विजय हज़ारे ट्रॉफ़ी में शाहरुख़, इशांत, रशीद और अन्य खिलाड़ियों पर रहेंगी निगाहें
छह खिलाड़ी जिनके निकट भविष्य पर इस टूर्नामेंट का असर पड़ सकता है
देवरायण मुथु और शशांक किशोर
11-Nov-2022
शाहरुख़ ख़ान, तमिलनाडु के प्रमुख खिलाड़ियों में से एक हैं • NurPhoto/Getty Images
टी20 फ़ॉर्मेट में खेले जाने वाले सैयद मुश्ताक़ अली ट्रॉफ़ी के बाद फ़ोकस अब 12 नवंबर से शुरू हो रहे वनडे फ़ॉर्मेट में खेले जाने वाले विजय ट्रॉफ़ी पर आ गया है। यहां बढ़िया प्रदर्शन करने से खिलाड़ी भारत ए टीम में जगह, आईपीएल अनुंबध या राष्ट्रीय टीम का दरवाजा खटाखटा सकते हैं। आइए उन छह खिलाड़ियों पर एक नज़र डालते हैं जिनके निकट भविष्य पर आगामी टूर्नामेंट का असर पड़ सकता है।
इशांत शर्मा (दिल्ली)
राष्ट्रीय चयनकर्ता, लंबा क़द और हार्ड लेंथ गेंदबाज़ के विकल्प के रूप में प्रसिद्ध कृष्णा की ओर देख रहे हैं। इस कारण ऐसा लग रहा है कि इशांत शर्मा अब भारत के टेस्ट सेटअप का हिस्सा नहीं हैं। वह आईपीएल 2022 की नीलामी में भी नहीं बिके थे, लेकिन इससे उनका घरेलू क्रिकेट खेलने का उत्साह कम नहीं हुआ।
इशांत ने इस साल सैयद मुश्ताक़ अली ट्रॉफ़ी में अच्छा प्रदर्शन करते हुए चार मैचों में 6.60 की इकॉनमी रेट से पांच विकेट लिए। उन्होंने नकल बॉल को भी अपने तरक़श में जोड़ लिया है। हालांकि अगर उन्हें आईपीएल में वापसी करनी है तो उन्हें विजय हज़ारे ट्रॉफ़ी में भी ज़बदरस्त प्रदर्शन करना होगा। विजय हज़ारे ट्रॉफी के मैच चार साल से भी अधिक समय बाद लिस्ट ए क्रिकेट में उनका पहला मैच होगा।
शाहरुख़ ख़ान (तमिलनाडु)
शाहरुख़ ख़ान ने इस साल की शुरुआत में फ़रवरी में हुए आईपीएल नीलामी में अपने नाम के पीछे भागने के लिए टीमों को मज़बूर किया था , लेकिन आईपीएल 2022 में वह आठ पारियों में 110 से कम के स्ट्राइक रेट से केवल 117 रन ही बना पाए। सीज़न के बीच में उन्हें बेंच पर बिठा दिया गया और जितेश शर्मा ने फ़िनिशर की भूमिका निभाई। हाल ही में हुए सैयद मुश्ताक़ अली ट्रॉफ़ी में भी शाहरुख़ की फ़ॉर्म ख़राब रही, जहां उन्होंने 93.75 की स्ट्राइक रेट से पांच पारियों में 45 रन बनाए। लखनऊ की पिचें बड़े शॉट लगाने के लिए आसान नहीं थीं और साथ ही दिनेश कार्तिक के राष्ट्रीय कर्तव्य पर होने के कारण गत चैंपियन तमिलनाडु पहले दौर से आगे बढ़ने में विफल रहा।
हालांकि विजय हज़ारे ट्रॉफ़ी से पहले चेपॉक में बांग्लादेश की टीम के ख़िलाफ़, जिसमें कई अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ी शामिल थे, वनडे मैचों में शाहरुख़ ने शानदार फ़ॉर्म दिखाया था। दूसरे वनडे में शाहरुख़ ने 69 गेंदों में शतक बनाया और विशेष रूप से बाएं हाथ के स्पिनर ताईजुल इस्लाम के ख़िलाफ़ आसानी से रन बटोरे। अगर शाहरुख़ विजय हज़ारे ट्रॉफ़ी में अपनी फ़ॉर्म को बरक़रार रखते हैं तो संभावित रूप से आगामी नीलामी में भी एक और हलचल पैदा कर सकते हैं। हालांकि पंजाब किंग्स ने उन्हें अभी तक रिलीज़ नहीं किया है। वह अपने दूसरे स्किल - ऑफ़स्पिन पर भी काम कर रहे हैं और टीएनपीएल और बांग्लादेश के ख़िलाफ़ उन्होंने नियमित रूप से गेंदबाज़ी की।
देवदत्त पड़िक्कल (कर्नाटका)
अपने पहले दो घरेलू सीज़न में ज़बरदस्त फ़ॉर्म में रहने के बाद देवदत्त पड़िक्कल के फ़ॉर्म में कुछ गिरावट आई है। एक समय पड़िक्कल को लेकर राष्ट्रीय टीम में ओपनिंग स्लॉट के लिए चर्चा हो रही थी लेकिन अब वह भारत ए के लिए भी चयनित नहीं हो पा रहे हैं।
एक टी20 बल्लेबाज़ के तौर पर पड़िक्कल की सबसे बड़ी कमी मिडिल ओवरों में रन गति को बढ़ाए रखने में उनकी अक्षमता रही है। राजस्थान रॉयल्स की टाम में जॉस बटलर के साथ यशस्वी जायसवाल से पारी की शुरुआत कराने के कारण पड़िक्कल को ज़्यादा नंबर 4 पर बल्लेबाज़ी करनी पड़ी। यह देखा जाना बाक़ी है कि 2023 में वे किस फ़ॉर्मूले के साथ जाएंगे और यदि राजस्थान की टीम पड़िक्कल को रिटेन नहीं करती है तो कर्नाटका के इस बल्लेबाज़ को नीलामी में एक बार फिर से उतरने के लिए अच्छे रन की आवश्यक्ता होगी।
एक और समस्या है। कर्नाटका के लिए पड़िक्कल ज़्यादातर समय ओपनिंग करते हैं। और सैयद मुश्ताक़ अली ट्रॉफ़ी में उन्होंने महाराष्ट्र के ख़िलाफ़ 62 गेंदों में नाबाद 124 रनों की पारी खेलकर ध्यान खींचा, लेकिन इस टूर्नामेंट में यह उनका एकमात्र संतोषजनक स्कोर था। वह वनडे फ़ॉर्मेट में अच्छे रनों के साथ फ़िनिश करना चाहेंगे। चयनकर्ता अब अगले साल होने वाले वनडे विश्व कप के लिए खिलाड़ियों का पूल बनाने की ओर देखेंगे। पृथ्वी शॉ, शुभमन गिल, केएल राहुल और ऋतुराज गायकवाड़ सभी टीम में जगह के लिए प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं, पड़िक्कल को चयनकर्ताओं के ध्यान में आने के लिए एक असाधारण सीज़न की ज़रूरत है।
शेख़ रशीद (आंध्र प्रदेश)
शेख़ रशीद आईपीएल 2022 की नीलामी का हिस्सा नहीं थे। उन्होंने फ़रवरी में नीलामी के कुछ ही दिनों बाद प्रथम श्रेणी में पदार्पण किया और पांच महीने बाद टी 20 फ़ॉर्मेट में खेली जाने वाली आंध्र प्रीमियर लीग में सबसे अधिक रन बनाने वालों में से एक खिलाड़ी के रूप में उभरे। रशीद ने पांच पारियों में 121.37 की स्ट्राइक रेट से 159 रन बनाए।
कोविड -19 के कारण 2021 अंडर -19 विश्व कप के शुरुआती मुक़ाबले मिस करने के बाद, उन्होंने क्रमशः 94 और 50 के स्कोर के साथ सेमीफ़ाइनल और फ़ाइनल में ज़बरदस्त खेल दिखाया। 18 वर्षीय यह खिलाड़ी थोड़ा लेगस्पिन भी कर सकता है और विजय हज़ारे ट्रॉफ़ी उन्हें उच्च स्तर पर अपने कौशल का प्रदर्शन करने का एक और मौक़ा देगी।
प्रेरक मांकड़ (सौराष्ट्र)
भारत में तेज़ी गेंदबाज़ी ऑलराउंडर दुर्लभ हैं। हार्दिक पंड्या के अलावा आपको कोई दूसरा कोई जल्दी नहीं दिखेगा जो 130 से ऊपर की गेंदबाज़ी कर सके और बड़े हिट लगा सके। लेकिन कुछ ऐसे ही एक खिलाड़ी को सौराष्ट्र पिछले कुछ सालों से तैयार कर रहा है। 28 वर्षीय प्रेरक मांकड़ का घरेलू क्रिकेट करियर सात साल का है और शायद एक ऑलराउंडर के रूप में अपने शीर्ष पर हैं।
उन्होंने सैयद मुश्ताक़ अली ट्रॉफ़ी में मुंबई के ख़िलाफ़ 25 गेंदों में नाबाद 61 रनों की पारी खेलकर सौराष्ट्र को सेमीफ़ाइनल की दौड़ में बरक़रार रखा और अपने पावर-हिटिंग कौशल की झलक दिखाई। गेंद के साथ वह बल्लेबाज़ों को पीछे धकेल सकते हैं, साथ ही अपने धीमी गेंदों से उन्हें चकमा भी दे सकते हैं। लेकिन अपने कौशल को देखते हुए, उन्होंने टूर्नामेंट में बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद की होगी।
इन ऑलराउंड क्वलिटियों की वजह से ही 2022 की नीलामी में पंजाब किंग्स ने उनपर बोली लगाई, लेकिन गेम टाइम नहीं मिला। नए कप्तान शिखर धवन और नए कोच ट्रेवर बेलिस की अगुवाई में मांकड़ के पास टीम की योजनाओं में मज़बूती से शामिल होने का अवसर होगा। प्रेरक, सैयद मुश्ताक़ अली ट्रॉफ़ी में उतना अच्छा नहीं कर पाए थे लेकिन उनके सामने अब 50 ओवरों का बेहतरीन टूर्नामेंट है।
यश ठाकुर (विदर्भ)
यश दयाल और मोहसिन ख़ान की तरह विदर्भ के यश ठाकुर भी उसी रेस में हैं। सिवाय यह कि यश ठाकुर दाएं हाथ के तेज़ गेंदबाज़ हैं। यश 140 कीलोमीटर प्रतिघंटी की रफ़्तार के आसपास गेंदबाज़ी कर सकते हैं और गेंद को दोनों तरफ़ घुमा सकते हैं। और टी20 में उनके आंकड़े भी ज़बरदस्त हैं। 37 टी20 मुक़ाबलों में उन्होंने 6.68 की इकॉनमी से 55 विकेट लिए हैं। यश ने सैयद मुश्ताक़ अली ट्रॉफ़ी में शानदार प्रदर्शन किया, उन्होंने दस मैचों में 7.17 की इकॉनमी से 15 विकेट लिए।
उनकी सबसे बड़ी ताक़त किसी भी परिस्थिति से सामंजस्य बिठाना है। एक नई गेंद के गेंदबाज़ के रूप में शुरुआत करने के बाद, वह एक बेहतरी डेथ बॉलर बनने के लिए काम कर रहे हैं। यश के उभरने से विदर्भ के तेज़ रफ़्तार वाले विकल्प में ज़रूर मदद मिली है, ख़ासकर उमेश यादव के राष्ट्रीय कर्तव्य पर लंबे समय तक दूर रहने और रजनीश गुरबानी के तेज़ी से बढ़ने के बाद गिरने से। यश ने नेट गेंदबाज़ के रूप में कई आईपीएल में गेंदबाज़ी की है और हाल ही में वह पंजाब किंग्स के दल का हिस्सा थे।