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वेंकटेश : आक्रामकता का मतलब हर गेंद पर छ्क्के मारना नहीं होता है

KKR के उपकप्तान ने कहा कि यह पिच आसान नहीं था और आप समय ले सकते थे

जब कोलकाता नाइट राइडर्स (KKR) ने अपनी पारी को 200/6 के स्कोर पर खत्म किया, तो वेंकटेश अय्यर डगआउट के किनारे खड़े थे और अंगकृश रघुवंशी को गले लगा रहे थे। यह इशारा "मिशन पूरा" जैसा लग रहा था, ख़ासकर तब जब वे 15 ओवर के बाद 122/4 के स्कोर पर थे।
बाद में KKR के गेंदबाज़ी आक्रमण ने भी यह सुनिश्चित किया कि यह स्कोर पर्याप्त था। वेंकटेश और रिंकू सिंह के बीच 41 गेंदों में 91 रन की धमाकेदार साझेदारी ने इस मैच के लिए निर्णायक का काम किया।
वेंकटेश ने 29 गेंदों में 60 रन बनाए, जिसमें सात चौके और तीन छक्के शामिल थे। मैच के बाद उन्होंने कहा कि भले ही अब बल्लेबाज़ पहले ही गेंद से आक्रामक होने की कोशिश करते हैं, फिर भी कुछ गेंदों के लिए समय लेना और अपनी आँखें जमाना फायदेमंद हो सकता है।
उन्होंने कहा, "जो संदेश उन्होंने (अजिंक्य रहाणे) टाइम-आउट के दौरान दिए, उन्होंने हमें बताया कि यह पिच आसान नहीं है। हमें थोड़ा समय लेना होगा। गेंद थोड़ी चिपक रही थी और घुमाव भी मिल रहा था।
"इसलिए हमारे लिए यह ज़रूरी था कि हम कुछ गेंदों का समय लें और समझें कि पिच क्या पेश कर रही है। हमारे पास बाद में रिंकू [सिंह], रमनदीप [सिंह] और [आंद्रे] रसेल जैसे खिलाड़ी थे, तो मुझ पर कोई दबाव भी नहीं था।
"अगर मैं कुछ गेंदें लेता भी हूं, तो मुझे पता था कि हमारे पास हमारे ऐसे खिलाड़ी हैं जो किसी भी गेंदबाज़ी आक्रमण को तहस-नहस कर सकते हैं। इसलिए योजना यह थी कि पहले पिच को समझें और फिर उसके हिसाब से प्रतिक्रिया दें।"
यह गेमप्लान काम कर गया। एक समय वेंकटेश और रिंकू क्रमशः 10 गेंदों पर 11 और 8 गेंदों पर 6 रन बना कर खेल रहे थे। इसके बाद दोनों ने ताबड़तोड़ बल्लेबाज़ी की। वेंकटेश ने एक और कारण बताया।
उन्होंने कहा, "कभी भी नए बल्लेबाज़ के लिए वहां जाकर हिट करना आसान नहीं होता। सच कहूं तो, अगर रामनदीप और रसल 18वें ओवर में आते, तो उन्हें भी पिच की प्रकृति को समझने के लिए कुछ गेंदें लेनी पड़ती। मुझे और रिंकू को वह आराम था। हम कुछ गेंदें ले चुके थे और फिर हमारे लिए यह आसान हो गया।"
वेंकटेश ने आगे कहा, "आक्रामकता का मतलब यह नहीं है कि आपको हर गेंद को छक्के के लिए मारना है। यह इस बात से संबंधित है कि आप परिस्थितियों को कैसे समझते हैं और आप कैसे परिस्थितियों का फ़ायदा अपने पक्ष में उठा सकते हैं। यही असल आक्रामकता है। हम वह टीम नहीं बनना चाहते जो एक समय 250 का स्कोर करती है और कभी 70 पर आउट हो जाती है।
"हम वह टीम बनना चाहते हैं जो जल्दी से पिच और परिस्थितियों को समझे। पार स्कोर का आकलन करें और कोशिश करें कि पार स्कोर से 20 रन ऊपर बनाएं।"

श्रेष्ठ शाह ESPNcricinfo में सब एडिटर हैं. @sreshthx