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बल्लेबाज़ी, गेंदबाज़ी, फ़िल्डिंग, कप्तानी : यह पूरी तरह से सुनील नारायण का मैच था

DC के ख़िलाफ़ मैच में नारायण ने 27 रन बनाने के साथ तीन विकेट लिए और एक रन आउट भी किया, इसके अलावा ज़रूरत पड़ने पर उन्होंने टीम की कप्तानी भी की

सुनील नारायण के लिए इस सीज़न का IPL अब तक के लिए मिला-जुला रहा था। उन्होंने रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरू (RCB) के ख़िलाफ़ शुरुआती मैच में 44 रन बनाने के साथ-साथ अपने चार ओवर के स्पेल में सिर्फ़ 27 रन देकर एक विकेट लिए थे। हालांकि इसके बाद उनकी बल्लेबाज़ी और गेंदबाज़ी दोनों में थोड़ी गिरावट आई और सात मैचों में चार बार ऐसा हुआ जब उन्हें कोई विकेट नहीं मिला और ओपनिंग करते हुए चार मौक़े ऐसे आए जब वह दहाई की संख्या को पार नहीं कर सके।

लेकिन दिल्ली कैपिटल्स (DC) के ख़िलाफ़ मैच में नारायण शायद सोचकर आए थे कि उन्हें इस मैच को अपना बनाना है। कोलकाता नाइट राइडर्स (KKR) की पारी का दूसरा ओवर और नारायण पहली बार स्ट्राइक पर थे। दुश्मांता चमीरा ने पहली गेंद नारायण के पैरों में एकदम फ़ुल फेंककर उन्हें लालच दिया। नारायण इसके लिए तैयार थे और उन्होंने इसे गेंदबाज़ के ऊपर से आधा दर्जन रनों के लिए दे मारा।

यह तो बस शुरूआत थी। चमीरा ने दो गेंद बाद फिर से लगभग उसी लाइन और लेंथ पर गेंद की। इस बार नारायण ने गेंद को लेग साइड में हटकर मिडविकेट के ऊपर से चिप करके चौके के लिए भेज दिया। चमीरा की चौथी लीगल गेंद फिर से वहीं पर थी, इस बार नारायण ने अपना पूरा बल्ला घूमाया और एक हाथ से डीप मिडविकेट पर छक्का मार दिया। ये चार गेंद संकेत थे कि यह मैच ऑलराउंडर नारायण का होने जा रहा है, जिनके नाम IPL में 1712 रन और 190 विकेट हैं।

विप्रज निगम की लेग ब्रेक गेंद पर पगबाधा आउट होने से पहले नारायण ने 16 गेंदों में 169 की स्ट्राइक रेट से 27 रन बनाए, जिसमें दो चौके और दो शामिल थे।

हालांकि नारायण की असली परीक्षा अभी बाक़ी थी। बल्लेबाज़ी की मुफ़ीद पिच पर KKR ने DC को 205 रनों का लक्ष्य दिया था। पावरप्ले में DC के भले ही दो विकेट गिरे थे, लेकिन 58 रन बनाकर वह लक्ष्य को प्राप्त करने के सही रास्ते में थे।

नारायण अब पावरप्ले के बाद ही गेंदबाज़ी करने आते हैं और टीम का मुख्य व सबसे अनुभवी गेंदबाज़ होने के कारण ज़िम्मेदारी भी उन पर सबसे अधिक होती है। हालांकि नारायण ने गेंदबाज़ी पर आने से पहले ही क़माल कर दिया।

अनुकूल रॉय की गेंद को DC के सलामी बल्लेबाज़ फ़ाफ़ डु प्लेसी ने आगे बढ़कर शॉर्ट फ़ाइन लेग की ओर ग्लांस किया और रन के लिए दौड़ पड़े। हालांकि यह रन नहीं था, लेकिन नॉन स्ट्राइक पर खड़े केएल राहुल रन लेने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध थे। शॉर्ट फ़ाइन लेग पर खड़े नारायण ने गेंद को आगे आते हुए फ़ील्ड किया और सीधा कीपर के एंड पर थ्रो कर दिया। बस कुछ इंच से राहुल क्रीज़ के अंदर आने से चूक गए और गेंदबाज़ी पर आने से पहले ही नारायण के हाथ एक शिकार लग चुका था। IPL 2021 के बाद से यह पहली बार था कि राहुल रनआउट हुए हों।

ख़ैर, नारायण का असली काम तो अभी बाक़ी था। वह गेंदबाज़ी पर आए तो उनके पहले दो ओवरों में 19 रन बन चुके थे और उन्हें कोई विकेट नहीं मिला था। उनके तीसरे ओवर की पहली गेंद पर भी DC के कप्तान अक्षर पटेल ने वाइड लांग ऑन पर छक्का जड़कर स्वागत किया।

शुरूआती तीन विकेट जल्दी खोने के बाद डु प्लेसी और अक्षर के बीच 42 गेंदों में 76 रनों की साझेदारी हो गई थी और ऐसा लग रहा था कि दोनों आसानी से DC को जीत की तरफ़ ले जा रहे हैं।

लेकिन यह मैच तो शुरूआत से ही सुनील नारायण का था। छक्का खाने के बाद उन्होंने अगली गेंद पर अपना एंगल बदला और राउंड द विकेट से गेंदबाज़ी के लिए आए। यह एक बैक ऑफ़ लेंथ गेंद थी, जो थोड़ी अतिरिक्त तेज़ी से बाएं हाथ के बल्लेबाज़ के लिए अंदर आई। अक्षर उसे बैकफ़ुट पर जाकर एक्स्ट्रा कवर के ऊपर से मारना चाहते थे, लेकिन गेंद की टर्न और तेज़ी के कारण उसे सही से टाइम नहीं कर सके और एक्स्ट्रा कवर पर खड़े हर्षित राणा ने कोई ग़लती नहीं की और दायीं ओर डाइव लगाते हुए एक बेहतरीन कैच लपक लिया।

इसके बाद बारी ट्रिस्टन स्टब्स की थी। उन्होंने नारायण की पहली दो गेंदों को सम्मान दिया और एक सिंगल भी लिया। लेकिन इस ओवर की आख़िरी गेंद गुड लेंथ और लेग स्टंप पर पड़कर बल्लेबाज़ के बल्ले के बिल्कुल क़रीब से बस थोड़ा सा बाहर निकली, बल्ले को छकाया और स्टब्स अब क्लीन बोल्ड थे। उन्हें इस गेंद पर कुछ ही समझ नहीं आया और वह हक्का-बक्का होकर पवेलियन की राह पर वापसी कर रहे थे। लेकिन इस विकेट के बाद वापसी की राह KKR ने भी पकड़ ली थी।

KKR ने भले ही वापसी की राह पकड़ ली थी, लेकिन उनकी राह का सबसे बड़ा रोड़ा अभी बाक़ी था। डु प्लेसी 45 गेंदों में 62 रन बनाकर खेल रहे थे और उनके रहते अभी भी DC मैच में बना हुआ था। नारायण ने डु प्लेसी के पैरों पर फ़ुल गेंद करके लालच दिया और डु प्लेसी अपने आपको रोक नहीं पाए। यह कैरम बॉल थी, जिसे डु प्लेसी ठीक से टाईम नहीं कर पाए और रिंकू सिंह ने डीप मिडविकेट पर एक आसान कैच लपका लिया। इस बार नारायण के चेहरे पर एक दुलर्भ मुस्कान थी, जो इस विकेट के महत्व को दर्शाता है।

एक समय 136 रन पर तीन विकेट खोकर सही राह पर दिख रही DC अब 146 रन पर छह विकेट खोकर संघर्ष कर रही थी। नारायण के इन दो ओवरों ने बहुत कुछ बदल दिया था, जिसके बाद DC कभी वापसी नहीं कर पाई।

प्लेयर ऑफ़ द मैच बने नारायण ने मैच के बाद ब्रॉडकास्टर से बात करते हुए कहा, "कई बार ऐसा होता है कि जब मैच में आपकी शुरूआत अच्छी नहीं हुई हो, लेकिन आपको ख़ुद को बैक करना होता है। मैंने वैसा ही किया और टीम के लिए योगदान देने की कोशिश की। मेरे लिए हर विकेट महत्वपूर्ण थे क्योंकि ये टीम की जीत के लिए सहायक साबित हुए। वह पूरा स्पेल ही बहुत महत्वपूर्ण था। हमने एक गेंदबाज़ी इकाई के रूप में अपने योजनाओं को मैदान पर लागू करने का प्रयास किया, जो कि हम पिछले कुछ मैचों में नहीं कर पा रहे थे।"

नारायण फ़िलहाल 36 साल के हो गए हैं, लेकिन वह अभी भी गेंद, बल्ले और फ़िल्डिंग से अपना 100% योगदान देते हैं। अभ्यास में आप उनको सबसे पहले अभ्यास के लिए आता देखेंगे, जहां वह लंबे स्पेल डालने के बाद बल्लेबाज़ी नेट्स में भी अपना पसीना बहाते हैं, जैसा कि KKR के कप्तान अजिंक्य रहाणे ने भी पोस्ट मैच प्रजेंटेशन में कहा। इस मैच में जब रहाणे चोटिल होकर फ़ील्ड से बाहर गए तो नारायण ने कप्तानी भी की। ऐसा इसलिए भी था क्योंकि टीम के उपकप्तान वरूण चक्रवर्ती इंपैक्ट सब होकर एकादश से बाहर हो गए थे और उनकी जगह वैभव अरोड़ा टीम में आए थे।

इस बाबत नारायण कहते हैं, "मैं हमेशा से ही दबाव के क्षणों में अपने कप्तान के लिए एक विकल्प बने रहना चाहता हूं कि उन्हें पता हो कि उनके पास कोई ऐसा खिलाड़ी है, जो उनके लिए किसी भी परिस्थिति में खड़ा रह सकता है। अगर आपको इस स्तर का खिलाड़ी बनना है, तो आपको कड़ी मेहनत करनी होगी।"

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दया सागर ESPNcricinfo हिंदी में सब एडिटर हैं।dayasagar95

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