चेपॉक की एक टर्निंग पिच पर
कर्नाटका और तमिलनाडु के बीच खेले जा रहे रणजी ट्रॉफ़ी मैच में
विजयकुमार वैशाख की रिवर्स स्विंग का जादू चला है। इस ट्रैक पर कुल 31 विकेट गिरे, जिसमें से 21 विकेट स्पिनर्स ने लिए। वहीं तेज़ गेंदबाज़ों के द्वारा लिए गए कुल 10 विकेटों में से वैशाख ने अकेले पांच विकेट लिए।
तेज़ गेंदबाज़ों को पिच से कोई ख़ास मदद नहीं मिल रही थी। इसके बाद भी वैशाख ने नई गेंद से मुख्य चयनकर्ता अजीत आगरकर के सामने इस रणजी सीज़न में दूसरे सबसे ज़्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज़ एन जगदीशन को चलता किया। कर्नाटका ने पहली पारी में 366 रन बनाए थे, जबकि इसके जवाब में तमिलनाडु सिर्फ़ 151 रन ही बना पाया।
हालांकि यह वैशाख की धारदार गेंदबाज़ी की बदौलत ही संभव हो पाया। तीसरे दिन की सुबह वैशाख ने अपने लगातार दो ओवर के अंतराल में एम मोहम्मद, अजीत राम और बी इंद्रजीत को पवेलियन चलता कर दिया।
वैशाख ने तीसरे दिन के खेल के बाद कहा, "जब मैंने इस सतह पर रिवर्स स्विंग कराने का प्रयास किया, तब मुझे उसमें सफलता मिली। यह एक लाल मिट्टी वाली विकेट थी और इसके बारे में हमने मैदान में प्रवेश करने से पहले ही चर्चा की थी। इसलिए हमें पता था कि गेंद रिवर्स स्विंग ज़रूर मिलेगी। हमारी योजना यही थी कि हमें रन रेट को दो रन प्रति ओवर के अंदर ही रखना है।"
वैशाख ने आगे कहा, "मैं छोटे स्पेल डाल रहा था। चेन्नई में काफ़ी गर्मी है, पहले और दूसरे सत्र में गेंदबाज़ी करना काफ़ी कठिन है। तीसरे सत्र में गेंदबाज़ी करना तुलनात्मक रूप से आसान रहता है और इसलिए हम हमेशा से ही तीन-चार ओवरों के स्पेल डालने की चर्चा कर रहे थे।"
पुरानी गेंद के साथ वैशाख की गेंदबाज़ी में
अभिमन्यु मिथुन की सलाह उनके काफ़ी काम आई है। वैशाख पिछले कुछ वर्षों से मिथुन के साथ ही ट्रेनिंग करते हुए गेंदबाज़ी के गुर सीख रहे हैं।
मिथुन के बारे में वैशाख ने कहा, " वह वाकई एक लेजेंड है। मिथुन और विनय (कुमार) ने यह इस तरह की गेंदबाज़ी काफ़ी समय तक की है। इसलिए मैंने मिथुन के साथ लगभग एक साल से भी ज़्यादा काम किया और इस दौरान उन्होंने मुझे बताया कि उस समय क्या करना चाहिए जब विकेट से मदद नहीं मिल रही हो। साथ ही उन्होंने मुझे यह भी बताया कि उन परिस्थितियों में क्या नहीं करना चाहिए।"
आख़िर मिथुन ने वैशाख को क्या सलाह दी थी?
"अगर पिच से मदद नहीं मिल रही हो तो और बेहतर ढंग से लेंथ को हिट करना है। हमें रन नहीं देना है और बल्लेबाज़ के लिए रन निकालने में भी परेशानी खड़ी करनी है। एक तेज़ गेंदबाज़ को भले ही पिच से कोई मदद ना मिले लेकिन उसे हमेशा सही लेंथ पर गेंद डालनी की रणनीति होनी चाहिए।"
वैशाख ने इस रणजी सीज़न में अपने बल्ले से भी कमाल दिखाया है। अपने अंडर 16 के दिनों में वह प्रमुख तौर पर एक बल्लेबाज़ ही थे लेकिन उसी दौरान उन्होंने अपने इस स्किल में आत्मविश्वास खो दिया था। लेकिन अब वह दोबारा आत्मविश्वास से भरे हुए हैं और उन्होंने 2023-24 के सीज़न में 10 पारियां खेलकर 183 रन भी बनाए हैं। इसमें अगरतला में त्रिपुरा के ख़िलाफ़ लगाया गया अर्धशतक भी शामिल है और तमिलनाडु के ख़िलाफ़ भी वैशाख ने स्पिनर्स के ख़िलाफ़ आक्रमण किया और अपनी टीम की दूसरी पारी के दौरान सिक्स लगाने वाले इकलौते बल्लेबाज़ भी रहे।
"पिछले वर्ष मेरी बल्लेबाज़ी में आत्मविश्वास की काफ़ी कमी थी। हालांकि सैयद मुश्ताक़ अली ट्रॉफ़ी या विजय हज़ारे ट्रॉफ़ी से पहले ब्रेक के दौरान मयंक (अग्रवाल) और मनीष (पांडे) ने मेरी मदद की। यही वह समय था, जब मैंने यह तय किया था कि खुलकर खेलूंगा क्योंकि पिछले साल मैं काफ़ी रक्षात्मक ढंग से खेल रहा था।"
तमिलनाडु के ख़िलाफ़ कर्नाटका के हावी होने में हार्दिक राज ने भी अहम भूमिका निभाई है। 17 वर्षीय इस स्पिन गेंदबाज़ ने पहली पारी में कर्नाटका के लिए अर्धशतक तो लगाया ही लेकिन इसके साथ ही उन्होंने आर विमल कुमार और आर साई किशोर का विकेट भी चटकाया। महराजा टी20 टूर्नामेंट में राज की टीम के कप्तान वैशाख उनकी प्रोग्रेस को देखकर काफ़ी ख़ुश हैं।
"उनके अंदर काफ़ी आत्मविश्वास है। फ़ील्ड पर एफ़र्ट डालने की बात हो या गेंद या बल्ले के साथ योगदान की, वह हर जगह टीम के लिए अपना 100 फ़ीसदी देना चाहते हैं।"
अगर कर्नाटका एलिट टेबल के ग्रुप की अंक तालिका में छह अंकित अर्जित कर शीर्ष पर पहुंचना चाहता है तो सोमवार को कर्नाटका के लिए वैशाख और राज दोनों को बड़ा योगदान देना होगा।
देवरायण मुथु ESPNcricinfo में सब एडिटर हैं