ऋषभ पंत एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफ़ी के पहले टेस्ट के दूसरे दिन अपने करियर का सातवां टेस्ट शतक जड़कर टेस्ट में सर्वाधिक टेस्ट शतक जड़ने वाले भारतीय विकेटकीपर बल्लेबाज़ बन गए। पंत ने छक्के के साथ अपना सातवां टेस्ट शतक पूरा किया और इसके साथ ही उन्होंने पूर्व भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी को पछाड़ दिया।
पंत पहले दिन 65 के निजी स्कोर पर नाबाद लौटे थे और उन्हें दूसरे दिन की शुरुआत से ही आक्रामक रुख़ अख़्तियार कर लिया। पंत ने 178 गेंदों पर 134 रनों की पारी खेली जिसमें छह छक्के शामिल थे। पंत ने अपने टेस्ट करियर की एक पारी में सर्वाधिक छक्के लगाने का कीर्तिमान भी अपने नाम किया।
पंत के शतक पूरा करने के बाद गिल 147 के निजी स्कोर पर जब शोएब बशीर का शिकार बने तब तक भारत ने स्कोरबोर्ड पर 430 रन जोड़ लिए थे और पंत और कप्तान के बीच कुल 209 रनों की साझेदारी हुई। हालांकि गिल के विकेट के बाद भी पंत ने आक्रामण जारी रखा।
पंत जब 124 के स्कोर पर थे तो उन्हें जीवनदान भी मिला जब कीपर जेमी स्मिथ ने उन्हें स्टंप करने का मौक़ा गंवा दिया। हालांकि पंत की पारी इससे बहुत आगे नहीं बढ़ पाई और वह यहां से सिर्फ़ 10 रन ही जोड़ पाए। जॉश टंग की अंदर आती हुई गेंद पर अंपायर ने उन्हें लेग बिफ़ोर आउट करार दिया। पंत ने रिव्यू लिया लेकिन टीवी अंपायर ने भी ऑनफ़ील्ड अंपायर का फ़ैसला बरक़रार रखा।
पंत का विकेट गिरने के बाद रवींद्र जाडेजा का साथ देने शार्दुल ठाकुर आए, हालांकि वह भी लंच से पहले बेन स्टोक्स का शिकार बने। भारत ने पहले सत्र में 95 रन बनाए और चार विकेट भी गंवाए।