अप्रैल के अंत में गोल्फ खेलते हुए साई किशोर को गर्दन में चोट लग गई थी। इसके कारण IPL 2024 से वह बाहर हो गए और उन्हें काफ़ी समय तक क्रिकेट के मैदान से दूर रहना पड़ा। दर्द इतना असहनीय था कि इससे साई किशोर की दिनचर्या भी प्रभावित हुई, जिसमें सीधे बैठना या सोना भी शामिल था। इसके बाद वह बेंगलुरु के राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी (NCA) में गए और अगले दो महीने वहां रिहैबिलिटेशन में बिताए।
जुलाई में उन्होंने तमिलनाडु प्रीमियर लीग (TNPL) में वापसी की, जहां वे मुख्य रूप से बल्लेबाज़ और कप्तान के रूप में खेले। साई किशोर ने अपने सात मैचों में से केवल एक मैच में आई ड्रीम तिरुपुर के लिए अपने पूरे ओवर डाले। हालांकि अब वह पूरी ताक़त के साथ गेंदबाज़ी करने के लिए तैयार हैं। वह कोयम्बटूर में बुची बाबू टूर्नामेंट में हरियाणा और रणजी ट्रॉफ़ी चैंपियन मुंबई के ख़िलाफ़ दो चार दिवसीय मैचों में TNCA XI की कप्तानी करेंगे, इसके बाद 5 सितंबर से बेंगलुरु और अनंतपुर में शुरू होने वाले दलीप ट्रॉफी में टीम बी के साथ जुड़ेंगे।
साई किशोर ने ESPNcricinfo से कहा, "मैं अपनी वापसी से बहुत खु़श हूं। मैं बस मैदान पर जाकर खेलना चाहता हूं। मुझे जो चोट लगी थी, वह मांसपेशियों की बजाय नर्व से जुड़ी हुई थी। हालांकि NCA में रिहैब और चेन्नई में ट्रेनिंग के बाद मेरा शरीर काफ़ी अच्छी स्थिति में है। मेरे मन में फ़ॉर्म को लेकर कुछ सवाल थे, लेकिन चेन्नई की गर्मी में प्रथम श्रेणी लीग खेलने और कुछ ओवर डालने के बाद मेरे में काफ़ी आत्मविश्वास आ गया है।"
NCA में रहते हुए साई किशोर क्रिकेट खेलने के बारे में बिल्कुल नहीं सोच रहे थे। हालांकि उन्होंने नकारात्मक विचारों को अपने ऊपर हावी नहीं होने दिया और बेंगलुरु की सड़कों पर खाना खाने या टहलने जैसी साधारण चीज़ों में वह ख़ुशी तलाश रहे थे।
साई किशोर ने कहा, "उस समय क्रिकेट खेलना बहुत दूर की बात थी और मैं ऐसे दौर से गुजर रहा था जहां मैं सिर्फ़ अपनी सामान्य दिनचर्या पर लौटना चाहता था। मेरी पत्नी मेरे साथ थीं और इससे मुझे बहुत मदद मिली। नकारात्मक विचारों ने मुझे बिल्कुल परेशान नहीं किया और मैं बस छोटी-छोटी प्रगति करने की प्रतीक्षा कर रहा था।"
अगर आप अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट खेलना चाहते हैं, तो आपको एक सक्षम बल्लेबाज़ होना पड़ेगा। अगर आप फिंगर स्पिनर हैं, तो आप सिर्फ़ गेंदबाज़ नहीं हो सकते। मैं इस बात से अच्छी तरह वाकिफ़ हूं।
साई किशोर
"मैंने बेंगलुरु में बहुत अच्छे दोस्त भी बनाए और वह समय जल्दी बीत गया। प्रसिद्ध [कृष्णा] और अभिमन्यु ईश्वरन वहीं थे। मैं दोपहर के भोजन के लिए बाहर जाता था और शाम को टहलने जाता था। मैंने इसे खेल से दूर एक अच्छे समय के रूप में देखा।"
साई किशोर ने भले ही TNPL 2024 में वापसी कर ली थी लेकिन चोट अभी भी उन्हें प्रभावित कर रही थी। इसलिए वह गेंदबाज़ी के रूप में कम और बल्लेबाज़ के रूप में ज़्यादा योगदान देने का प्रयास कर रहे थे। उन्होंने तमिलनाडु के लिए भी सभी प्रारूपों में बल्ले से प्रभाव छोड़ने का अच्छा प्रयास किया है।
उन्होंने कहा, "बल्लेबाज़ी बहुत महत्वपूर्ण है। अगर आप अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट खेलना चाहते हैं, तो आपको एक सक्षम बल्लेबाज़ होना पड़ेगा। अगर आप फिंगर स्पिनर हैं, तो आप सिर्फ़ गेंदबाज़ नहीं हो सकते। मैं इस बात से अच्छी तरह वाकिफ़ हूं। मुझे पता है कि मैं एक ऐसे स्थान के लिए प्रतिस्पर्धा कर रहा हूं, जहां ऑलराउंडर खेल रहे हैं। इसलिए मुझे बल्लेबाज़ी में भी अच्छा प्रदर्शन करना होगा और पिछले कुछ वर्षों से मैं इस प्रक्रिया में हूं। TNPL 2023 में मैं पावर-हिटिंग कर रहा था। इसके लिए मैंने कुछ तकनीकी बदलाव भी किया था। हर दिन मैं ढाई या तीन घंटे बल्लेबाज़ी करता हूं। उम्मीद है कि यह रन में भी तब्दील होगा।"
पिछले रणजी ट्रॉफ़ी के दौरान आर साई किशोर काफ़ी बढ़िया लय में थे। उस दौरान उन्होंने सबसे ज़्यादा विकेट लिए थे। अगर वह अपनी इस लय को दलीप ट्रॉफ़ी में जारी रख पाए तो वह राष्ट्रीय चयकर्ताओं की नज़र में आ सकते हैं लेकिन साई किशोर अभी बहुत आगे की नहीं सोच रहे हैं।
साई किशोर ने कहा, "मैंने पिछले साल इतने ज़्यादा विकेट लेने की योजना नहीं बनाई थी। मैं सिर्फ़ अपने और टीम के प्रति ईमानदार रहना चाहता था। साथ ही टीम के लिए जो भी ज़रूरी हो, वह करना चाहता था। मैं सर्वशक्तिमान और पूरे ब्रह्मांड का बहुत आभारी हूं कि उन्होंने मुझे उस सीज़न सबसे अधिक विकेट लेने वाला गेंदबाज़ बनाया।"
"TNPL ख़त्म करने के बाद मैंने बहुत मेहनत की है। मैंने पहले कभी इस तरह का मेहनत नहीं किया था और मुझे उम्मीद है कि मेरे सुबह 4 बजे उठना और दिन में तीन सत्र तक मेहनत करना जल्द ही अपना परिणाम दिखाएगा। दलीप ट्रॉफ़ी के बाद हम देखेंगे कि क्या होता है। अगर मुझे बांग्लादेश टेस्ट के लिए चयनित किया जाता है तो काफ़ी होगा।"