शॉ ने महाराष्ट्र में पदार्पण करते हुए शतक जड़ा, 'शुरू से शुरुआत' करने पर खु़श
उन्होंने बताया कि कैसे एक प्रशिक्षक और आहार विशेषज्ञ ने नए घरेलू सत्र से पहले उन्हें शारीरिक और मानसिक रूप से सच में बदल दिया
देवरायण मुथु
19-Aug-2025
Prithvi Shaw ने महाराष्ट्र के साथ की ज़बरदस्त वापसी • Maharashtra Cricket Association
पृथ्वी शॉ अपनी नई घरेलू टीम महाराष्ट्र के साथ "एक बार फिर से शुरुआत" करने और अपने करियर को फिर से पटरी पर लाने की तैयारी कर रहे हैं। उन्होंने प्री-सीज़न बुची बाबू टूर्नामेंट में छत्तीसगढ़ के ख़िलाफ़ चेन्नई की टर्निंग पिच पर, जहां स्पिनरों को भी अलग-अलग उछाल मिल रहा था, वहां महाराष्ट्र के लिए अपने पहले मैच में आक्रामक शतक जड़कर इस दिशा में पहला क़दम बढ़ाया।
शॉ ने दूसरे दिन स्टंप्स के बाद कहा, "मुझे फिर से शुरुआत करने में कोई दिक्कत नहीं है क्योंकि मैंने अपने जीवन में कई उतार-चढ़ाव देखे हैं। और मैं ऊपर गया हूँ, नीचे गया हूं, और फिर ऊपर आया हूं। इसलिए, मुझे लगता है कि सब कुछ संभव है। मैं एक बहुत ही आत्मविश्वासी व्यक्ति हूं, मुझे खु़द पर और अपनी कार्यशैली पर पूरा भरोसा है। मुझे लगता है और मुझे उम्मीद है कि यह सीज़न मेरे और मेरी नई टीम के लिए बहुत अच्छा रहेगा।"
शॉ को पिछले साल ख़राब फ़िटनेस और अनुशासन की कमी के कारण मुंबई की रणजी ट्रॉफ़ी टीम से बाहर कर दिया गया था और IPL 2025 की नीलामी में भी उन्हें कोई ख़रीददार नहीं मिला था। नए घरेलू सीज़न से पहले, शॉ ने कहा कि उन्होंने अपनी फ़िटनेस पर कड़ी मेहनत की है और अपने आहार पर भी ध्यान दिया है।
उन्होंने कहा, "मतलब, सीज़न से पहले के इन दो-तीन महीनों में मेरा ट्रेनर मेरे साथ काम करता था। वह मुझे ट्रेनिंग देने के लिए खु़द आते थे और मेरे पास एक डाइटीशियन भी है, जो मुझे ख़ाने की योजना और बाकी सब कुछ बताते हैं, ठीक वैसे ही जैसे एक डाइटीशियन करता है। तो, तीन-चार महीनों में इन सब चीज़ों ने मुझे शारीरिक और मानसिक रूप से भी सच में बदल दिया है। और, आप जानते ही हैं यह मैदान पर भी दिख सकता है।"
पहले दिन मैदान पर अच्छी बल्लेबाजी करने के बाद, जहा उन्होंने तीन कैच लिए, शॉ ने दूसरे दिन 141 गेंदों पर 15 चौकों और एक छक्के की मदद से 111 रन बनाए। महाराष्ट्र के बाकी दस बल्लेबाज़ मंगलवार को खराब प्रदर्शन कर रही पिच पर 92 रन ही बना पाए। हालांकि, शॉ ने आक्रामक बल्लेबाजी जारी रखी।
पहले दिन मैदान पर अच्छी बल्लेबाज़ी करने के बाद, जहां उन्होंने तीन कैच लिए, शॉ ने दूसरे दिन 141 गेंदों पर 15 चौकों और एक छक्के की मदद से 111 रन बनाए। महाराष्ट्र के बाक़ी 10 बल्लेबाज़ मंगलवार को ख़राब प्रदर्शन कर रही पिच पर 92 रन ही बना पाए। हालांकि, शॉ ने आक्रामक बल्लेबाज़ी जारी रखी।
जब तक उनके सलामी जोड़ीदार सचिन धास ने 25वीं गेंद पर रन बनाना शुरू किया, तब तक शॉ 23 गेंदों पर 30 रन बना चुके थे। लेकिन जब महाराष्ट्र ने ऋतुराज गायकवाड़ सहित चार विकेट जल्दी-जल्दी गंवा दिए, तो शॉ को अपनी स्वाभाविक प्रवृत्ति पर संयम रखना पड़ा और फिर से छत्तीसगढ़ के गेंदबाज़ों पर आक्रमण करना पड़ा।
लेग स्पिनर शुभम अग्रवाल की गेंद पर सीधे छक्के से 91 से 97 के स्कोर पर पहुंचे शॉ ने मिडविकेट पर एक और हल्का सा टैप लगाकर महाराष्ट्र के लिए अपना पहला शतक पूरा किया। जब शॉ एक बार फिर अग्रवाल की तरफ बढ़े, तो गेंद घूम गई और नीचे चली गई, जिससे शॉ स्टंप हो गए।
शॉ ने कहा, "मुझे लगता है कि यह मेरा तरीक़ा स्कोरबोर्ड पर निर्भर करता था। ज़ाहिर है, 71 रनों की शुरुआती साझेदारी के बाद हमारे चार विकेट 17 रन पर गिर गए थे। हमारी ओपनिंग साझेदारी अच्छी थी, लेकिन जब विकेट गिर रहे थे, तो मुझे धैर्य रखना पड़ा ताक़ि मैं मैच उनसे छीन सकूं और मैं अपनी तरफ़ से पूरी कोशिश कर रहा था और चेन्नई का विकेट ज़ाहिर तौर पर स्पिनरों के लिए अच्छा है।"
"पिच टर्न ले रही है, उछाल ले रही है और विकेट पर कई पैच हैं। इसलिए, मैंने अपनी पूरी कोशिश की कि मैं वहीं रहूं और कुछ रन बनाऊं। शतक बनाकर बहुत अच्छा लग रहा है, ख़ासकर इसलिए क्योंकि मैं महाराष्ट्र के लिए अपना पहला मैच खेल रहा हूं। अच्छा लग रहा है, काफ़ी समय हो गया है और मैंने हाल ही में कोई तीन-दिवसीय या चार-दिवसीय मैच नहीं खेला है।"
शॉ ने कहा कि वह पहले ऐसे व्यक्ति थे जो बहुत आगे की सोचते थे, लेकिन नए घरेलू सत्र की तैयारी में वह सिर्फ़ वर्तमान पर ध्यान केंद्रित करना चाहते थे और खु़द पर बहुत अधिक विचारों का बोझ नहीं डालना चाहते थे।
शॉ ने कहा, "पहले मेरे लिए ऐसा था, जैसे मैं पहले आगे का बहुत सोच रहा था। तो, मुझे नहीं लगता कि यह मेरे लिए कारगर रहा। अब मैं जो करने की कोशिश कर रहा हूं, वह दिन-प्रतिदिन के हिसाब से चल रहा है, जब मैं मैच खेल रहा होता हूं या जब मैं मैच नहीं खेल रहा होता हूं, तब जो भी मेरा शेड्यूल प्लान होता है, उसके अनुसार चल रहा हूं। तो, मेरे पास एक शेड्यूल प्लान है। मैं दिन-प्रतिदिन ध्यान केंद्रित कर रहा हूं। मैं यह नहीं देखना चाहता कि एक-दो महीने बाद क्या होता है। मैं वर्तमान में रहने की कोशिश करता हूं। मैं अभी इसी तरह का इंसान हूँ।"
शॉ ने कहा कि सोशल मीडिया से दूर रहने और अपने परिवार और बचपन के कोच प्रशांत शेट्टी से मिले सहयोग से उन्हें मुश्किल हालातों से उबरने और संतुलन बनाए रखने में मदद मिली है।
उन्होंने कहा, "मैं बस खु़द जैसा बनने की कोशिश कर रहा हू़ं और सोशल मीडिया वगैरह पर ज़्यादा समय बिताने की कोशिश नहीं कर रहा हूं। इस तरह के ध्यान भटकाने वाले तत्व जो मुझे बिल्कुल पसंद नहीं हैं क्योंकि आजकल सोशल मीडिया और ऐसी ही दूसरी चीज़ें, मैं कहूंगा कि ये काफ़ी बुरी हैं। इसलिए, मैं सोशल मीडिया वगैरह पर ज़्यादा समय नहीं बिताना चाहता। जब मैं इसका इस्तेमाल नहीं कर रहा होता हूँ तो यह एक तरह से शांतिदायक होता है।"
"और मुझे लगता है कि सबक हमेशा यही होता है, लेकिन 'मैंने कभी हार नहीं मानी।' मेरे लिए यह हमेशा सीखने की बात है। और जैसा कि मैंने पहले कहा, मुझे खु़द पर पूरा भरोसा है कि मैं कौन हूं। ज़ाहिर है, मेरे परिवार ने मेरे मुश्किल समय में मेरा बहुत साथ दिया है, और मेरे कोच प्रशांत शेट्टी ने भी कहा। इसलिए, मेरे पीछे बहुत सारा समर्थन है, और मैं उन्हें यह एहसास नहीं दिलाना चाहता कि मैं पर्याप्त प्रयास नहीं कर रहा हूं।"
शॉ ने कहा कि मुंबई से महाराष्ट्र में उनका स्थानांतरण आसान रहा है, क्योंकि कप्तान अंकित बावने, गायकवाड़ (जो उनके साथ भारत ए के लिए खेल चुके हैं) और कलाई के स्पिनर प्रशांत सोलंकी (जो मुंबई में शॉ के पूर्व साथी थे) जैसे खिलाड़ियों से उनकी अच्छी जान पहचान है।
शॉ ने कहा, "मुंबई महाराष्ट्र में ही है। मेरा मतलब है, आधी टीम को मैं जानता हूं। ज़ाहिर है, मैं ऋतु और अंकित के साथ खेल चुका हूं, मुकेश चौधरी के साथ भी। प्रशांत सोलंकी और कुछ और खिलाड़ी भी हैं। मैं बस कुछ युवाओं को जान पाया। अर्शिन कुलकर्णी, सचिन धास और बाक़ी सभी। वे वाकई मेरे साथ बहुत अच्छे और स्वागत करने वाले रहे हैं।"
देवरायण मुथु ESPNcricinfo में सब एडिटर हैं।