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दिल्ली के जाने-माने कोच तारक सिन्हा का 71 साल की उम्र में कैंसर से निधन

भारत को कई अंतर्राष्ट्रीय और घरेलू क्रिकेटर देने वाले दिल्ली के मशहूर सॉनेट क्रिकेट क्लब में तारक सिन्हा पिता तुल्य थे

फ़ाइल फ़ोटो: तारक सिन्हा को उनके शिषय 'उस्ताद जी' कहा करते थे  •  ESPNcricinfo Ltd

फ़ाइल फ़ोटो: तारक सिन्हा को उनके शिषय 'उस्ताद जी' कहा करते थे  •  ESPNcricinfo Ltd

दिल्ली के मशहूर सॉनेट क्रिकेट क्लब के दिग्गज कोच तारक सिन्हा का 71 साल की उम्र में लंबी बीमारी के बाद शनिवार सुबह निधन हो गया।
वह अविवाहित थें और उनके परिवार में एक बहन है। सिन्हा सॉनेट क्रिकेट क्लब में पिता तुल्य थे, जिसने सुरिंदर खन्ना, संजीव शर्मा, मनोज प्रभाकर, दिवंगत रमन लांबा, केपी भास्कर, अजय शर्मा, अतुल वासन, आकाश चोपड़ा, अंजुम चोपड़ा, आशीष नेहरा, शिखर धवन, ऋषभ पंत, नितीश राणा जैसे देश के कुछ शीर्ष घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेटरों को जन्म दिया।
सिन्हा को 2018 में आजीवन द्रोणाचार्य पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था।
सॉनेट क्रिकेट क्लब की ओर से जारी बयान में कहा गया है, "श्री तारक सिन्हा फेफड़ों के कैंसर से दो महीने तक बहादुरी से लड़ने के बाद शनिवार को तड़के 3 बजे स्वर्ग सिधार गए, यह दुखद समाचार हमें भारी मन के साथ साझा करना पड़ रहा है।"
"हम उन सभी को धन्यवाद देना चाहते हैं जो इस कठिन समय में उनके साथ रहे और उनके ठीक होने के लिए प्रार्थना की। हम जयपुर और दिल्ली के डॉक्टरों द्वारा किए गए प्रयासों की भी सराहना करना चाहते हैं जिन्होंने उन्हें ठीक करने के लिए अथक प्रयास किए। यह सॉनेट क्लब में हम सभी के लिए एक दुखद दिन है, क्रिकेट बिरादरी और ख़ासतौर से उन छात्रों के लिए जिन्होंने उन्हें हमेशा एक अभिभावक के रूप में देखा है।"
"उस्ताद जी", इसी नाम से उनके शिष्यों ने हमेशा उन्हें पुकारा, उन्होंने लगभग पांच दशकों तक ट्रेनिंग दी, कच्ची प्रतिभाओं को परखा, संवारना और अपने क्लब के ज़रिए उन्हें प्रदर्शन करने के लिए एक मंच दिया।
उनकी कोचिंग का एक और पहलू यह था कि वे कभी भी किसी भी छात्र को अपनी कोचिंग में आने से मना नहीं करते थे। सिन्हा हमेशा चाहते थे कि खिलाड़ियों के पास एक प्लान बी होना चाहिए।
इसका बड़ा उदाहरण ऋषभ पंत हैं, जो अपनी मां के साथ उनके पास कोचिंग के लिए आए थे, उस समय पंत राजस्थान में कोचिंग कर रहे थे। सिन्हा ने पंत को अपने साथ तब जोड़ा था जब वह 12 साल के ही थे, यही नहीं तारक सिन्हा ने दिल्ली के एक स्कूल में पंत की शिक्षा की व्यवस्था की, जहां से उन्होंने अपनी 10 वीं और 12 वीं की बोर्ड परीक्षा दी। 2016 में ईएसपीएनक्रिकइंफ़ो को दिए एक इंटरव्यू में पंत ने कहा था, "मैं अपने सर के लिए टेस्ट क्रिकेट खेलना चाहता हूं, क्योंकि हमारे क्लब में सिर्फ़ टेस्ट खेलने वाले को सर देश के लिए खेलने वाला खिलाड़ी समझते हैं।" उस समय पंत ने भारत के लिए डेब्यू नहीं किया था।

अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी के मल्टीमीडिया जर्नलिस्ट सैयद हुसैन ने किया है। @imsyedhussain