकता है?
विश्वा फ़र्नांडो, लहिरू कुमारा, दुश्मांता चमीरा के अलावा असीता फ़र्नांडो और कसुन रजिता भी अच्छे गेंदबाज़ हैं। घरेलू क्रिकेट में प्रमोद मधुशान बहुत प्रभावशाली हैं। इन सब को अच्छे प्रशिक्षण और अभ्यास की दरकार है। हमारे देश में चार-दिवसीय क्रिकेट भी पुन: शुरू हो गया है। अगर नेशनल टीम के खिलाड़ी उसमें खेलने लगे तो युवाओं को बहुत कुछ सीखने को मिलेगा।
आप फ़िलहाल डर्बीशायर खेलने जाएंगे। उसके बाद का क्या सोचा है?
मैं पूरी तरह संन्यास लेने से पहले काउंटी क्रिकेट का स्वाद एक बार ज़रूर लेना चाहता था। मैं ऑस्ट्रेलिया में खेलने के बारे में भी चर्चा जारी रख रहा हूं। इस पहले साल के बाद मैं देखूंगा कि मैं श्रीलंका के क्रिकेट में क्या योगदान दे सकता हूं। मैंने युवा खिलाड़ियों को कहा है कि वह मेरे साथ कभी भी फ़ोन उठाकर बात कर सकते हैं। मैं कोई लेजेंड नहीं हूं। जो कुछ हमें मिला है वह क्रिकेट के चलते ही मिला है। मैं भले ही डर्बीशायर के लिए खेलूंगा लेकिन अपने देश से जुड़े खिलाड़ियों के लिए मैं बहुत कुछ करना चाहूंगा।
आपके करियर में सबसे बड़ी उपलब्धि क्या थी?
मैं मानता हूं बारबेडॉस में अपनी कप्तानी में पिंक-बॉल टेस्ट जीतना मेरी सबसे बड़ी क़ामयाबी थी। उस मैदान पर किसी एशियाई टीम के लिए वह पहली सफलता थी। 2016 में हमारे घर में ऑस्ट्रेलिया का सूपड़ा साफ़ करना भी यादगार था। साउथ अफ़्रीका में पहली एशियाई टीम द्वारा सीरीज़ पर कब्ज़ा करना भी एक विशेष पल था।

ऐंड्रयू फ‍़िडेल फ़र्नांडो (@afidelf) ESPNcricinfo के श्रीलंकाई संवाददाता हैं। अनुवाद अनुवाद ESPNcricinfo में सीनियर असिस्टेंट एडिटर और स्थानीय भाषा प्रमुख देबायन सेन ने किया है।