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आंकड़े झूठ नहीं बोलते : पहले बल्लेबाज़ी में भारत के प्रदर्शन में सुधार लेकिन रोहित की फ़ॉर्म को लेकर चिंता बरकरार

ज़िम्बाब्वे के रिचर्ड एनगरावा ने अपने टी20 करियर के सबसे अधिक विकेट ऑस्ट्रेलिया में ही झटके हैं

Rohit Sharma failed to control his pull shot, India vs South Africa, Perth, T20 World Cup 2022, October 30, 2022

रोहित शर्मा ने इस साल टी20 में तीन अर्धशतक लगाए हैं  •  Associated Press

रविवार को भारत इस वर्ल्ड कप में ज़िम्बाब्वे के विरुद्ध ग्रुप स्टेज का अंतिम मुक़ाबला खेलेगा। ज़िम्बाब्वे पर जीत भारतीय टीम को सेमीफ़ाइनल का टिकट तो दिलाएगी ही साथ ही अंक तालिका में भारतीय टीम शीर्ष पर समाप्त करेगी। जिसका मतलब होगा कि सेमीफ़ाइनल में उनका मुक़ाबला इंग्लैंड से होगा लेकिन यह संभावना सच हो इसके लिए भारतीय टीम को ज़िम्बाब्वे पर जीत दर्ज करनी होगी। ऐसे में कुछ आंकड़ों का रुख़ करते हैं जोकि इस मुक़ाबले में अपनी मौजूदगी को स्थापित कर सकते हैं।
पहले बल्लेबाज़ी करते हुए भारतीय टीम के प्रदर्शन में सुधार
पिछले वर्ल्ड कप के बाद से ही पहले बल्लेबाज़ी करते हुए भारतीय टीम के प्रदर्शन में सुधार देखा गया है। 2021 की शुरुआत से लेकर पिछले वर्ष आयोजित हुए वर्ल्ड कप तक भारतीय टीम ने 10 पारियों पहले बल्लेबाज़ी करते हुए प्रति पारी 7.7 के रन रेट से रन बनाए थे लेकिन टी20 वर्ल्ड कप के बाद भारतीय टीम ने 25 पारियों में पहले बल्लेबाज़ी करते हुए प्रति पारी औसतन 9.3 के रन रेट से स्कोर बनाए हैं। साथ ही 2021 से लेकर वर्ल्ड कप तक भारतीय बल्लेबाज़ औसतन 6.9 गेंदों पर बाउंड्री लगाते थे। जबकि वर्ल्ड कप के बाद से पहले बल्लेबाज़ी करते हुए भारतीय बल्लेबाज़ अब हर पांचवीं गेंद पर बाउंड्री लगाते हैं।
रोहित शर्मा की फ़ॉर्म बनी चिंता का सबब
भले ही पहले बल्लेबाज़ी करते हुए भारतीय टीम के प्रदर्शन में सुधार हुआ हो लेकिन इस विश्व कप में भारतीय सलामी जोड़ी एक भी मुक़ाबले में भारतीय टीम को अच्छी शुरुआत नहीं दिला पाई है। इसकी बड़ी वजह कप्तान रोहित शर्मा और के एल राहुल का लय प्राप्त नहीं कर पाना रहा है। हालांकि राहुल ने बांग्लादेश के ख़िलाफ़ अर्धशतक जड़ कर फ़ॉर्म में वापस आने के संकेत दिए हैं लेकिन रोहित नीदरलैंड्स के विरुद्ध अर्धशतक जमाने के बाद साउथ अफ़्रीका और बांग्लादेश के विरुद्ध सस्ते में पवेलियन लौट गए।
इस साल खेले टी20 अंतर्राष्ट्रीय पारियों में रोहित आधी मर्तबा 20 के अंदर आउट हुए हैं। कुल 27 पारियों में वह 14 बार 19 या उससे कम के स्कोर पर आउट होने के साथ-साथ आठ बार दहाई का आंकड़ा तक नहीं छू पाए हैं। जबकि नौ मौक़ों पर उन्होंने 30 से अधिक का स्कोर खड़ा किया लेकिन इस साल उनके बल्ले से सिर्फ़ तीन अर्धशतक ही निकले हैं।
क्या रज़ा एक बार फिर साबित होंगे ज़िम्बाब्वे के सिंकदर
इस साल टी20 में सिकंदर रज़ा रिकॉर्ड अपने आप में बहुत कुछ कहता है। रज़ा ने इस साल अपनी पिछली 15 पारियों में 40 की औसत और 162 के स्ट्राइक रेट से 540 रन बनाए हैं। वह टी20 इतिहास में ज़िम्बाब्वे के लिए सबसे ज़्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज़ों की सूची में तीसरे स्थान पर हैं। हालांकि भारतीय टीम के विरुद्ध आंकड़े संतोषजनक नहीं हैं। रज़ा ने टी20 में अग़र किसी टीम के ख़िलाफ़ सबसे ख़राब औसत से रन बनाए हैं तो वह भारतीय टीम ही है जिसके ख़िलाफ़ वह 4 पारियों में महज़ 9 की औसत से केवल 39 रन बना पाए हैं।
एनगरावा और मुज़राबानी पिला सकते हैं बल्लेबाज़ों को पानी
इस वर्ल्ड कप में ज़िम्बाब्वे ने पहले सुपर 12 में क्वालीफ़ाई किया और फिर ग्रुप स्टेज में पाकिस्तान के ख़िलाफ़ बड़ा उलटफेर करते हुए पाकिस्तानी टीम के लिए सेमीफ़ाइनल की राह में रोड़ा बन गई। हालांकि इस विश्व कप में ज़िम्बाब्वे का सफर उतना यादगार नहीं रहता अगर रिचर्ड एनगरावा और ब्लेसिंग मुज़ाराबानी ने उम्मीदों के मुताबिक प्रदर्शन न किया होता। रिचर्ड एनगरावा की बात करें तो उन्होंने अपने टी20 करियर में सबसे ज़्यादा आठ विकेट ऑस्ट्रेलियाई सरज़मीं पर ही लिए हैं। वहीं पाकिस्तान के ख़िलाफ़ जीत में अहम भमिका निभाने वाले और बांग्लादेशी बल्लेबाज़ों के नाक में दम कर देने वाले मुज़ाराबानी का टी20 रिकॉर्ड भी भारतीय टीम के लिए मुश्किल खड़ी कर सकता है। अपनी तेज़ और उछाल भरी गेंदों से बल्लेबाज़ों को परेशान करने वाले मुज़ाराबानी ने इस साल खेले कुल 11 टी20 अंतर्राष्ट्रीय मुक़ाबलों में छह बार दो या दो से अधिक विकेट झटके हैं। ऐसे में भारतीय टीम को ज़ाहिर तौर पर ज़िम्बाब्वे को हल्के में आंकने की भूल नहीं करनी चाहिए।

नवनीत झा ESPNcricinfo हिंदी में एडिटोरियल फ़्रीलांसर हैं।