Urvil Patel को CSK ने पिछले सीज़न बतौर रिप्लेसमेंट अपने साथ जोड़ा था • Getty Images
आक्रामक बल्लेबाज़ी आधुनिक क्रिकेट की सबसे आकर्षित करने वाली चीज़ों में से एक है। इसी आक्रामकता में अगर कोई बल्लेबाज़ निरंतरता तलाश ले तो वह उसके लिए किसी सपने जैसे मुकाम तक पहुंचने की तरह होता है। गुजरात के विकेटकीपर बल्लेबाज़ उर्विल पटेल इसी दिशा में लगातार ऐसी पारियां खेल रहे हैं, जिनकी वजह से वह घरेलू क्रिकेट में सुर्खियों में बने हैं।
गुजरात की कप्तानी करते हुए उर्विल ने सैयद मुश्ताक़ अली ट्रॉफ़ी (SMAT) में सर्विसेज़ के ख़िलाफ़ 31 गेंदों में शतक लगाकर एक बार फिर साबित कर दिया कि चेन्नई सुपर किंग्स (CSK) ने IPL 2025 में रिप्लेसमेंट के तौर पर शामिल करने के बाद उन्हें तुरंत ही एकादश में भी मौक़ा क्यों दे दिया था।
ESPNcricinfo से बात करते हुए उर्विल कहते हैं कि उनकी सबसे बड़ी ताक़त, उनका आत्मविश्वास है, जिससे वह घरेलू क्रिकेट में लगातार ऐसी बड़ी और आक्रामक पारियां खेल रहे हैं। वह कहते हैं, "ऐसा नहीं है कि मैं पहली ही गेंद से आक्रामक शॉट खेलने के प्रयास में रहता हूं। यह ज़रूर है कि मैं अपने शॉट्स को बैक करता हूं, लेकिन उनके पीछे महीनों की मेहनत होती है, जो मुझे लगातार आत्मविश्वास देती है। आक्रामक क्रिकेट खेलना शायद उतना मुश्किल पहलू नहीं है। लेकिन आक्रामकता में निरंतरता ढूंढना थोड़ा मुश्किल है। मुझे पता है कि अगर मैं इसी तरह मेहनत करता रहा तो आगे और भी अच्छी क्रिकेट खेलने में सफल रहूंगा।"
वह T20 क्रिकेट में अब तक 28.70 की औसत और 179.62 की स्ट्राइक रेट से तीन शतकों और चार अर्धशतकों के साथ 1349 रन बना चुके हैं, जिसमें पिछले सीज़न CSK के लिए तीन मैचों में 212.50 के स्ट्राइक रेट से बनाए गए 68 रन भी शामिल हैं। वह विजय हज़ारे ट्रॉफ़ी 2023-24 में अरुणाचल प्रदेश के ख़िलाफ़ 41 गेंदों में शतक भी बना चुके हैं, जो कि लिस्ट-ए क्रिकेट में युसूफ़ पठान के बाद दूसरा सबसे तेज़ भारतीय शतक है।
किसी भी भारतीय घरेलू क्रिकेटर के लिए भारतीय टीम में खेलना अंतिम लक्ष्य होता है और यह बहुत आम बात है। लेकिन उर्विल इस सपने तक पहुंचने का रास्ता थोड़ा अलग ढंग से चुनना चाहते हैं। उनका मानना है कि पिछले साल CSK का हिस्सा बनना और उससे पहले गुजरात टाइटंस (GT) के साथ रहना दो ऐसे अनुभव थे, जिससे उनकी सोच बदली।
उर्विल कहते हैं, "किसी भी क्रिकेटर के लिए यह एक आसान जवाब होता है कि वह अपने देश के लिए खेलना चाहता है। मैं भी खेलना चाहता हूं, लेकिन हर रोज़ यह सोचने से एक अतिरिक्त दबाव आ सकता है। IPL में दो बड़ी टीमों का हिस्सा बनने के बाद मुझे यह समझ में आया कि कुछ बनने के लिए एक प्रक्रिया का पालन करना पड़ता है।
"जैसे कि मैं सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफ़ी में अच्छा करना चाह रहा था। लेकिन ख़ुद पर यह दबाव नहीं डाल रहा था कि मुझे अच्छा ही करना है। इस स्टेज़ पर अच्छा प्रदर्शन करने के लिए मैं पिछले दो-तीन महीने से लगातार मेहनत किए जा रहा था। हर एक शॉट पर काम कर रहा था और अपनी ग़लतियों को पहचान रहा था। कई बार तो ऐसा हुआ कि सिर्फ़ एक शॉट पर मैंने कई दिनों तक काम किया। इसी कारण से जो भी मैं अब शॉट खेलता हूं, उसमें तकनीक के अलावा एक विश्वास भी होता है।"
A century off just deliveries The second-fastest by an Indian player in T20 cricket
पिछले IPL नीलामी के बाद उर्विल के करियर में कुछ ऐसी घटनाएं हुईं, जिससे उन्हें और बेहतर खिलाड़ी बनने में मदद की। घरेलू क्रिकेट सर्किट में वह अच्छी लय में थे और उनकी बल्लेबाज़ी की काफी तारीफ़ हो रही थी। ऐसा लग रहा था कि उन्हें आसानी से कोई टीम ख़रीद लेगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। इससे उनका पूरा परिवार मायूस हो गया। उनके पिता, जिन्होंने उनके करियर की नींव रखने में सबसे ज़्यादा त्याग किए थे, बेहद दु:खी हो गए।
ख़ुद उर्विल के लिए यह बड़ा झटका था, लेकिन उससे भी बड़ा झटका अपने पिता को उदास देखना था। उन्हें पता था कि अब उन्हें क्या करना है। नीलामी के ठीक बाद उन्होंने 28 गेंदों में शतक लगाकर T20 का दूसरा सबसे तेज़ शतक बनाया। उसी पारी के बाद उन्होंने अपने पिता को फ़ोन करके कहा था, "पापा यह पारी आपके लिए थी। आप बस उदास मत हो, कहानी अभी बहुत बाक़ी है।"
कहानी सच में बाक़ी थी और IPL 2025 के दौरान उन्हें लगभग एक साथ रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) और CSK दोनों का कॉल आया। उर्विल ने बिना किसी झिझक के CSK के साथ जुड़ने का फ़ैसला किया क्योंकि वह लंबे समय से CSK के फ़ैन रहे थे और अपने आदर्श के रूप में महेंद्र सिंह धोनी का नाम कई इंटरव्यू में ले चुके थे। CSK की पीली जर्सी पहनना उनके और उनके परिवार के लिए मायूसी से खु़शियों तक आने वाला सफ़र साबित हुआ।
उन्होंने CSK के लिए पहला मैच कोलकाता में खेला और 11 गेंदों में 31 रन बनाकर बता दिया कि टीम ने उन्हें क्यों चुना है। उस सीज़न की सबसे बड़ी सीख के बारे में वह कहते हैं कि अब उन्हें अपने खेल और अपने शॉट्स पर पहले से कहीं ज़्यादा भरोसा हो गया है।
उर्विल कहते हैं, "जब आप CSK या धोनी सर की टीम में होते हो तो आपके लिए सफलता और असफलता की परिभाषा बदल जाती है। मैदान पर जाकर सिर्फ़ रन बनाना सफलता नहीं हो सकता। अगर मैं ईमानदारी से पूरा प्रयास कर रहा हूं तो वह भी सफलता है। मैंने CSK में रहते हुए ख़ुद पर विश्वास करना सीखा। यह सुनने में सरल लगता है लेकिन अब वाकई में मैं अपने हर शॉट पर पहले से कहीं ज़्यादा भरोसा करता हूं।"
जब उनसे पूछा गया कि उन्हें सबसे ज़्यादा प्रेरणा क्या देती है, तो वह जवाब देते हैं, "अब जो भी हो पापा को और मायूस नहीं देखना है। वह मेरी पारियों से बहुत ख़ुश रहते हैं। तो मैं रोज़ ऐसी ही पारी खेलने की कोशिश करता हूं, जो उनके चेहरे पर मुस्कुराहट लेकर आए। अगर मैं अपनी टीम को यह ट्रॉफ़ी (SMAT) दिला सकूं तो इससे बड़ा कुछ नहीं होगा और वह बहुत ख़ुश होंगे।"