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हरमनप्रीत : आज मैं महसूस कर सकती हूं कि ट्रॉफ़ी जीतना कैसा लगता है

मुंबई इंडियंस के डब्ल्यूपीएल चैंपियन बनने के बाद अहम खिलाड़ियों और सपोर्ट स्टाफ़ ने अपनी प्रतिक्रिया दी

चैंपियन बनने के बाद डब्ल्यूपीएल ट्रॉफ़ी चुमतीं हरमनप्रीत कौर  •  BCCI

चैंपियन बनने के बाद डब्ल्यूपीएल ट्रॉफ़ी चुमतीं हरमनप्रीत कौर  •  BCCI

मुंबई इंडियंस ने हेली मैथ्यूज़ और इसी वॉन्ग के तीन-तीन विकेट और नैटली सिवर-ब्रंट के नाबाद अर्धशतक की मदद से ब्रेबोर्न स्टेडियम में खेले गए एक रोमांचक फ़ाइनल में दिल्ली कैपिटल्स को हरा दिया और पहली विमेंस प्रीमियर लीग (डब्ल्यूपीएल) चैंपियन बन गई। जीत के बाद मुंबई इंडियंस के खिलाड़ियों और सहयोगी स्टाफ़ ने कुछ इस तरह से अपनी बातें रखीं।
हरमनप्रीत कौर: यह हम सभी के लिए बहुत अच्छा अनुभव था, हम इतने सालों से इस पल की प्रतीक्षा कर रहे थे। मुझे लगता है कि सभी ने ड्रेसिंग रूम में लुत्फ़ उठाया।
(अपने व्यक्तिगत अनुभव पर) यह एक सपने जैसा है, ना केवल मेरे लिए बल्कि दर्शकों के लए भी। इतने सारे लोग हमसे पूछ रहे थे, 'डब्ल्यूपीएल कब आने वाला है?' और आज वह दिन आ गया। मैं बहुत ख़ुश हूं और गौरवान्वित महसूस कर रही हूं कि हमारी टीम ने इतना अच्छा प्रदर्शन किया। जब आपके पास इतनी लंबी बैटिंग लाइन-अप हो तो आपको बस मैदान में जाकर अपना खेल दिखाना होता है और ड्रेसिंग रूम में हम इसी बारे में बात करते रहे हैं। मैं वास्तव में बहुत ख़ुश हूं कि सभी ने ज़िम्मेदारी ली और हमने जो भी चर्चा की थी, उसी के मुताबिक़ खेले।
सकारात्मक रहना हमारे लिए सबसे बड़ी कुंजी थी। और ऐसा लगता है कि आज हम थोड़े भाग्यशाली भी रहे, काफ़ी फ़ुलटॉस गेंदें हुईं, लेकिन सब कुछ हमारे पक्ष में गया। मुझे लगता है कि जब भी आप मैदान में जाते हैं तो इसीकी उम्मीद करते हैं। यह हम सभी के लिए एक विशेष क्षण है, और मैं इस पल का काफ़ी लंबे समय से इंतज़ार कर रही थी, और आज मैं महसूस कर सकती हूं कि कोई ट्रॉफ़ी जीतने के बाद कैसा महसूस होता है। मुझे लगता है कि सभी सपोर्ट स्टाफ़ को इसका श्रेय देना चाहिए। ये मेरे लिए बहुत अच्छा अनुभव रहा, अब अगले साल का इंतज़ार है।
हमने सिर्फ़ इस बारे में बात की कि हम ड्रेसिंग रूम में कितने सकारात्मक थे और बस इस बारे में चर्चा करते रहे किस तरह से आगे बढ़ना है। हमने अपनी प्लानिंग को बहुत अच्छी तरह से अंजाम दिया और यही कारण है कि हम आज यहां हैं।
नैटली सिवर-ब्रंट: (अपनी पारी पर) ये बहुत ख़ास थी। मुझे ख़ुशी है कि दबाव के बावजूद मैं मैदान पर डटी रही और आख़िर तक वहां रहना काफ़ी विशेष था।
(हरमनप्रीत और कर के साथ अपनी साझेदारी पर) मुझे काफी मुश्क़िल लग रहा था और हरमन एक अच्छे टोटल की ओर आगे बढ़ रही थीं इसलिए उसने मुझसे दबाव हटा लिया। एमेलिया [कर] ने भी वही किया। मुझे पता था कि अगर मैं मैदान पर आख़िर तक रही तो हम जीत जाएंगें। आख़िरी तीन-चार ओवरों में हमने काफ़ी रन दे दिए, जिससे खेल और रोचक हो गया।
(ख़िताब जीतने पर) ये काफ़ी मायने रखता है। टूर्नामेंट की शुरुआत में, मुझे ज़्यादा कुछ नहीं पता था और उसके बाद मुंबई इंडियंस की ख़ास साथियों के साथ मिलकर खेलना और यहां तक पहुंचना वाक़ई में ख़ास है।
हेली मैथ्यूज़: ये काफ़ी रोमांचक है, अपने तरह के पहले टूर्नामेंट में हिस्सा लेना इसलिए इतिहास का हिस्सा बनना बहुत रोमांचक रहा। हमने पूरे टूर्नामेंट में काफ़ी उतार-चढ़ाव देखे और आख़िरकार फ़ाइनल जीतने में कामयाब रहे इससे काफ़ी ख़ुशी हुई है। पहले ही साल में जीतना और इतिहास रचना बहुत मायने रखता है।
(अपने पसंदीदा विकेट पर) मुझे लगता है कि हर विकेट, विकेट होता है, लेकिन मैंने अमेलिया कर को थोड़ा चिढ़ाते हुए न्यूजीलैंड के बारे में याद दिलाया और अब यहां विकेट लेना काफ़ी संतोषजनक रहा। आख़िर में जीत ख़ुशी देती है। आज जब मैं गेंदबाज़ी कर रही थी तो विकेट से मदद मिली। बहुत ख़ुश हूं कि टीम की जीत में योगदान दे सकी।
अमीलिया कर: बहुत अच्छा महसूस होता है जब नैटली सिवर दूसरे छोर पर विजयी रन बनाए। मुझे लगता है कि इन्हीं पलों के लिए आप ट्रेनिंग करते हैं, कड़ी मेहनत करते हैं। इन पलों में बस आप बाक़ी सभी बातों को भूलते हुए चीज़ों को सरल रखते हैं और अपना बेहतरीन प्रदर्शन करते हैं। एक बेहतरीन फ्रैंचाइज़ी और शानदार टीम के साथ आज की ख़िताबी जीत मिलना बहुत ख़ुश कर देने वाली है।
(खचाखच भरे स्टेडियम में खेलने पर) आप ज़ोन में आते हैं और अपने खेल पर ध्यान देते हैं। गेंदों के बीच में दर्शकों का शोर सुनाई देता है, ये कमाल की अनुभूति है। इतने सारे दर्शकों के सामने खेलना अविश्वसनीय है। लेकिन जैसे ही खेल शुरू होता है, फ़ोकस खेल पर चला जाता है।
(मुख्य कोच शार्लट एडवर्ड्स पर) शार्लट उन बेहतरीन कोचों में से हैं जिनके साथ मैं खेली हं। उनके पास क्रिकेट ज्ञान का भंडार है और उनके साथ क्रिकेट पर बात करने से ही बहुत कुछ सीखने को मिलता है। वे कई टीमों को फ़ाइनल तक लेकर गई हैं। इसलिए आज उनके लिए जीतना था। एक अच्छी इंसान और शानदार कोच को ख़िताब दिलवाना काफ़ी भावुक और ख़ुश कर देने वाला है।
शार्लट एडवर्ड्स, मुख्य कोच: मैं सातवें आसमान पर हूं। पहली बार ये ख़िताब जीतना, क्रिकेट के मेरे सबसे महान लम्हों में से एक है। ये एक बेहतरीन ग्रुप है, सभी एक साथ एक दूसरे से घुल-मिलकर रहे और इस दौरान मज़बूत दोस्ती ने भी रुप लिया है ।
हमने उन्हें सभी को छुट्टी दी थी क्योंकि सभी थके हुए थे। आराम करना ज़रूरी था। हमने कल एक टीम मीटिंग की जिसमें दिल्ली की टीम पर ग़ौर किया। और आज काफ़ी रिलैक्स रखा। जब मैदान पर होते हैं तो जी-जान से होते हैं औऱ जब छुट्टी होती है तो ख़ूब मज़ा करते हैं। आप शायद ये कह सकते हैं कि सभी एक-दूसरे के लिए खेले। हरमन एक बेहतरीन कप्तान हैं। मैं उनके लिए बहुत ख़ुश हूं। ये एक अद्भुत अनुभव रहा।
झूलन गोस्वामी, मेंटॉर और गेंदबाज़ी कोच: [फ़ुलटॉस पर मिले विकेट पर] आप इन सभी बातों का प्लान नहीं बना सकते हैं, लेकिन सारा श्रेय गेंदबाज़ों को जाता है। और लॉटी [एडवर्ड्स] को भी धन्यवाद, जिस तरह से उन्होंने एक लीडर की तरह पूरी टीम को संभाला, मेरे लिए एक बेहतरीन अनुभव था। कोच के रूप में यह मेरी पहली जिम्मेदारी थी। इसलिए लॉटी, सपोर्ट स्टाफ़ और पूरी टीम को धन्यवाद - जिस तरह से उन्होंने हमेशा मुझमें विश्वास बनाए रखा । सभी खिलाड़ियों ने भी अपना सब कुछ लगा दिया और हर अवसर पर अपना सर्वश्रेष्ठ दिया।
(हरमनप्रीत कौर के खिताब जीतने पर) वे कई बार इन हालातों से गुज़री हैं लेकिन जीत नहीं सकीं । लेकिन इस बार वे काफ़ी दृढ़ और फ़ोकस थीं। उनकी बल्लेबाज़ी में भी ये देखा जा सकता था और वे सभी खिलाड़ियों के साथ ज़िम्मेदारी से ताल-मेल बैठा रही थीं। हम सभी ने आपस में संवाद किया और जब भी ज़रूरत थी उन्होंने लीड किया। मुझे लगता है कि जिस तरह से उसने पूरी टीम को संभाला वो अद्भुत था। ये लोग टी-20 वर्ल्ड कप से सीधे ही यहां आ गए और एक बार भी उसने थकावट के बारे में बात नहीं की। पहले दिन से उसने कहा कि वो सभी ज़िम्मेदारी लेना चाहती हैं और सुनिश्चित करना चाहती हैं हम टूर्नामेंट जीतें।
यास्तिका भाटिया: यह बहुत ही ख़ास है, इसे शब्दों में बयां नहीं कर सकते। मैं इस जीत के बाद बहुत ही ख़ुश हूं। और टीम पर बहुत गर्व है। हम कल काफ़ी निश्चिंत थे। हमने बस छोटी-छोटी चीज़ों पर ध्यान दिया और हम सिर्फ़ अपने प्लान्स पर ही पूरा ध्यान लगा रहे थे।
सैक़ा इशाक़: मैं इतनी ख़ुश हूं कि इसे समझा भी नहीं पा रही हूं। मेरा सपना सच हो गया है। मैंने अपनी योजना में ज़्यादा बदलाव नहीं किया। अगर मुझे विकेट नहीं भी मिलते हैं, तो भी मैं सिर्फ़ डॉट बॉल डालने पर ध्यान देती । अगर प्लान ए और प्लान बी काम नहीं करता तो प्लान सी ये था कि डॉट बॉल करना है और वॉन्गी [वॉन्ग] का प्लान सी था कि फ़ुलटॉस पर विकेट लेना है (हंसते हुए)।