इस सीज़न के शुरू होने से पहले ही
आर अश्विन को राजस्थान रॉयल्स के प्रबंधन ने जल्दी विकेट गिरने पर नंबर तीन के लिए तैयार रहने को कहा था। अभ्यास मैचों में ओपनिंग करने के बाद अश्विन ने पिछले कुछ मैचों में पिंच एंकर या पिंच हिटर की भूमिका परिस्थितियों के हिसाब से निभाई।
शुक्रवार को चेन्नई सुपर किंग्स के ख़िलाफ़ उन्हें फ़िनिशर की भूमिका निभानी थी और उन्होंने मैच को शानदार तौर पर ख़त्म किया। इससे अब लगता है कि वह इस आईपीएल में सबकुछ कर सकते हैं।
नई गेंद से गेंदबाज़ी करनी है? तैयार हैं। मध्य या डेथ ओवरों में गेंदबाज़ी करनी है? क्यों नहीं। दाएं हाथ के बल्लेबाज़ों को गेंदबाज़ी करनी है? हां सर। नंबर तीन पर बल्लेबाज़ी करनी है? बिल्कुल। हो भी क्यों ना, इस आईपीएल में 10 विकेट लेने और 150 रन बनाने वाले
वह आंद्रे रसल के बाद इकलौते खिलाड़ी हैं।
दबाव वाले रन चेज़ में जब दो विकेट गिर गए हों तो यह अश्विन की पसंदीदा जगह नहीं है। वह ना तो रसल की तरह पावर हिटर हैं और ना ही अपनी टीम के साथी शिमरॉन हेटमायर की तरह लंबे शॉट लगा सकते हैं। उनकी बल्लेबाज़ी स्टाइल मैदान के सहारे गेंद को चिप करना और पावरप्ले की पाबंदियों का फ़ायदा उठाना है।
151 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए अश्विन 12वें ओवर में बल्लेबाज़ी करने आए जिससे हेटमायर और रियान पराग को सही समय पर उतारा जा सके। हालांकि, हेटमायर बाउंड्री की तलाश में सात गेंद पर छह ही रन बनाकर आउट हो गए और पराग भी बस अश्विन का साथ ही दे पाए। अश्विन शानदार लय में थे, उन्होंने 23 गेंद में नाबाद 40 रन बनाकर अपनी टीम को जीत की दहलीज़ तक पहुंचाया।
उन्होंने अपनी तीसरी ही गेंद पर मोईन अली को लेग साइड पर छक्का लगा दिया। चेन्नई ने इसके बाद अपने लेग स्पिनर प्रशांत सोलंकी को बुलाया, जिन्होंने हेटमायर का विकेट चटकाया था। ओवर की आख़िरी गेंद पर उन्होंने डीप मिडविकेट पर स्लॉग स्वीप करके उन पर छक्का लगा दिया। राजस्थान को 22 गेंद में 39 रन चाहिए थे और डगआउट में नंबर 11 के बल्लेबाज़ ट्रेंट बोल्ट, युज़वेंद्र चहल, प्रसिद्ध कृष्णा और ओबेद मकॉए बैठे थे।
अश्विन जानते थे कि सोलंकी उनकी पहुंच से गेंद को दूर रखेंगे और चाहेंगे कि वह लेग साइड की छोटी बाउंड्री का फ़ायदा नहीं उठा पाएं। हालांकि अश्विन ने हल्का सा शफ़ल किया और गेंद की पहुंच तक आए और डीप मिडविकेट पर स्लॉग स्वीप करके छक्का निकाल लिया। जब मुकेश चौधरी ने ग़लती से ज़्यादा फ़ुल गेंद कर दी तो उन्होंने उन पर भी डीप मिडविकेट पर तीसरा छक्का लगाया और चेन्नई का खेल ख़त्म हो गया।
अश्विन को बल्लेबाज़ी में यह सफलता ट्रेनिंग में घंटो बहाए पसीने के बाद मिली है। स्टार स्पोर्ट्स तमिल पर अपने पूर्व तमिलनाडु टीम के साथी और अच्छे दोस्त अभिनव मुकुंद से बात करते हुए अश्विन ने खुलासा किया कि वह
फ़रवरी 2021 में इंग्लैंड के ख़िलाफ़ चेन्नई टेस्ट के बाद से स्लॉग स्वीप पर काम कर रहे थे, जब उन्होंने मोईन और जैक लीच का मुक़ाबला किया।
अश्विन ने कहा, "मैं कुछ समय से स्लॉग स्वीप खेल रहा हूं। मैंने चेन्नई टेस्ट के बाद से अपनी स्वीप पर अधिक विश्वास करना शुरू किया है। मुझे लगता है कि यह अहम शॉट है। मैं उनमें से हूं जो गेंद को अच्छे से टाइम करता है तो अगर मैं स्लॉग स्वीप करता हूं तो मैं गेंदबाज़ को मेरी लेंथ पर गेंदबाज़ी करने पर मजबूर कर सकता हूं। मैंने अपनी बल्लेबाज़ी पर बहुत काम किया है। मैं गेम को अच्छे से पढ़ता हूं और मैं मैच के हर पहलू को समझता हूं। मैं हमेशा ख़ुद पर विश्वास करता हूं। दुर्भाग्यपूर्ण मुझे बहुत ज़्यादा ताक़त नहीं मिली है। ऐसे में मैंने अपनी बल्लेबाज़ी तकनीक पर काम किया है।"
तकनीक के अलावा अश्विन ने इस सीज़न झुककर स्टांस भी लिया है, जिससे उन्हें जल्दी बाउंड्री पार करने में मदद मिलती है। ऐसा उन्होंने इस महीने की शुरुआत में डीवाई पाटिल स्टेडियम में दिल्ली कैपिटल्स के ख़िलाफ़ लगाए गए अर्धशतक के दौरान दिखाया।
अश्विन ने कहा, "यह स्टांस बहुत सोच समझकर लिया गया निर्णय था। डीवाई पाटिल ऐसा स्टेडियम है जहां पर अधिक बाउंस होता है और मैंने उस स्टांस का उपयोग उस बाउंस का इस्तेमाल करने के लिए लिया था। हाथ का विस्तार, ऊपरी हाथ का उपयोग करना उन अन्य क्षेत्रों में से हैं जिन पर मैंने काम किया है। आप कई चीज़ों पर काम करते हो लेकिन अगर आप उन पर सफल होते हो तभी आप उनका आगे इस्तेमाल करते हो, मैं खुश हूं कि यह काम कर गया।"
यह अश्विन ही थे जिन्होंने राजस्थान को गेंद से भी वापसी कराई थी। मोईन से अपने पहले ओवर में दो चौके और एक छक्का खाने के बाद वह दूसरे ओवर में आए और जब डेवन कॉन्वे ने स्वीप का प्रयास किया तो उन्होंने फ़ुलर गेंद डाल दी और वह पगबाधा हो गए। यह वह समय था जब चेन्नई की रनों की गति कम होना शुरू हुई थी। अश्विन ने चार ओवर में 28 रन देकर एक विकेट लिया।
अश्विन ने कहा, "टी20 क्रिकेट में कई बाद एक जगह पर ही गेंद डालना गेंदबाज़ को कमज़ोर बना देता है। जो भी हम सोच रहे हैं हमें उसको अमलीजामा पहनाना आना चाहिए। अगर हम एक ही जगह पर गेंद डालना और जो हम करना चाहते हैं उसमें सफल होते हैं तो हम किसी भी बल्लेबाज़ के ख़िलाफ़ ख़ुद का बचाव कर सकते हैं। आधे गेंदबाज़ तब संघर्ष करते हैं जब वह अपने प्लान को मैदान पर नहीं उतार पाते हैं। इसी के साथ मैं गेंद की तीव्रता पर भी काम कर रहा हूं।"
अश्विन ने आगे कहा कहा, "जब आप कई रन लुटा देते हो तो आपकी गेंदबाज़ी फ़्लैट हो सकती है। यह चीज़ें टी20 क्रिकेट में होती हैं, लेकिन आपको हर बार गेंद की तीव्रता को बढ़ाना होता है और गेंद की शुद्धता को बनाए रखना होता है। मेरी गेंदबाज़ी में लगातार बदलाव मेरे लिए महत्वपूर्ण है और कुछ बल्लेबाज़ मेरी सूक्ष्म विविधताओं को नहीं चुन सकते। यही मुझे मौक़ा देता है। मैं बल्लेबाज़ के बारे में नहीं सोचता हूं, चाहे यह एमएस धोनी हों या मोईन अली। जो भी मैंने कल अभ्यास किया था, मैं आता हूं और आज गेंदबाज़ी करता हूं। मेरे पास यह तोहफ़ा है और मैं इसको टी20 क्रिकेट में जारी रखूंगा।"
अलगप्पन मुथू ESPNcricinfo में सब एडिटर हैं। अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी में सीनियर सब एडिटर निखिल शर्मा ने किया है।