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दोबारा मिले मौक़े को ललित ने भुनाया

ललित अपने पहले सीज़न में दिल्ली के लिए कुछ ख़ास कमाल नहीं दिखा पाए थे

Lalit Yadav had Evin Lewis caught by Kuldeep Yadav, Lucknow Super Giants vs Delhi Capitals, IPL 2022, Navi Mumbai, April 7, 2022

लुइस का विकेट मिलने के बाद जश्न मनाते ललित यादव  •  BCCI

दिल्ली कैपिटल्स के मुख्य कोच रिकी पोंटिंग के साथ पहली मर्तबा हुई अपनी बातचीत को याद करते हुए ललित यादव बताते हैं कि ""उन्होंने मुझे मैसेज कर पूछा, 'हाय ललित, आप कैसे हैं?' "मेरा जवाब था: 'नमस्कार, सर। मैं व्यक्त नहीं कर सकता कि मैं आपसे मिलने के लिए कितना उत्साहित हूं।
"पोंटिंग के साथ अपनी पहली कुछ मुलाक़ातों में, ललित को शब्दों के लिए संघर्ष करना पड़ा, उन्हें वाक्य बनाने में मुश्किल हुई। "मैं सुन्न हो जाता और बस सुनता था।" 2019 में दिल्ली ने ललित यादव को उनकी बेस प्राइस 20 लाख रुपए में ख़रीदा था। लेकिन उन्हें पहली बार खेलने का मौक़ा 2021 में मिला। पोंटिंग द्वारा दिल्ली की कैप मिलने के क्षण को याद करते हुए ललित कहते हैं, "वह पल मेरे लिए बेहद ख़ास था। उन्होंने मुझसे कहा था, 'तुमने इस पल के लिए 412 दिन मेहनत की है, और मैंने आज तक किसी को भी इतना कठिन परिश्रम करते नहीं देखा है। ख़ुद पर शक़ मत करो, तुम इसके क़ाबिल हो, जाओ और खेल का लुत्फ़ उठाओ।'"
ललित ने अपने करियर की शुरुआत दिल्ली के बाहरी हिस्से में स्थित एक शहर नजफ़गढ़ से की थी। नजफ़गढ़ को क्रिकेट के मानचित्र पर स्थापित करने का श्रेय वीरेंद्र सहवाग को जाता है। स्कूल से आने के बाद क्रिकेट खेलना ललित और उनके बड़े भाई तरुण के लिए एक परंपरा थी। 2009 में, एक अख़बार में प्रकाशित विज्ञापन को देखने के बाद उनके पिता ने दोनों भाइयों का दाख़िला एक स्थानीय क्रिकेट अकादमी में करा दिया। लेकिन वह दोनों भाइयों का ख़र्च वहन करने में आर्थिक तौर पर सक्षम नहीं थे। ललित मुस्कुराते हुए कहते हैं, "शायद मुझे छोटा होने का फ़ायदा मिला।"
प्रारंभ में ललित एक विकेटकीपर बल्लेबाज़ थे। लेकिन दस्तानों के साथ ललित विकेटों के पीछे उतने बेहतर नहीं थे। वहीं बतौर विकेटकीपर बल्लेबाज़ खेलकर टीम में जगह बनाना भी एक बड़ी चुनौती थी। ललित ने कहा, "एक टीम में एक ही विकेटकीपर खेल सकता है। बहुत बच्चे ट्रायल के लिए आते थे। लेकिन बमुश्किल दो-तीन को ही स्क्वॉड में जगह मिलती थी। इसलिए मुझे भी कभी-कभी ही खेलने का मौक़ा मिल पाता था। विकेटकीपर बहुत कम अवसरों पर मैन ऑफ़ द मैच अवॉर्ड हासिल कर पाते हैं। इसलिए मेरे पास घर में दिखाने के लिए कोई ट्रॉफ़ी भी नहीं होती थी।"
ललित को जब यह एहसास हुआ कि इस भूमिका में वह प्रगति नहीं कर पा रहे हैं, तब उन्होंने ऑफ़ स्पिन गेंदबाज़ी करने का फ़ैसला किया। ललित को पहली प्रसिद्धि 2016 में हासिल हुई, जब उन्होंने क्लब क्रिकेट खेलते हुए चार महीने के अंतराल में दो दफ़ा एक ही ओवर में लगातार छह छक्के जड़ दिए। इसने ललित को ख्याति तो दिलाई, लेकिन खुद ललित ऐसा मानते हैं कि उनके करियर का टर्निंग प्वाइंट तब आया जब उन्होंने एयर इंडिया के लिए खेलना शुरु किया।
ललित ने कहा, "मुझे दिल्ली की अंडर-19 टीम में जगह नहीं मिल रही थी कि तभी एयर इंडिया में तत्कालीन असिस्टेंट मैनेजर संजय डोबाल सर का मुझे फोन आया। उस समय में अंडर-14 क्रिकेट खेल रहा था। उन्होंने मुझे एक स्थानीय टूर्नामेंट में गेस्ट प्लेयर के तौर पर खेलने के लिए आमंत्रित किया, जहां मैंने 40 ओवर के एक मैच में दोहरा शतक बनाया था"
डोबाल ने ललित को एयर इंडिया से खेलने पर कई दरवाज़े खुलने से अवगत कराया। तब ललित ने उनसे कहा, "सर आपकी टीम काफ़ी मज़बूत है, मै वहां आकर सिर्फ़ ड्रिंक्स उठाना नहीं चाहता।" ललित ने बताया कि उस वक़्त एयर इंडिया की टीम में सुरेश रैना, हरभजन सिंह, मनविंदर बिसला, रजत भाटिया जैसे खिलाड़ी थे। टीम के अधिकतर खिलाड़ी उस समय आईपीएल का हिस्सा थे। ललित ने आगे कहा कि "लेकिन उन्होंने शुरु से ही मुझे बैक किया। मुझे पहले ही मैच में मैन ऑफ़ द मैच के ख़िताब से नवाज़ा गया। मैंने इस मुक़ाबले में 19 गेंदों में 60 रन बनाए थे और वहीं से मेरे करियर ने रफ़्तार पकड़ ली।"
जल्द ही ललित दिल्ली के लिए खेलने लगे। ललित को आईपीएल में पहली दफ़ा खेलने का मौक़ा 2021 में मिला। लेकिन वह कुछ ख़ास कमाल नहीं दिखा पाए। एक फ़िनिशर के तौर पर उन्होंने सात मैचों की पांच पारियों में महज़ 93 की स्ट्राइक रेट से 68 रन बनाए। हालांकि गेंदबाज़ी में उन्होंने बल्लेबाज़ी के मुक़ाबले बेहतर प्रदर्शन किया। उन्होंने 7.21 की इकॉनमी से चार विकेट अपने नाम किए। इसी वर्ष सैयद मुश्ताक़ अली ट्रॉफ़ी में ललित ने चार पारियों में 70 रन ही बनाए, जिसमें उनका सर्वाधिक स्कोर 28 था। लेकिन उन्होंने यह सभी रन 218.75 की स्ट्राइक रेट से बनाए थे। उन्हें फ़िनिशर का रोल दिया गया था, जिसे उन्होंने अच्छी तरह से निभाया था। फ़रवरी में हुई नीलामी के दौरान दिल्ली कैपिटल्स ने उनके ऊपर एक बार फ़िर भरोसा जताया और इस बार 65 लाख में उन्हें अपने कुनबे में शामिल कर लिया। उसी दिन ललित ने रणजी ट्रॉफ़ी में तमिलनाडु के ख़िलाफ़ ताबड़तोड़ 177 रनों की पारी खेलते हुए अपनी टीम को संकट से उबारा था। प्रथम श्रेणी क्रिकेट में यह उनका पहला शतक था।
आईपीएल से ठीक पहले ललित ने कैपिटल्स के इंट्रा सक्वॉड मैच में एक बार 100 और एक मर्तबा 70 रनों की पारी खेली थी। मुंबई इंडियंस के ख़िलाफ़ खेले इस आईपीएल के पहले मैच में ललित ने 38 गेंदों में 48 रनों की नाबाद पारी खेलकर टीम की जीत में अहम भूमिका निभाई। जबकि दूसरे मुक़ाबले में गुजरात टाइटंस के ख़िलाफ़ उन्होंने 22 गेंदों में 25 रनों की पारी खेली।
क़िस्मत में यह बदलाव रातोंरात नहीं हुआ। सीज़न से पहले, उन्होंने अपनी बैकलिफ़्ट, फ़ुटवर्क और ट्रिगर मूवमेंट में कुछ बदलाव किए। मानसिक रूप से मज़बूत और शांत होने के लिए, उन्होंने लगभग दो साल पहले ध्यान करना शुरू किया और तब से इसका अभ्यास कर रहे हैं। ललित कहते हैं, "यह मुझे अपने विचारों को नियंत्रित करने में मदद करता है।"

Hemant Brar ESPNcricinfo में सब एडिटर हैं। अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी के एडिटोरियल फ़्रीलांसर नवनीत झा ने किया है।