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संजीव गुप्ता ने हितों के टकराव के आरोप वापस लिए

मध्य प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन के पूर्व सदस्य ने 'स्वास्थ्य और जीवन को सुरक्षित' रखने के लिए लिया फ़ैसला

Shadow practice: a batsman during England's nets session, Johannesburg, September 23, 2009

संजीव ने भारतीय क्रिकेट में 20 से अधिक व्यक्तियों पर हितों के टकराव के आरोप लगाए हैं  •  Getty Images

भारतीय क्रिकेट के कई बड़े नामों के विरुद्ध हितों के टकराव के आधार पर याचिका दायर करने वाले मध्य प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन (एमपीसीए) के पूर्व सदस्य संजीव गुप्ता ने अब भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के नैतिक मामलों के अधिकारी विनीत सरन से अपनी शिक़ायतों को वापस लेने के लिए लिखा है।
संजीव ने सरन को 21 अगस्त को एक ईमेल भेजा था जिस पर उन्होंने भारत के सर्वोच्च न्यायलय, कई पूर्व मुख्य न्यायधीश, बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली और सचिव जय शाह समेत कई पदाधिकारी और मीडिया के सदस्यों को भी कॉपी में रखा।
ईएसपीएनक्रिकइंफ़ो द्वारा देखे गए इस ईमेल में संजीव ने लिखा है कि 20 अगस्त को एक "जघन्य हादसे" से उनके "स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ा है" और अब अपने "स्वास्थ्य और जीवन को सुरक्षित" रखने के लिए वह अपने इल्ज़ामों को वापस लेने पर "विवश" हो गए हैं।
2016 में सर्वोच्च न्यायलय द्वारा लोढा कमेटी के सुझावों के चलते बीसीसीआई को अपने अधिनियम और दिशानिर्देशों में कई बदलाव लाने पड़े थे। तब से संजीव ने भारतीय क्रिकेट में 20 से अधिक व्यक्तियों पर हितों के टकराव के आरोप लगाए हैं।
इनमें कई पूर्व कप्तान जैसे विराट कोहली, गांगुली, राहुल द्रविड़, सचिन तेंदुलकर और महेंद्र सिंह धोनी हैं। उनके आरोपों के घेरे में पूर्व बल्लेबाज़ वीवीएस लक्ष्मण और बीसीसीआई उपाध्यक्ष राजीव शुक्ला भी थे। उनकी सबसे ताज़ा शिक़ायत मुंबई इंडियंस की मालिक नीता अंबानी के संबंध में थी।
संजीव के शिक़ायत के आधार पर सरन ने अंबानी को 2 सितंबर तक जवाब देने को कहा था। फ़िलहाल यह स्पष्ट नहीं हुआ है कि संजीव के मेल के आधार पर अब सरन इस मामले में जांच जारी रखेंगे अथवा नहीं।

नागराज गोलापुड़ी ESPNcricinfo के न्यूज़ एडिटर हैं। अनुवाद ESPNcricinfo के असिस्टेंट एडिटर और स्थानीय भाषा प्रमुख देबायन सेन ने किया है।