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मुझे ख़ुद को साबित करने की ज़रूरत थी : उमेश

केकेआर के अनुभवी तेज़ गेंदबाज़ ने इस सीज़न में नई गेंद से सबको प्रभावित किया है

Umesh Yadav accounted for both Chennai Super Kings' openers, Chennai Super Kings vs Kolkata Knight Riders, IPL 2022, Mumbai, March 26, 2022

केकेआर के लिए पहले भी खेल चुके हैं उमेश  •  BCCI

पिछले दो आईपीएल में सिर्फ़ दो मैच खेलने वाले उमेश यादव ने इस सीज़न बेहतरीन वापसी की है और अपने आप को कोलकाता नाइट राइडर्स की टीम में स्थापित किया है। उमेश को लगता है कि उन्हें दूसरों से अधिक ख़ुद को साबित करने की ज़रूरत थी कि उनके पास क्षमता है और वह टी20 में भी बेहतर कर सकते हैं। उन्होंने इस सीज़न में यह क्षमता दिखाई और अब तक वह कोलकाता के लिए सर्वाधिक विकेट (10) लेने वाले गेंदबाज़ हैं। उन्होंने इस सीज़न में पावरप्ले में विकेट लिए हैं, जो नई गेंद को दोनों तरफ़ स्विंग करवाने की उनकी क्षमता को दर्शाता है।
ईएसपीएनक्रिकइंफ़ो से बातचीत में उमेश ने कहा, "मुझे नहीं लगता कि मुझे किसी को साबित करने की ज़रूरत है। हां, लेकिन मुझे ख़ुद को साबित करना था कि मेरे अंदर यह क्षमता है और मैं अपने आप को और बेहतर कर सकता हूं। मैं अपने अंदर बचे क्रिकेट के द्वारा अपनी टीम और अपने देश की सेवा करना चाहता हूं।"
इस साल की नीलामी उमेश के लिए अच्छी नहीं रही थी। पहले दो दौर की नीलामी में उन्हें किसी भी फ़्रैंचाइज़ी ने नहीं ख़रीदा। हालांकि अंतिम दौर में उन्हें कोलकाता नाइट राइडर्स ने उनके आधार मूल्य दो करोड़ रुपये में ख़रीद लिया। यह उमेश के लिए एक तरह से घर-वापसी जैसा था। वह इस टीम के लिए इससे पहले 47 मैच खेल चुके थे। वह 2014 की आईपीएल जीत के दौरान भी केकेआर का हिस्सा थे।
उन्होंने कहा, "जब आप दो-तीन राउंड में नहीं बिक पाते हैं, तो आपको नहीं पता होता है कि आगे क्या होने वाला है। पहले राउंड में मेरे ग्रुप के सभी तेज़ गेंदबाज़ बिक गए थे, सिर्फ़ मैं ही बाक़ी था। तब मुझे लगा था कि शायद मुझे इस सीज़न में खेलने का मौक़ा नहीं मिलेगा। लेकिन फिर मुझे मेरी पुरानी टीम ने ख़रीदा, जिनके साथ मेरा पुराना अनुभव बहुत अच्छा था।"
"मैं सिर्फ़ इकलौता ऐसा गेंदबाज़ नहीं हूं, जिसे डेथ ओवर में मार पड़ती है"
उमेश यादव
उमेश ने इस सीज़न के दूसरे मैच में ही पंजाब किंग्स के ख़िलाफ़ चार विकेट लिए और इसके लिए उन्हें प्लेयर ऑफ़ द मैच भी चुना गया। इस प्रदर्शन के बाद वह कुछ दिनों के लिए पर्पल कैप के भी हक़दार बने। अभी भी वह टूर्नामेंट में सर्वाधिक विकेट लेने वालों की सूची में बने हुए हैं। उनकी इकॉनमी भी सात से कम है।
उन्होंने कहा, "मेरी टीम में स्पष्ट भूमिका है, नई गेंद से विकेट लेना। यह लगभग सभी तेज़ गेंदबाज़ों की भूमिका होती है। मैं पावरप्ले या अन्य मौक़ों पर विकेट लेने की कोशिश कर रहा हूं। मेरे ऊपर कोई दबाव भी नहीं है। जो भी मेरा कप्तान और मेरी टीम चाहती है, मैं उसे कर रहा हूं। मैं उनसे ख़ुश हूं और वो मुझसे ख़ुश हैं। सभी चीज़ें बहुत स्पष्ट हैं।"
उमेश पावरप्ले के दौरान ज़बरदस्त रहे हैं। हालांकि डेथ ओवरों में उन्होंने अभी तक प्रभावित नहीं किया है। दिल्ली कैपिटल्स के ख़िलाफ़ मैच में डेथ के दो ओवरों में उन पर 28 रन बने। उनका टी20 में डेथ ओवर का रिकॉर्ड कभी भी अच्छा नहीं रहा है और उन्होंने 10 से ऊपर की इकॉनमी से रन दिए हैं।
उमेश कहते हैं, "मैं अकेला ऐसा गेंदबाज़ नहीं हूं, जो डेथ ओवर में रन देता है। कोई गेंदबाज़ कितना भी अच्छा क्यों ना हो, उसे स्लॉग ओवरों में मार मिलती ही हैं। हां, जब लगातार वैसी परिस्थितियों में गेंदबाज़ी करते हो, तब आपको उसकी भी आदत लग जाती है। लेकिन अगर आप पिछले दो सालों से ऐसा ना किए हो, तो आपको निश्चित तौर पर परेशानी होगी। आप कोई मशीन नहीं हो कि आप यॉर्कर डालना चाहो और अचानक से वह पिच भी होने लगे।"

आशीष पंत ESPNcricinfo में सब एडिटर हैं। अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी के सब एडिटर दया सागर ने किया है।