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विराट कोहली ने लिया टेस्ट क्रिकेट से संन्यास

सोशल मीडिया पर दी जानकारी, वनडे खेलते रहेंगे

ESPNcricinfo स्टाफ़
12-May-2025 • 5 hrs ago
Virat Kohli drives through the off side, Australia vs India, 5th Test, Sydney, 1st day, January 3, 2025

ऑस्ट्रेलिया दौरा कोहली की आख़िरी सीरीज़ थी  •  Cricket Australia/Getty Images

भारतीय बल्लेबाज़ विराट कोहली ने टेस्ट क्रिकेट से संन्यास ले लिया है। उन्होंने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर यह जानकारी देते हुए लिखा कि वह अपने टेस्ट करियर की ओर मुस्कुरा कर देखेंगे।
उन्होंने लिखा, "टेस्ट क्रिकेट में पहली बार बैगी ब्लू पहनने के 14 साल हो गए। सच कहूं तो मैंने कभी नहीं सोचा था कि यह फ़ॉर्मेट मुझे ऐसी यात्रा पर ले जाएगा। इसने मुझे परखा, गढ़ा और ज़िंदगी भर साथ रहने वाले सबक सिखाए।
सफ़ेद जर्सी में खेलना बहुत विशेष होता है। वे शांत संघर्ष, लंबे दिन, और वो छोटे-छोटे पल जिन्हें शायद कोई नहीं देखता, लेकिन ये हमेशा दिल में रह जाते हैं।
इस फ़ॉर्मेट से विदा लेना आसान तो नहीं था, लेकिन यह एक सही निर्णय है। मैंने इस फ़ॉर्मेट को अपना सब कुछ दिया और इसने बदले में मुझे उससे कहीं ज़्यादा दिया, जितनी मैंने कभी उम्मीद भी नहीं की थी।
मैं इस खेल का, अपने साथ खेलने वाले हर साथी का और हर उस शख़्स का दिल से शुक्रगुज़ार हूं, जिसने इस सफर में मुझे सराहा।
मैं हमेशा अपनी टेस्ट करियर की ओर मुस्कान के साथ देखूंगा।"
अगर कोहली के टेस्ट करियर की बात की जाए तो उन्होंने 123 टेस्ट की 210 पारियों में 46.85 की औसत से 30 शतकों की मदद से 9230 रन बनाए, जिसमें नाबाद 254 उनका सर्वश्रेष्ठ स्कोर रहा। उन्होंने 68 मैचों में भारतीय टीम की कप्तानी भी की, जिसमें 40 में भारत की जीत और 17 में हार मिली, जबकि 11 मैच ड्रॉ भी हुए।
ESPNcricinfo ने रविवार को ही यह रिपोर्ट किया था कि कोहली ने BCCI से टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने की इच्छा जताई है। सूत्रों के मुताबिक, कोहली पिछले एक महीने से इस विषय पर BCCI अधिकारियों से बातचीत कर रहे थे।
टेस्ट क्रिकेट में कोहली के लिए हालिया समय खासतौर पर सफल नहीं रहा। नवंबर 2024 में पर्थ टेस्ट में जब उन्होंने नाबाद 100 रन बनाए, तो वह जुलाई 2023 के बाद उनका पहला टेस्ट शतक था। 2019 में पुणे में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ नाबाद 254 रन की पारी के बाद उनका टेस्ट औसत 55.10 तक पहुंच गया था, लेकिन पिछले 24 महीनों में यह गिरकर सिर्फ़ 32.56 हो गया था।
इसके बावजूद टीम मैनेजमेंट और चयनकर्ता चाहते थे कि इंग्लैंड दौरे पर कोहली का अनुभव टीम के साथ हो, ख़ासकर तब जब भारत एक नए कप्तान के नेतृत्व में खेलेगा। रोहित शर्मा के टेस्ट क्रिकेट से संन्यास के बाद शुभमन गिल को अगला टेस्ट कप्तान बनाए जाने की सबसे ज़्यादा संभावना है।
रोहित के अलावा आर अश्विन ने भी पिछले साल के अंत में ऑस्ट्रेलिया दौरे के दौरान अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लिया था। चेतेश्वर पुजारा और अजिंक्य रहाणे इस समय टीम में शामिल नहीं हैं और मोहम्मद शमी की फ़ॉर्म पर भी उनकी लंबी चोट के बाद वापसी को लेकर सवाल उठ रहे हैं। केएल राहुल, रवींद्र जाडेजा और जसप्रीत बुमराह ही अब उस दौर से जुड़े हुए खिलाड़ी बचे हैं, जब भारत ने लगातार दो विश्व टेस्ट चैंपियनशिप फ़ाइनल खेले थे। पहला फ़ाइनल कोहली की कप्तानी में, जबकि दूसरा फ़ाइनल रोहित की कप्तानी में खेला गया था।
कोहली और रोहित को BCCI के ताजा कॉन्ट्रैक्ट में सबसे ऊंची श्रेणी A+ में शामिल किया गया था। यह श्रेणी आम तौर पर उन खिलाड़ियों के लिए होती है, जो तीनों फ़ॉर्मेट में खेलते हैं। दोनों ने पिछले साल भारत के विश्व कप जीतने के बाद T20I से संन्यास ले लिया था और टेस्ट से भी संन्यास लेने के बाद वे अब सिर्फ़ वनडे क्रिकेट के लिए उपलब्ध रहेंगे।
कोहली ने अपना टेस्ट डेब्यू 2011 के मध्य में भारत के वेस्टइंडीज़ दौरे पर किया था। किंग्स्टन में पहले मैच में उन्होंने 4 और 15 रन बनाए। पूरे दौरे में उन्होंने पांच पारियों में कुल 76 रन बनाए। उसी साल मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में वेस्टइंडीज के खिलाफ खेलते हुए उन्होंने 52 और 63 रन बनाए और पहली बार सबसे बड़े फ़ॉर्मेट में अपनी काब़िलियत की झलक दिखाई। इसके बाद भारत का ऑस्ट्रेलिया दौरा मुश्किल भरा रहा, जिसमें भारत को 4-0 से हार का सामना करना पड़ा, लेकिन कोहली ने सीरीज के आखिरी टेस्ट के दौरान ऐडिलेड में अपना पहला टेस्ट टेस्ट शतक लगाया।
कोहली की पहली बड़ी टेस्ट सीरीज़ भी ऑस्ट्रेलिया में रही, जब 2014-15 में उन्होंने ऐडिलेड में दो शतक लगाए और फिर मेलबर्न व सिडनी में भी शतक लगाकर सीरीज़ में कुल 692 रन बनाए। इस दौरान उनका औसत 86.50 का रहा। तब तक वे भारत के टेस्ट कप्तान भी बन चुके थे।
MS धोनी दौरे पर टीम के नामित कप्तान थे, लेकिन पहले टेस्ट में अंगूठे की चोट के कारण वह नहीं खेल पाए, जिससे कोहली को पहली बार कप्तानी का मौक़ा मिला। धोनी ब्रिसबेन के दूसरे टेस्ट में लौटे और तीसरे टेस्ट तक कप्तान रहे, लेकिन उस मैच के बाद उन्होंने इस फ़ॉर्मेट से संन्यास ले लिया। इसके बाद कोहली ने टीम की पूर्णतया कमान संभाली।
कोहली की कप्तानी में भारत ने 68 में से 40 टेस्ट मैच जीते और सिर्फ़ 17 हारे। 40 जीतों के साथ कोहली भारत के सबसे सफल टेस्ट कप्तान बन गए। धोनी ने 60 टेस्ट में 27 और सौरव गांगुली ने 49 टेस्ट में 21 जीत हासिल की थी। टेस्ट जीतों की कुल सूची में कोहली चौथे स्थान पर हैं। उनसे आगे ग्रेम स्मिथ (109 में 53 जीत), रिकी पोंटिंग (77 में 48) और स्टीव वॉ (57 में 41) हैं।
2018 का इंग्लैंड दौरा भी कोहली के टेस्ट करियर का एक अहम मुकाम था। पांच टेस्ट की इस सीरीज़ में दोनों टीमों में सबसे ज़्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी कोहली ही थे। उन्होंने 58.30 की औसत से इस सीरीज़ में 583 रन बनाए, जिसमें दो शतक शामिल थे। यह प्रदर्शन ख़ास इसलिए था, क्योंकि 2014 के दौरे में उन्होंने दस पारियों में सिर्फ 134 रन बनाए थे। 2018 का साल उनके करियर का सबसे बेहतर साल भी रहा, जिसमें उन्होंने कुल 1322 टेस्ट रन बनाए।
अपने सर्वश्रेष्ठ दौर में कोहली ने 2016 में 75.93, 2017 में 75.64, 2018 में 55.08 और 2019 में 68.00 की औसत से रन बनाए। 2016 से 2018 के बीच कोहली ने 35 टेस्ट में 3596 रन बनाए। इस दौरान उनका औसत 66.59 रहा और उन्होंने 14 शतक और आठ अर्धशतक लगाए।