मैच (23)
ज़िम्बाब्वे T20I त्रिकोणीय सीरीज़ (1)
GSL (2)
MAX60 (5)
Vitality Blast Men (8)
Vitality Blast Women (4)
Blast Women League 2 (3)
ख़बरें

'यह काफ़ी दु:खद है' : मैथ्यूज़ ने श्रीलंका के लिए और टेस्ट मैचों की मांग की

श्रीलंका को 2025 में केवल चार टेस्ट मैच ही खेलने हैं

Angelo Mathews addresses the media ahead of his final Test match, Galle, June 16, 2025

Angelo Mathews ने कहा कि वर्ल्ड कप विजेता होने के नाते श्रीलंका और टेस्ट मैच खेलने का हक़दार है  •  AFP/Getty Images

अपने अंतिम टेस्ट मैच से पहले एंजलो मैथ्यूज़ भारत, ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के अलावा अन्य देशों के लिए और टेस्ट मैचों के आयोजन की मांग करने वाले नई आवाज़ हैं।
श्रीलंका 2025 में केवल चार टेस्ट मैच ही खेलेगी, अगर कोरोना से प्रभावित 2020 के साल को छोड़ दिया जाए तो 2013 से यह एक कैलेंडर ईयर में उनके द्वारा खेले गए सबसे कम टेस्ट मैच होंगे। अगर 2023-25 के वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप (WTC) चक्र पर गौर किया जाए तो भारत, ऑस्ट्रेलिया और और इंग्लैंड ने इस अवधि में कुल 19-19 टेस्ट खेले। जबकि विजेता साउथ अफ़्रीका ने केवल 13 टेस्ट ही खेले।
आगामी चक्र में ऑस्ट्रेलिया 22, इंग्लैंड 21 और भारत 18 टेस्ट खेलेगा। श्रीलंका पिछले चक्र की तुलना में इस चक्र में और भी कम मैच खेलते हुए केवल दो टेस्ट मैचों की छह सीरीज़ खेलते हुए सिर्फ़ कुल 12 टेस्ट ही खेलेगी जो कि बांग्लादेश के साथ संयुक्त तौर पर सबसे न्यूनतम टेस्ट खेलने वाली टीम होगी।
मैथ्यूज़ ने कहा, "मेरे अनुसार यह काफ़ी दु:खद है। मेरा मतलब है कि युवा खिलाड़ी टेस्ट मैच खेलना चाहते हैं क्योंकि टेस्ट क्रिकेट क्रिकेट का शिखर है। हमें और टेस्ट मैच के लिए प्रयास करना चाहिए, यह लोग टेस्ट क्रिकेट को लेकर काफ़ी उत्साही हैं।"
"मुझे लगता है कि साल में कम से कम 10 टेस्ट मैच होने चाहिए। भारत, ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड जैसी टीमें साल में 15 से ज़्यादा टेस्ट मैच खेल रही हैं। हम क्यों नहीं खेल सकते? हम खेल सकते हैं। अगर हम प्रयास करते रहे तो मेरा मतलब है हमें खेलना होगा। हमने वर्ल्ड कप जीते हैं। हमने एक क्रिकेट राष्ट्र के तौर पर बहुत कुछ किया है और भारत, ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड की तरह हम भी टेस्ट क्रिकेट खेलने के हक़दार हैं।"
मैथ्यूज़ की शिकायतें नई नहीं हैं। श्रीलंका के टेस्ट कप्तान धनंजय डी सिल्वा ने इस साल की शुरुआत में ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ दो टेस्ट मैचों की सीरीज़ से पहले इस पर खूब चर्चा की थी। लेकिन यह उल्लेखनीय है कि 118 टेस्ट खेलने वाले खिलाड़ी ने अपनी बात रखी है, आखिर कितने और श्रीलंकाई खिलाड़ियों को इस उपलब्धि को हासिल करने का मौक़ा मिलेगा?
यहां तक कि उनके संन्यास का समय भी आंशिक रूप से श्रीलंका के लिए निर्धारित टेस्ट मैचों की कमी से प्रभावित था। जबकि अब 38 वर्षीय मैथ्यूज़ के लिए रिटायरमेंट हमेशा से ही तय था, खासकर जब यह एक नए WTC चक्र की शुरुआत होने वाली थी, लेकिन सिर्फ़ पहला टेस्ट खेलने का फ़ैसला कई मायनों में परिस्थितियों से प्रेरित था।
मैथ्यूज़ ने बताया, "मैंने अपना 100वां टेस्ट गॉल में खेला था, इसलिए मैंने सोचा कि मैं गॉल में ही अलविदा कहूंगा। लेकिन इसका मुख्य कारण यह था कि हमारे पास कम से कम अभी कोई मैच नहीं है। इसके बाद, हम एक साल के बाद टेस्ट क्रिकेट में अपना अगला मैच खेलेंगे, यह बहुत लंबा इंतज़ार है।"
"मैंने सोचा कि दूसरे टेस्ट में मेरी जगह लेने वाले को मौक़ा देना अच्छा रहेगा, क्योंकि उसे अगले साल तक मौक़ा नहीं मिलने वाला है (हंसते हुए)। और उस साल, आप नहीं जानते कि क्या होने वाला है। इसलिए मैंने सोचा कि मैं सिर्फ़ एक मैच खेलूंगा और फिर दूसरे टेस्ट में मेरी जगह लेने वाले दूसरे खिलाड़ी को मौक़ा देने की कोशिश करूंगा।"