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अपने गेंदबाज़ों को ऑस्ट्रेलिया में हावी होते देखना सुखद था : मांधना

भारत की वरिष्ठ खिलाड़ी कुछ सीरीज़ से अपनी टीम के निचले क्रम के योगदान को देखकर भी ख़ुश हैं

Renuka Singh celebrates her first wicket, Australia vs India, 3rd Women's T20I, Metricon Stadium, October 10, 2021

भारतीय टीम का यहां ऑस्‍ट्रेलिया में आना और उनको गेंदबाजों को संभालते देखना वाकई अच्‍छा था : मांधना  •  Getty Images

ऑस्ट्रेलियाई तेज गेंदबाजों को उनकी घरेलू धरती पर मात देना भारत के हाल ही में समाप्त हुए दौरे पर उनकी असाधारण उपलब्धियों में से एक था। यह स्मृति मांधना का मानना है, जिन्होंने सात मैचों की मल्टी फ़ॉर्मेट सीरीज़ में निचले मध्य क्रम के योगदान को भी बताया, जिसे ऑस्ट्रेलिया ने 11-5 से जीता। उन्होंने कहा यह दर्शाता है कि "हम सभी बल्लेबाज़ी में बहुत मेहनत कर रहे हैं।"
रेड बुल कैंपस क्रिकेट के पहले महिला संस्करण के फ़ाइनल से पहले गुरुवार को क्लब हाउस सत्र के दौरान उस सीरीज़ में सबसे अधिक रन बनाने वाली मांधना ने कहा, "हमारे पास बहुत सारे सकारात्मक पहलू थे।" "हर किसी ने अच्छा प्रदर्शन किया, ख़ासकर गेंदबाज़ों ने। तेज़ गेंदबाज़ी एक ऐसा विभाग था जहां हम ऑस्ट्रेलियाई टीम से काफ़ी बेहतर थे, जो एक भारतीय टीम के लिए ऑस्ट्रेलिया आने और अपने गेंदबाज़ों को उनके गेंदबाज़ों से बेहतर करते देखना एक अद्भुत क्षण था।"
हरमनप्रीत कौर के साथ वनडे और टेस्ट मैच में भारत की उप-कप्तान रही मांधना ने अपने तेज़ गेंदबाज़ों की प्रशंसा की, जिनकी स्विंग और सीम के शानदार प्रदर्शन ने ऑस्ट्रेलिया के व्यवस्थित लाइन-अप पर लंबे समय तक दबाव बनाए रखा। तीन वनडे मैच, इकलौता टेस्ट और तीन-टी20 अंतर्राष्ट्रीय सीरीज़ के दो मैचों में भारत ने गेंदबाज़ी की।
उन्होंने कहा, "हम महिला क्रिकेटरों के रूप में, सिर्फ़ लाल गेंद वाली क्रिकेट खेलना पसंद करते हैं और अब गुलाबी गेंद के साथ भी। इसलिए बहुत अधिक टेस्ट, विशेष रूप से मल्टी फ़ॉर्मेट सीरीज़ के लिए अच्छा होगा। इकलौते टेस्ट मैच को काफ़ी अहमियत दें क्योंकि इसके चार अंक हैं, जो इसे काफ़ी महत्व देते हैं।"
पिंक बॉल से दूधिया रोशनी में सफ़ेद किट से खेलना वाक़ई सपनों के सच होने जैसा था : मांधना
"जिस तरह झूलन दी ने गेंदबाज़ी की, पूजा [वस्त्रकर] और मेघना [सिंह] ने गेंदबाज़ी की और रेणुका [सिंह] और शिखा [पांडे] दी ने टी20 प्रारूप में गेंदबाज़ी की, वह क़ाबिल-ए-तारीफ़ था। हमारे गेंदबाज़ों को ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज़ों पर हावी होते देखना आश्चर्यजनक था, इसलिए मैं वह सबसे बड़ा सकारात्मक पहलू था।"
इस जून में इंग्लैंड के दौरे के बाद से भारत के निचले क्रम में आने वाले बल्लेबाज़ों ने भी अपना काम किया है। चैंपियन टीमों के पास आमतौर पर 11वें नंबर तक बल्लेबाज़ होते हैं और मांधना इससे अच्छी तरह वाकिफ थीं।
उन्होंने कहा, "ऑस्ट्रेलिया की बल्लेबाज़ी की गहराई हमेशा अच्छी रही है। बिग बैश को बहुत-बहुत धन्यवाद, जिन्होंने इसमें बड़ी भूमिका निभाई है। मैं वास्तव में कभी नहीं जानता थी, जब तक कि मैं बिग बैश में नहीं खेली कि सोफ़ी मोलिन्यू एक सलामी बल्लेबाज़ हैं। पिछले सीज़न (2018-19) में जब मैं [होबार्ट हरिकेंस के लिए खेलने के लिए] आई थी और उन्हें मेलबर्न रेनेगेड्स के लिए खेलता देखा था, तो मैं हैरान थी क्योंकि वह ऑस्ट्रेलिया के लिए नंबर आठ पर बल्लेबाजी करती हैं। तब मुझे एहसास हुआ कि उनकी बल्लेबाज़ी की गहराई अद्भुत है।"
"यह हम सभी की ओर से अच्छी बल्लेबाज़ी गहराई करने के लिए एक अच्छा प्रयास है। विशेष रूप से टी20 और वनडे प्रारूप में क्योंकि सफ़ेद गेंद वाले क्रिकेट में हम कुछ विकेट खो सकते हैं। हमारे पास बहुत सारे योगदान देने वाली खिलाड़ी होनी चाहिए। हमारा निचला-मध्य क्रम बहुत योगदान दे रहा है और पिछली दो-तीन सीरीज़ में हमने इसमें सुधार किया है। आप देख सकते हैं कि [कैसे] झूलन दी ने तीसरे वनडे मैच में हमारे लिए मैच समाप्त किया, जो वास्तव में आश्चर्यजनक था। यह दिखाता है कि हम सभी बल्लेबाज़ी में बहुत मेहनत कर रहे हैं। ख़ासकर सात, आठ और 9वें नंबर पर बल्लेबाज़ी करने के लिए।"
मांधना ने 352 रनों के साथ दौरे का समापन किया। उनके पहले टेस्ट शतक ने भारत को ख़राब मौसम के कारण आंशिक रूप से ड्रॉ में समाप्त होने से पहले टीम को पहली बार दिन-रात्रि टेस्ट जीतने के लिए एक अच्छी स्थिति में लाने में मदद की।
"अगर परिणाम हमारे लिए अलग होते, तो यह भारतीय टीम के लिए बेहतर होता। बारिश ने टेस्ट मैच और पहले टी20 में भी कुछ अड़चन डाली, जिसे हम जीतने की बहुत अच्छी स्थिति में थे। बारिश को दोष नहीं देते हैं, लेकिन अगर बारिश नहीं होती तो शायद चीज़ें अलग होतीं।"
"शायद ही हम टेस्ट में ख़ुद को रातों-रात नाबाद पाते हैं [सबसे लंबे प्रारूप में महिलाओं के फ़िक्चर की दुर्लभता के कारण]। विशेष रूप से मुझे एक बल्लेबाज़ के रूप में ख़ुद को पहचानना और मेरे लिए दिन के अंत में किसी भी प्रारूप में नाबाद 80 रन बनाना बहुत दुर्लभ है। यह मेरे लिए पहले अनुभव की तरह था 80 नॉट आउट क्योंकि मुझे इस बात का कोई पूर्व ज्ञान नहीं था कि अगले दिन कैसे आगे जाना है। क्या मुझे शून्य से शुरू करना चाहिए, क्या मुझे 80 से शुरू करना चाहिए? मैं वार्म अप कैसे करूं, क्योंकि हम शून्य से शुरू करने के अभ्यस्त हैं? तो मैं उस रात मुश्किल से सो पाई। मैं शायद 3:30-4 बजे तक सो गई होंगी, लेकिन मैं उससे पहले बस दीवारों को देख रही थी।"
मांधना ने अधिक महिला टेस्ट कराने को ​लेकर अपनी बात रखी। ख़ासकर अगर उन्हें मल्टी फ़ॉर्मेट के ढांचे के अंदर रखा जा सकता है, जहां सफ़ेद गेंद के खेल में दो अंक और लाल गेंद के खेल में चार अंक होते हैं।

ऑन्‍नेशा घोष ESPNcricinfo में सब एडिटर हैं। अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी में सीनियर सब एडिटर निखिल शर्मा ने किया है।