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हफ़ीज़ : शाहीन को आराम देने का फ़ैसला टीम मैनेजमेंट का था

हफ़ीज़ ने कहा कि शाहीन को शरीर में दर्द की शिकायत थी

Shaheen Shah Afridi practices even as he was rested, Australia vs Pakistan, 3rd Test, Sydney, 2nd day, January 4, 2024

अभ्यास करते शाहीन शाह अफ़रीदी  •  AFP/Getty Images

पाकिस्तान टीम के निदेशक मोहम्मद हफ़ीज़ ने तीसरे टेस्ट में शाहीन शाह अफ़रीदी को आराम दिए जाने के फ़ैसले का बचाव किया है। हफ़ीज़ ने यह भी कहा कि उनकी ज़िम्मेदारी पाकिस्तानी खिलाड़ियों के देखभाल करने की भी है। हफ़ीज़ ने शाहीन का बचाव करते हुए कहा कि तीसरे टेस्ट में तेज़ गेंदबाज़ के ना खेलने का फ़ैसला ख़ुद शाहीन का नहीं बल्कि टीम मैनेजमेंट का था।
तीसरे टेस्ट में पाकिस्तान की हार के बाद हफ़ीज़ ने कहा, "उन्होंने पहले दो मैचों में बहुत अच्छी गेंदबाज़ी की और दोनों टेस्ट में किसी भी अन्य गेंदबाज़ की तुलना में उन्होंने ही सबसे ज़्यादा गेंदबाज़ी भी की। तीसरे टेस्ट से पहले जब मैंने उनकी सेहत के बारे में पूछा तब उनका शरीर दर्द से कराह रहा था। अगर किसी खिलाड़ी को यह लगता है कि वह अपना बेस्ट नहीं दे पाएगा तो मैं एक ऐसा निर्णय नहीं ले सकता जिससे उसके करियर पर बुरा प्रभाव पड़े। हम किसी खिलाड़ी को उसके करियर की कीमत पर खेलने देने का फ़ैसला नहीं कर सकते।"
इस सीरीज़ में पाकिस्तान की टीम शाहीन पर कुछ ज़्यादा ही निर्भर थी। क्योंकि नसीम शाह और अबरार अहमद चोट के चलते इस श्रृंखला का हिस्सा नहीं थे जबकि हारिस रऊफ़ अनुपलब्ध थे। शाहीन पर निर्भरता इतनी थी कि कप्तान शान मसूद ने पहले दो टेस्ट में उनसे लगभग 100 ओवरों की गेंदबाज़ी कराई। दोनों ही टीमों से किसी भी अन्य गेंदबाज़ ने शाहीन जितने ओवर पूरी सीरीज़ में नहीं डाले। दूसरे टेस्ट की समाप्ति के बाद शाहीन के बाद सबसे ज़्यादा ओवर डालने वाले गेंदबाज़ ऑस्ट्रेलियाई ऑफ स्पिनर नैथन लायन थे जिन्होंने 70 से कुछ कम ओवर डाले थे।
तीसरे टेस्ट में शाहीन के ना खेलने पर पूर्व पाकिस्तान क्रिकेटर वसीम अकरम और वक़ार यूनिस ने आलोचना की थी। अकरम ने फ़ॉक्स क्रिकेट से बात करते हुए यह तक कह दिया था कि बाहर बैठने का फ़ैसला अकेले शाहीन का था। अकरम ने यह भी कहा था कि क्रिकेटरों को यह समझना होगा कि असली खेल टेस्ट क्रिकेट ही है।
शाहीन के ना खेलने के अलावा तीसरे टेस्ट की अंतिम पारी में आमेर जमाल को देर से गेंदबाज़ी देने के फ़ैसले पर भी काफ़ी चर्चा हुई। जमाल को लंच के बाद गेंदबाज़ी उस समय दी गई जब ऑस्ट्रेलिया को जीत के लिए महज़ 33 रनों की दरकार थी।
हालांकि हफ़ीज़ ने इस निर्णय से ख़ुद को किनारे कर लिया लेकिन साथ ही उन्होंने सिडनी में स्पिन गेंदबाज़ों को मिल रही मदद का भी हवाला दिया।
हफ़ीज़ ने कहा, "यह कप्तान के ऊपर है। हर गेंदबाज़ उपलब्ध था लेकिन यह कप्तान की रणनीति थी। हम ऑफ़ स्पिनर से ज़्यादा गेंदबाज़ी कराना चाहते थे क्योंकि पिच से मदद मिल रही थी। मुझे लगता है कि जमाल से पहले गेंदबाज़ी कराई जा सकती थी लेकिन अंत में मैदान के भीतर कप्तान ही निर्णय लेने की बेहतर स्थिति में होते हैं।"

दन्याल रसूल ESPNcricinfo के पाकिस्तानी संवाददाता हैं