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आंकड़े : 2024 में भारतीय T20 टीम ने बनाए कई बेहतरीन कीर्तिमान

T20 विश्व कप जीतना तो बस एक हाईलाइट था लेकिन पूरे साल भारत ने अपने विजय रथ को बिना रोक-टोक के चलाया

Tilak Varma celebrates his century with Sanju Samson, South Africa vs India, 4th T20I, Johannesburg, November 15, 2024

AFP/Getty Images

भारत ने 2024 में ICC ट्रॉफ़ी के 11 वर्ष के सूखे को T20 विश्व कप के साथ समाप्त किया। यह उनका दूसरा T20 विश्व कप था। यह ट्रॉफ़ी ऐसे वर्ष में आया, जब भारत ने इस फ़ॉर्मैट में पूरे साल शानदार प्रदर्शन किया। वे जहां भी खेले, जिस टीम के ख़िलाफ़ भी खेले, उनकी झोली में सिर्फ़ सफलता आई।
भारतीय टीम ने इस साल पांच द्विपक्षीय T20I श्रृंखला खेली और उसमें उन्हें सिर्फ़ दो ही मैचों में हार मिली। उसमें से एक हार तो उन्हें पिछले सप्ताह साउथ अफ़्रीका के ख़िलाफ़ मिली और एक हार उन्हें हरारे में मिली थी।
कुल मिला कर इस साल भारत को 26 T20I मैचों में से कुल 22 मैचों में सीधी जीत मिली और दो मैचों में उन्हें सुपर ओवर में जीत मिली।
2024 में भारतीय टीम का जीत प्रतिशत कुल मिलाकर 92.31% ता, जिसमें दो सुपर ओवर जीत भी शामिल थी।
यह पुरुषों के T20 अंतर्राष्ट्रीय में किसी भी टीम का किसी कैलेंडर वर्ष में सबसे अधिक जीत प्रतिशत है, जो पाकिस्तान के 89.47% (2018) से बेहतर है, जब उन्होंने 19 में से 17 मैच जीते थे।
सभी पुरुषों के T20 में सिर्फ़ एक टीम का किसी कैलेंडर वर्ष में इससे बेहतर जीत प्रतिशत रहा है। 2021 में तमिलनाडु का जीत प्रतिशत 93.75% था, तब उन्होंने भारतीय घरेलू क्रिकेट में खेले गए 16 में से 15 मैच जीते थे।

भारतीय बल्लेबाज़ों का धाकड़ प्रदर्शन

भारत के आक्रामक बल्लेबाज़ी शैली ने इस साल उनकी सफलता में बड़ी भूमिका निभाई। उन्होंने पूरे साल औसतन हर 4.68 गेंदों पर चौका या सिक्सर मारा, जो किसी टीम द्वारा कैलेंडर वर्ष में दूसरा सबसे बेहतर प्रदर्शन है। इस मामले में ऑस्ट्रेलिया का प्रदर्शन (2024 में ही) बेहतर रहा, जहां उन्होंने औसतन हर 4.39 गेंद पर चौका या सिक्सर मारा।
भारत ने औसतन हर 12.19 गेंदों पर एक छक्का मारा, जो उनके लिए किसी भी वर्ष का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है और किसी भी टीम द्वारा किसी भी वर्ष का चौथा सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है।
इसी कारण से भारतीय टीम ने काफ़ी तेज़ी से रन बनाए और कई बड़े स्कोर बनाए। इसके अलावा भारतीय बल्लेबाज़ों ने कुल सात शतक लगाए, जिसमें संजू सैमसन ने तीन, तिलक वर्मा ने दो,और रोहित शर्मा एवंअभिषेक शर्मा ने एक-एक शतक लगाया। किसी भी टीम के खिलाड़ियों ने T20I में एक साल में इतने शतक कभी नहीं लगाए थे। उन्होंने इस मामले में अपना ही रिकॉर्ड तोड़ा है।
भारतीय बल्लेबाज़ों ने जिस किसी भी मैच में शतक लगाया हो, उस मैच में भारत ने इस 200 रनों के आंकड़े को पार किया है। भारत ने इस साल कुल नौ बार 200 के आंकड़े को पार किया। इससे पहले किसी भी टीम ने एक साल में 200 रनों के आकड़े को सात बार भी पार नहीं किया था। इस साल भारतीय टीम ने 9.55 के रन रेट से बल्लेबाज़ी की। यह किसी भी टीम का एक साल में कम से कम 15 मैच खेलने वाले टीमों के बीच दूसरा सबसे अधिक रन रेट है।
इस साल भारत के टॉप-5 बल्लेबाज़ों का शुरुआती दस गेंदों में सामूहिक स्ट्राइक रेट 135.08 रहा। यह किसी भी टीम के टॉप-5 बल्लेबाज़ों का कैलेंडर वर्ष में (जहां तक बॉल-बाय-बॉल डेटा उपलब्ध है) 15 या उससे अधिक पुरुषों के T20 अंतर्राष्ट्रीय मैच खेलने पर तीसरा सबसे तेज़ स्ट्राइक रेट है। 2024 में ऑस्ट्रेलिया के टॉप-5 बल्लेबाज़ों का स्ट्राइक रेट 148.51 रहा (19 मैचों में), जबकि 2022 में मलेशिया के टॉप-5 बल्लेबाज़ों का स्ट्राइक रेट 136.24 था (20 T20 मैचों में)।
इस साल भारत के 11 बल्लेबाज़ों ने 200 से ज़्यादा रन बनाए, उसमें से आठ बल्लेबाज़ों का स्ट्राइक रेट 150 से ज़्यादा था। 2023 तक 57 बल्लेबाज़ों ने एक कैलेंडर वर्ष में 200 या उससे अधिक रन बनाया था, लेकिन उनमें से सिर्फ़ 11 बल्लेबाज़ों का स्ट्राइक रेट 150 से अधिक था।
तेज़ी से रन बनाने वाले बल्लेबाज़ों ने इस बार अच्छी निरंतरता भी दिखाई। 150 या उससे अधिक की स्ट्राइक रेट से रन बनाने वाले आठ भारतीय बल्लेबाज़ों में से पांच बल्लेबाज़ों का औसत 40 या उससे अधिक था। 2023 में यह कारनामा सिर्फ़ चार बल्लेबाज़ों ने किया था।

बड़ी जीत में गेंदबाज़ों ने निभाई अहम भूमिका

बल्लेबाज़ी की चर्चा तो हो गई लेकिन अब गेंदबाज़ों पर आते हैं। उन्होंने भी इस साल T20I में कमाल का प्रदर्शन किया है।
भारतीय गेंदबाज़ों ने इस साल 26 मैचों में 10 बार अपने विपक्षी टीम को ऑलआउट किया। किसी एक कैलेंडर वर्ष में विपक्षी टीम को ऑलआउट करने के मामले में भारतीय टीम संयुक्त रूप से तीसरे स्थान पर है।
भारत ने इस साल औसतन हर मैच में 8.39 विकेट लिए। किसी भी टीम का एक कैलेंडर वर्ष में यह दूसरा सबसे अच्छा रिकॉर्ड है।
भारत ने इस साल तीन मैच 100 से ज़्यादा रनों की मार्जिन जीते। पिछले साल तक भारत ने सिर्फ़ तीन ही बार यह कारनामा किया था।
बचे हुए गेंदों के मामले में भारत की पांच सबसे बड़ी जीत में इस साल दो जीतें आईं। इसके अलावा भारत ने इस साल से पहले सिर्फ़ एक ही बार T20I में किसी मैच को 10 विकेट से जीता था। इस साल भी उन्हें एक मैच में 10 विकेट से जीत मिली।