फ़ीचर्स

खेल में बदलाव लाने के लिए रॉड्रिग्स को मिली कोहली से प्रेरणा

रॉड्रिग्स ने कहा कि नंबर तीन के मुक़ाबले पर नंबर पर पांच पर बल्लेबाज़ी करना एकदम अलग है

Jemimah Rodrigues provided the impetus towards the end with a 15-ball 28 not out, India vs Nepal, Women's Asia Cup 2024, Dambulla, July 23, 2024

"पावर हिटिंग पर काम अभी भी जारी है"  •  Getty Images

T20 विश्व कप से ठीक पहले भारत की मध्यक्रम की बल्लेबाज़ जेमिमाह रॉड्रिग्स ने ESPNcricinfo से हाल ही में दिल्ली में QUA ब्रांड शूट के मौक़े पर बात करते हुए उनके नए नंबर 5 पर खेलने का आदी होने, विराट कोहली से समानता, विश्व कप जैसे मुद्दों पर खुलकर बात की।

नंबर 5 पर नई चुनौती?

मेरे लिए सबसे ज़रूरी है कि टीम मुझसे क्या चाहती है और मैं कैसे उसमें अपना योगदान दे सकती हूं, फिर चाहे यह नंबर 3 हो, ओपनिंग हो या फिर निचला क्रम। टीम को विश्वास है कि नंबर 5 पर मैं टीम के लिए बड़ा अंतर पैदा कर सकती हूं और मैं उसके लिए तैयार हूं। मेरे लिए सबसे बड़ी चीज़ ये है कि आप परिस्थितियों के अनुकूल अपने आपको कैसे ढालते हो, माइंडसेट तो लगभग वही होता है।
इस नए बल्लेबाज़ी क्रम पर मैं थोड़ा अधिक आक्रामक और सकारात्मक रहने का प्रयास कर रही हूं क्योंकि कई बार नंबर 5 पर परिस्थितियां, नंबर 3 से बिल्कुल अलग होती हैं। नंबर 3 पर आप पारी खड़ी करते हो, साझेदारी बनाते हो और अपनी टीम को मोमेंटम देते हो। वहीं नंबर 5 पर आपको परिस्थितियां तो पता होती हैं, आपको वहां से जो भी कुछ मिलता है, हासिल करना होता है। मैं उस पर बहुत काम कर रही हूं। नेट्स पर भी मैं अब पहले ही गेंद से प्रहार करने की कोशिश करती हूं क्योंकि कई बार हो सकता है कि आपको एक गेंद पर 6 रन चाहिए हो।
पावर हिटिंग की बात करूं तो उस पर काम अभी भी जारी है। हो सकता है कि दूसरों की तुलना में मुझे इस पर अधिक मेहनत करनी पड़े क्योंकि मेरा गेम टाइमिंग का गेम अधिक है। लेकिन मैं इस पर काम कर रही हूं और मुझे ख़ुशी भी है कि यह काम कर रहा है। मेरे पापा हमेशा कहते हैं कि तेज़ रन बनाने के लिए आपको हमेशा ताक़त की ज़रूरत नहीं होती, बल्कि दिमाग़ चाहिए होता है। पावर हिटिंग पर यह अब तक की मुझे मिली सर्वश्रेष्ठ सलाह है।

भारतीय टीम का फ़ील्डिंग और फ़िटनेस पर ज़ोर

जब से अमोल मज़ूमदार सर हमारे कोच बने हैं, उन्होंने विशेष रूप से फ़ील्डिंग और फ़िटनेस पर ज़ोर दिया है। हाल ही में सिर्फ़ फ़ील्डिंग और फ़िटनेस पर हमारा एक शिविर लगा था, जहां हमने इन दोनों चीज़ों पर बहुत मेहनत की। यह एक लंबी प्रक्रिया है, लेकिन मैं आपको आश्वासन दे सकती हूं कि हम निश्चित रूप से इन दोनों क्षेत्रों में बेहतर हो रहे हैं। हमारे फ़ील्डिंग कोच मुनीश बाली सर भी इस दिशा में अलग-अलग खिलाड़ियों पर विशेष ध्यान देते हैं। सबको एक कार्ययोजना दी गई है और सब इस पर काम भी कर रहे हैं। यह अच्छी बात है कि हम अलग-अलग विशिष्ट चीज़ों पर भी विशेष ध्यान दे रहे हैं।

विराट कोहली को देख आपके गेम में किस तरह का सुधार हुआ है?

मुझे लगता है कि हमारी बल्लेबाज़ी शैली आपस में बहुत मिलती-जुलती है। वह जब भी छक्के लगाते हैं, गैप में खेलते हैं ताकि मिसहिट पर भी कम से कम बाउंड्री लग सके और आउट होने का ख़तरा ना हो। वह बहुत स्मार्ट क्रिकेट खेलते हैं। मैं भी अपने खेल में इसे शामिल करने की कोशिश कर रही हूं। सबसे ज़रूरी बात यह है कि जिस तरह की बल्लेबाज़ी शैली मुझे पसंद है, उसी पर मैं कायम हूं।
विराट भी विकेटों के बीच अच्छी दौड़ लगाते हैं, अपनी पारी खड़ी करने में मेहनत करते हैं, मेरे साथ भी ऐसा ही है। मैं उनसे बहुत प्रेरणा लेती हूं।
"मैं सिर्फ़ 18 साल की थी, जब किआ सुपर लीग के लिए पहली बार अकेले विदेश गई थी। वहां मुझे लॉन्ड्री, रसोई, यात्रा सब काम अकेले ही करना पड़ता था। मैं अपार्टमेंट में रहती भी अकेले थी। उस अनुभव से मेरे व्यक्तित्व के अंदर बहुत बदलाव आया।"
जेमिमाह रॉड्रिग्स

हरमनप्रीत कौर ने कहा है कि वह भी पुरुष टीम की तरह विश्व कप जीतकर देश को ख़ुश होने का एक मौक़ा देना चाहती हैं…

कोई भी खुले बस में लाखों की भीड़ के सामने मरीन ड्राइव पर घूमना चाहेगा। लेकिन इन सबसे अधिक ज़रूरी भारत के लिए विश्व कप उठाना है। अगर ऐसा होता है तो यह महिला टीम के लिए पहली बार होगा। पिछले साल अंडर-19 की लड़कियों ने ऐसा किया था और अगर हम भी करते हैं तो यह एक मज़ेदार अनुभव होगा। हम पुरुष टीम से प्रेरणा ले रहे हैं और उम्मीद है कि उनकी सफलता को हम दोहरा सकेंगे।

फ़्रैंचाइज़ी क्रिकेट से लाभ

मैं पहली बार 18 साल की उम्र में किआ सुपर लीग में खेली थी। वह मेरे लिए जीवन बदल देने वाला अनुभव था। यह पहली बार था, जब मैं अकेले विदेश गई थी। वहां मुझे लॉन्ड्री, रसोई, यात्रा सब काम अकेले ही करना पड़ता था। मैं अपार्टमेंट में रहती भी अकेले थी। उस अनुभव से मेरे व्यक्तित्व के अंदर बहुत बदलाव आया और मैं मज़बूत बनी। दुनिया भर में घूम-घूमकर अलग-अलग टीममेट के साथ जितना आप अधिक क्रिकेट खेलोगे, आप उतना ही बेहतर होंगे। द हंड्रेड, WBBL, CPL और WPL में खेलने का अनुभव कुछ ऐसा ही था।

WCPL के अनुभव से विश्व कप तैयारियों में मदद

CPL में पिच और परिस्थितियां चुनौतीपूर्ण थी और वहां की परिस्थितियों में ढलकर मुझे बहुत आत्मविश्वास मिला है। UAE में विश्व कप के दौरान हम वहां की भी परिस्थितियों में ढल जाएंगे। अब मुझे पता है कि अलग-अलग परिस्थितियों में कैसे खेलना है, जिसका मुझे विश्व कप में लाभ होगा।

दया सागर ESPNcricinfo हिंदी में सब एडिटर हैं।dayasagar95