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नई चुनौती, नई ज़िम्मेदारी के लिए तैयार आर्यन जुयाल

हाल ही में UPT20 लीग में बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले जुयाल को बनाया गया है यूपी का नया रणजी कप्‍तान

Aryan Juyal in his first game as UP's full time captain, UP vs Bengal, Ranji Trophy, Lucknow, October 11, 2024

बंगाल के ख़‍िलाफ़ पहले रणजी मैच में कप्‍तानी करते आर्यन जुयाल  •  Tanuj/Ekana Cricket Stadium

यह बहुत आम होता है कि डॉक्टर कपल का परिवार अपने बच्चे को डॉक्टर ही बनाना चाहते हैं, लेकिन आर्यन जुयाल के केस में ऐसा नहीं है, जहां उनके माता-पिता ने उनके क्रिकेट करियर बनाने में उनका सहयोग किया।

22 वर्षीय विकेटकीपर बल्‍लेबाज़ 2018 में अंडर-19 विश्‍व कप खेल चुके हैं। देवधर ट्रॉफ़ी का हिस्‍सा रह चुके हैं और हाल ही में इंडिया सी की ओर से दलीप ट्रॉफ़ी का भी हिस्‍सा रह चुके हैं और अब उन पर और अधिक ज़‍िम्‍मेदारी बढ़ गई है क्‍योंकि इस रणजी ट्रॉफ़ी सीज़न के लिए उत्‍तर प्रदेश की रणजी टीम का कप्‍तान बनाया गया है।

जुयाल ने ESPNcricinfo से बातचीत में कहा, "मैं इस चुनौती के लिए पूरी तरह से तैयार हूं। पिछले सीज़न भी मैंने केरल के ख़‍िलाफ़ एक मैच में कप्‍तानी की थी, जहां पर हमें जीत मिली थी। टीम का नेतृत्‍व करने से मुझ पर कोई अतिरिक्‍त दबाव नहीं बढ़ता है।"

जुयाल ने क्रिकेट की शुरुआत अपने गृहनगर हल्‍द्वानी में स्‍कूल क्रिकेट से की थी जब वह कक्षा तीन में थे, कक्षा पांच तक आते-आते उन्‍होंने क्रिकेट को सीरियस लेना शुरू किया। उस दौरान देहरादून में एक मैच खेलते हुए उन पर अभिमन्‍यु एकेडमी के कोच रवींद्र नेगी की नज़रें पड़ी। नेगी के प्रस्‍ताव पर उनके पिता डॉक्‍टर संजय जुयाल उनको अभिमन्‍यु एकेडमी लेकर गए।

जुयाल ने कहा, "मैं भी डॉक्‍टर बन सकता था, लेकिन मेरे माता-पिता ने मुझे क्रिकेटर बनने में मदद की। उन्‍होंने कभी मुझ पर किसी तरह का दबाव नहीं डाला। मैं घर में जुर्राब में गेंद घुसाकर उससे अभ्‍यास क‍िया करता था, जिससे गेंद की गति का अंदाज़ा लगाने में मुझे काफ़ी मदद मिली।"

जुयाल ने अंडर-19 विश्‍व कप में कोच रहे राहुल द्रविड़ के साथ बिताए दिनों के बारे में भी याद किया और कहा कि उनके साथ रहने से उनको काफ़ी मदद मिली।

जुयाल ने कहा, "मैंने राहुल द्रविड़ सर से बहुत सी चीज़ें सीखी, कैसे संयम और आक्रामकता एक मैच पर प्रभाव डाल सकती हैं। विश्‍व कप के बाद से गेंद को हिट करने की अप्रोच में बहुत बदलाव आया। मैं अब काफ़ी परिपक्‍व हो गया हूं, मुझे पता है कि मुश्किल परिस्थितियों में क्‍या करना है।"

11 साल की उम्र में उनके करियर को नया मुक़ाम मिला और वह उत्‍तर-प्रदेश के लिए अंडर-14, अंडर-16 खेले। दो साल बाद जुयाल देहरादून से मुरादाबाद शिफ़्ट हो गए जहां पर उनका ननिहाल है। यहां से अब उन्‍होंने सप्‍ताह में पांच दिन दिल्‍ली जाना शुरू कर दिया जहां वह लाल बहादुर शास्‍त्री क्रिकेट क्‍लब में कोच संजय भारद्वाज के निर्देशन में अभ्‍यास करने लगे। 2018 में उनका चयन अंडर-19 विश्‍व कप में हुआ, जहां भारतीय टीम ने पृथ्वी शॉ की अगुवाई में ख़‍िताब जीता। इसके बाद उन्होंने इसी साल विजय हज़ारे ट्रॉफ़ी के द्वारा सीनियर लेवल क्रिकेट में डेब्यू किया।

जुयाल को पिछले साल देवधर ट्रॉफ़ी में सेंट्रल जोन से खेलते हुए ईस्‍ट जोन के ख़‍िलाफ़ घुटने में चोट लगी थी, जिसकी वजह से उनका काफ़ी क्रिकेट ख़राब चला गया था। जुयाल इसी चोट की वजह से UPT20 लीग के पहले सीज़न में नहीं खेल पाए। इसी वजह से वह अपना नाम 2023 की IPL नीलामी में भी अपना नाम नहीं दे पाए थे। इसके बाद उन्‍होंने रणजी ट्रॉफ़ी के पिछले सीज़न में वापसी की और बेहतरीन प्रदर्शन भी किया। पिछले दिसंबर 2023 से पिछले 10 घरेलू मैचों में वह चार अर्धशतक, एक शतक और एक दोहरा शतक लगा चुके हैं।

जुयाल ने कहा, "वह चोट काफ़ी दुखदाई थी, क्‍योंकि आप सीज़न शुरू होने से पहले चोटिल नहीं होना चाहते हैं। आप चाहते हैं कि आप लगातार क्रिकेट खेलें और चयनकर्ताओं की नज़रों में बने रहें, लेकिन अच्‍छा रहा कि मैं रणजी ट्रॉफ़ी में वापसी कर पाया और पहले मैच में कप्‍तान भी रहा। छह मैचों में मैंने वहां पर 600 रन बनाए थे।

जुयाल को 2022 की नीलामी में मुंबई इंडियंस ने अपने साथ जोड़ा था, लेकिन पिछले साल उनको किसी भी टीम ने नहीं चुना था। पिछला साल चोटिल होने के कारण जुयाल के लिए अच्‍छा नहीं गया था। हालांकि हाल ही में वह तब सुर्खियों में आए जब उन्होंने UPT20 लीग में गोरखपुर लायंस के लिए खेलते हुए नोएडा सुपर किंग्स के ख़‍िलाफ़ 54 गेंद में नाबाद 104 रनों की पारी खेल दी। इस पारी में उन्‍होंने 10 चौके और पांच गगनचुंबी छक्‍के लगाए। नोएडा की टीम में पीयूष चावला जैसे अनुभवी भारतीय स्पिनर भी शामिल थे।

जुयाल ने अपनी इस पारी को लेकर कहा, "मुझे इस पारी में शुरुआत से ही आत्‍मविश्‍वास था। अभिषेक गोस्‍वामी के आउट होने के बाद मुझे पारी के चौथे ओवर में ही क्रीज़ पर आने का मौक़ा मिल गया। दूसरे छोर पर ध्रुव जुरेल थे, जिन्‍होंने मेरा अच्‍छा साथ दिया। हम दोनों ने ही हर मौक़े का फ़ायदा उठाया जिससे गेदबाज़ों पर दबाव आ गया था। हमारे बीच 150 रनों की साझेदारी हुई।"

इस टूर्नामेंट पर IPL टीमों के स्‍काउट्स की भी नज़रें थी। जब जुयाल ने यह पारी खेली उस समय स्‍काउट्स के कई सदस्‍य मैदान पर मौजूद थे। जुयाल से जब पूछा गया कि वह आने वाली IPL नीलामी में क्‍या उम्‍मीद करते हैं, तो उन्‍होंने बेहद शालीनता से इसका जवाब दिया। जुयाल को इस बार टूर्नामेंट में केवल तीन ही मैच खेलने को मिले थे क्‍योंकि उनका चयन दलीप ट्रॉफ़ी के लिए हो गया था। इन तीन मैचों में उन्‍होंने एक शतक और दो अर्धशतकीय पार‍ियां खेली थीं।

दाएं हाथ के विकेटकीपर बल्‍लेबाज़ ने कहा, "मेरे लिए यह पारी बेहद ख़ास रही। अच्‍छी बात थी कि स्‍काउट्स मैदान पर मौजूद थे, लेकिन मैंने अपना काम कर दिया है, जो बहुत जरूरी था। अब यह उन पर निर्भर करता है कि वह क्‍या सोचते हैं।"

निखिल शर्मा ESPNcricinfo हिंदी में सीनियर सब एडिटर हैं। @nikss26

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