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क्या ख़ुशदिल ही हैं पाकिस्तान के कमज़ोर मध्य क्रम का इलाज?

घरेलू टी20 में अपनी धाकड़ बल्लेबाज़ी को उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अब तक परिवर्तित नहीं किया है लेकिन उनके पास यह मौक़ा है

Khushdil Shah (left) played a big part in setting up a last-over win, Pakistan vs West Indies, 1st ODI, Multan, June 8, 2022

पाकिस्तान के लिए कमज़ोर मध्य क्रम परेशानी का बड़ा सबब रहा है  •  AFP/Getty Images

अगर आप बाबर आज़म के आलोचक हैं तो आपको वेस्टइंडीज़ के ख़िलाफ़ पहले वनडे के बाद हुए प्रेज़ेंटेशन में कप्तान का अहंकार दिखा होगा। अगर आप उनके प्रसंशक हैं तो यह लाजवाब नेतृत्व का नमूना था। दोनों ही सूरत में बाबर केवल एक नज़रिया आगे रख रहे थे।

हुआ क्या कि मुल्तान में वेस्टइंडीज़ को रोमांचक अंदाज़ में पांच विकेट से हराने के बाद बाबर को अपने 17वें वनडे शतक के लिए प्लेयर ऑफ़ द मैच का ख़िताब मिला। पाकिस्तान के कप्तान ने लाइव टीवी पर इसे स्वीकारने से मना कर दिया और यह पुरस्कार ख़ुशदिल शाह को देना चाहा। खुशदिल थोड़ी दुविधा में दिखते हुए आगे आए लेकिन कप्तानी में नियमित नए कद को छूने वाले बाबर अपनी बात पर अड़े रहे। डेथ ओवर्स में 23 गेंदों पर 41 रनों की बेशक़ीमती पारी खेलने वाले ख़ुशदिल ही प्लेयर ऑफ़ द मैच घोषित हुए।

वैसे इस फ़ैसले में कुछ भी ग़लत तो नहीं। पाकिस्तान के लिए बाबर की मैच जिताऊ पारियों की इतनी भरमार है कि अब उसमें कुछ नया सीखने को नहीं मिलता। वनडे प्रारूप में उनका फ़ॉर्म ऐसा है कि वह शतक नहीं मारते तो शायद वह सुर्ख़ियां बटोर लेंगी। पिछले पांच पारियों में उनके नाम चार शतक हैं, 11 में छह और 18 में आठ। फ़्रेंच ओपन में राफ़ाएल नडाल की जीत की तरह बाबर आज़म के वनडे शतकों में कोई नवीन बात ढूंढना और सराहना मुश्किल हो गया है।

हालांकि जितना ही आप बाबर की बल्लेबाज़ी की शुद्धता और गुणवत्ता की प्रसंशा करें यह बात भी सही है कि पाकिस्तान के बाक़ी बल्लेबाज़ी पर आप इतना भरोसा नहीं जता पाएंगे। 2019 विश्व कप के बाद फ़ख़र ज़मान, इमाम-उल-हक़ और बाबर के रूप में शीर्ष के तीन बल्लेबाज़ों ने इतनी मात्रा में रन बनाए हैं कि इससे यह साफ़ नहीं दिखा है कि मध्य क्रम में इतनी नज़ाकत है कि थोड़ा दबाव भी अक्सर झेलने में उन्हें परेशानी हुई है।

2020 में रावलपिंडी में ज़िम्बाब्वे के विरुद्ध जब इमाम और फ़ख़र जल्दी आउट हुए तो सारा दारोमदार बाबर पर आ गया था और उनके बेहतरीन पारी के बावजूद टीम हारी थी। नंबर चार से लेकर सात तक के बल्लेबाज़ कुल 74 रन ही बना सके। पिछले साल सेंचूरियन में साउथ अफ़्रीका के ख़िलाफ़ एक विकेट पर 186 से टीम अचानक 203 पर पांच पर पहुंच गई और आख़िर में एक आसान जीत के बजाय आख़िरी गेंद पर मैच जीती। इंग्लैंड के विरुद्ध कार्डिफ़ में इमाम और बाबर दोनों शून्य पर आउट हुए तो टीम 141 पर सिमट गई। अगले मैच में दोनों ने 30 रन बनाए तो स्कोर भी 195 नहीं पार हुआ। इसी साल मार्च में ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ पाकिस्तान जब एक विकेट पर 120 से 225 ऑल आउट हुआ तो आख़िर के आठ बल्लेबाज़ों का योगदान केवल 43 रन का रहा।

2019 के बाद के विश्व कप चरण में पाकिस्तन के शीर्ष के तीन बल्लेबाज़ों ने टीम के 66.1% रन बनाए हैं। यह वनडे क्रिकेट खेलने वाले 20 देशों में आसानी से सर्वाधिक योग है। दूसरे स्थान पर बसे न्यूज़ीलैंड ने ऐसे में 52.7% रन अपने शीर्ष के तीन बल्लेबाज़ों से अर्जित किए हैं।

जब बाबर एक पुल मारते हुए आउट हुए तो पाकिस्तान को 51 गेंदों पर 69 रनों की ज़रूरत थी। आधुनिक सफ़ेद गेंद क्रिकेट में आप इसे चेज़ कर रही टीम के पक्ष में ही देखेंगे। मुल्तान में समर्थक फिर भी व्याकुल थे और ऐसे में मोहम्मद रिज़वान के साथ क्रीज़ पर जुड़े ख़ुशदिल, जो घरेलू क्रिकेट में टी20 प्रारूप में अपने बड़े पारियों और प्रतिभा को अब तक अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में प्रदर्शित नहीं कर पाए हैं। रिज़वान ने उन्हें इतना ही कहा कि गेम को गहराई तक ले जाना ही उचित होता।

जल्द ही रिज़वान ख़ुद अपना विकेट गंवा बैठे। ख़ुशदिल ने मैच को और देर तक ले जाने का मन बना लिया जिसके फलस्वरूप आवश्यक रन रेट 12 के क़रीब पहुंच गया। ऐसे में पाकिस्तान के मिडिल ऑर्डर और ख़ुशदिल दोनों पर फिर से सवालिया निशान का लौटना लाज़मी था।

पाकिस्तान में समर्थकों और विशेषज्ञों में धैर्य अधिक मात्रा में वैसे भी नहीं मिलती। ख़ुशदिल ने अपने प्रतिभा के बावजूद अब तक टी20 अंतर्राष्ट्रीय में केवल एक दबाव-रहित मैच में ज़िम्बाब्वे क ख़िलाफ़ ख़ास पारी खेली है। वनडे क्रिकेट में वैसे भी टीम उनकी सीमित गेंदबाज़ी पर भरोसा नहीं जताती है। लाख बातों की एक यही बात थी कि किसी भी सूरत में मुल्तान की गर्मी में ख़ुशदिल को अपने प्रतिभा को एक अच्छे स्कोर में परिवर्तित करना ही था।

ख़ुशदिल ने 47वे ओवर तक इंतज़ार किया और मैच के बाद कहा, "उस वक़्त हमें लगभग 12 रन प्रति ओवर चाहिए थे और मैंने मन बना लिया कि अगर गेंद मेरे पाले में गिरी तो मैं मारूंगा। उस ओवर में कई गेंद ऐसे ही आईं और मैंने प्रहार किया।"

पहला छक्का मिडविकेट के ऊपर से गया और अगली गेंद में ख़ुशदिल की क़ाबिलियत की झलक दिखी। यह वैसी नीची फ़ुल टॉस थी जिसे अमूमन बल्लेबाज़ लॉन्ग ऑन की दिशा में एक रन के लिए खेलते हैं। उसे ख़ुशदिल ने सीधे साइटस्क्रीन में दे मारा। अगला छक्का भी बल्ले के निचले हिस्से से लगकर गया लेकिन तब तक ख़ुशदिल की गाड़ी रफ़्तार पकड़ चुकी थी।

ख़ुशदिल इतने अनुभवी तो हैं कि उन्हें पता होगा कि पाकिस्तान के मिडिल ऑर्डर पर सवाल अभी भी उठेंगे। हालांकि जितनी बार वह मुल्तानी पारी जैसी बल्लेबाज़ी पर उतर आएंगे तब वह ख़ुद इन सवालों का जवाब बनते दिखेंगे।

दन्याल रसूल ESPNcricinfo में सब एडिटर हैं। अनुवाद ESPNcricinfo के स्थानीय भाषा प्रमुख देबायन सेन ने किया है।

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