वह ऐसा अपनी बल्लेबाज़ी के लिए नहीं कह रहे हैं, क्योंकि वह कुछ ऐसा करते हैं जो अन्य बल्लेबाज़ों के लिए मुश्किल है और ऐतिहासिक मौक़ों पर ऐसा करने की उनको महानता हासिल है। वह दिन का खेल ख़त्म होने के बाद ऑस्ट्रेलिया की गेंदबाज़ी के बारे में बात कर रहे हैं, जहां विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के ख़िताब पर उन्होंने अपनी पूरी पकड़ बना ली है, लेकिन वास्तव में उन्होंने ऊंचाइयों को छूए बिना इस क्षमता को दिखाया है।
जब स्मिथ से पूछा गया कि उनके आक्रमण ने क्या सही किया है, तो उन्होंने कहा, "लगता है कि उस ऑफ़ स्टंप पर आठ मीटर की लेंथ पर बने रहना ज़रूरी है।"
"हमने थोड़ी परिवर्तनशील उछाल और सीम मूवमेंट देखी है, इसलिए यदि हम स्टंप के करीब गेंद को रखकर चुनौती दे रहे हैं तो यह बल्लेबाज़ों को पवेलियन भेजने का सबसे तेज़ तरीक़ा है। जहां पर आउट साइड ऐज लग सकती है, जब गेंद सीम के साथ बाहर निकले या अंदर आए। ऐसे में पैड और स्टंप्स खेल में आ जाते हैं, जहां कुछ गेंद नीची रह सकती हैं और कुछ अंदर आ सकती हैं। जितना हमें चाहिए उतना सरल इसे रखें।"
जिस लेंथ की स्मिथ ने बात की वह गुड लेंथ से अधिक फ़ुलर थी, लेकिन ड्राइव करने वाली लेंथ से शॉर्ट थी, जिस पर हिट करना आसान नहीं होता है। तेज़ गेंदबाज़ आए और इसी पर लगातार गेंद करने की कोशिश की। भारत पूरी पारी में ऐसा लगातार नहीं कर पाया।
पैट कमिंस को इस लेंथ को पकड़ने में अधिक समय नहीं लगा।
मिचेल स्टार्क को पूरे दिन यह नहीं मिली।
स्कॉट बोलंड के लिए तो वह लेंथ उनका घर है,
कैमरन ग्रीन के बारे में क्या कहें किसी भी खिलाड़ी को इतना अच्छा नहीं होना चाहिए।
एक बार जब कमिंस वहां पहुंच गए, तो इस आक्रमण का पूरा अविश्वसनीय ख़तरा बहुत जल्दी स्पष्ट हो गया। रोहित शर्मा 19 गेंद में 15 रन बना चुक थे और जब बोलंड आए तो कुछ बाउंड्री लगाकर सहज महसूस कर रहे थे। तुरंत ही एक मेडन जिसमें उन्होंने पहली गेंद छोड़ी लेकिन बाक़ी सभी खेलने पर मजबूर हुए।
अगले ओवर में उन्होंने एक पुल लगाया लेकिन कमिंस को वह लेंथ और वह मूवमेंट मिल गया और बाक़ी जो पिच ने किया वह इसका सबूत था।
इस पर बहस होगी कि शुभमन गिल और चेतेश्वर पुजारा अपनी ग़लती से आउट हुए क्योंकि वह गेंद की लाइन को जज नहीं कर पाए। लेकिन सच्चाई यह है कि सभी बल्लेबाज़ों के आउट होने पर यही बहस की जा सकती है।
लेकिन गिल के बारे में हक़ीक़त यह है कि इस गेंद पर फंसने से पहले बोलंड नो डॉट बॉल कर चुके थे। नौ में से आठ जिसको भारत को खेलना पड़ा, तीन जिसमें गिल ने खेली। क्रिकेट एक जिज्ञासा है, जहां गेंदबाज़ सवाल पूछते हैं। बल्लेबाज़ के पास जवाब देने के दो तरीक़े होते हैं : या तो गेंद को खेलो या छोड़ो। इसके अलावा कोई अलग तरीक़ा नहीं है।
और जितना अधिक उस निर्णय का परीक्षण होता है, चाहे कोई बल्लेबाज़ गेंद को लगातार छोड़ रहा हो या लगातार खेल रहा हो, तो उतने ही अधिक मौक़े बनते हैं, जैसा कि यहां हुआ, बल्लेबाज़ फंस जाता है।
कुछ ऐसा ही पुजारा के साथ हुआ। वह बोलंड का पूरा ओवर खेल गए। अगले ओवर में ग्रीन आए और पुजारा के पास नॉन स्ट्राइकर एंड पर ग्रीन द्वारा पूछे गए सवालों को सोचने का समय था, लेकिन पांचवीं गेंद पर उन्होंने ग़लत जवाब दिया।
हो सकता है कि अगर जॉश हेज़लवुड पूरी तरह से फ़िट होते तो बोलंड यह मैच नहीं खेलते। लेकिन जिस तरह का ख़ौफ़ उन्होंने इन परिस्थतियों में पैदा किया है वह शानदार है क्योंकि इंग्लैंड में ड्यूक बॉल से वह पहली बार गेंदबाज़ी कर रहे थे और इसका सबूत पूरी दोपहरी देखने को मिला।
स्मिथ ने कहा, "वह जो कोण प्रदान करते हैं, हमारे कुछ अन्य गेंदबाज़ों की तुलना में थोड़ा पीछे रखता है, जो उनकी ख़ासियत है। कद में छोटे गेंदबाज़ों की गेंद थोड़ी स्किड होती है। तो यदि थोड़ा सीम मूवमेंट मिलता है तो गेंद के अधिक मूव होने का मौक़ा बनता है और वह तब भी गेंद को स्टंप में हिट करते हैं। तो जो कौशल उनके पास है उससे उनके पास हर समय विकेट लेने का मौक़ा रहता है। चाहे हो सकता है कि वह बिग थ्री [कमिंस, स्टार्क, हेज़लवुड] को पीछे छोड़ रहे हों, मुझे इसका जवाब नहीं पता लेकिन वह सच में शानदार है।"
जिस तरह से बोलंड लगातार गेंद को स्टंप पर हिट कर रहे थे उससे दोनों आक्रमण में अंतर दिखा। क़रीब 7.5% गेंद भारतीय तेज़ गेंदबाज़ों ने स्टंप्स पर की। वहीं ऑस्ट्रेलिया ने 9% गेंद की। यह बड़ा अंतर नहीं है लेकिन इसकी निरंतरता देखते हुए उन्हें सफलता मिली है।
और जब वह स्टंप्स पर गेंद नहीं कर रहे थे तो टेस्ट की सबसे बेहतरीन गेंद स्टार्क से निकलकर आती है जो अच्छी शुरुआत नहीं कर पाए थे। अपना पहला छोटा स्पेल करने के बाद वह दोबारा आए। उन्होंने मिडिल स्टंप पर विराट कोहली को बाहर जाती बैक ऑफ़ लेंथ गेंद डाली, एक ऐसी गेंद जिस पर किसी भी पिच पर बल्लेबाज़ आउट हो सकता है। यह गेंद कहीं से भी स्टंप्स पर नहीं थी और यह कहीं से भी एक साधारण गेंद भी नहीं थी।
इसने अचूक धारणा को भी मज़बूत किया कि इंग्लैंड का नया बल्लेबाज़ी दृष्टिकोण, जो पहले से ही न्यूज़ीलैंड, साउथ अफ़्रीका और भारत के कठिन गेंदबाज़ी आक्रमण का सामना कर चुका है, उन्हें इस गर्मी अपनी सबसे बड़ी परीक्षा का सामना करना पड़ सकता है।
यह आसान नहीं होने जा रहा है।
स्मिथ ने कहा, "मुझे लगता है कि बैज़बॉल अप्रोच इस तरह की विकेट पर आसान नहीं होगी, जहां गेंद ऊंची, नीची रह रही है और सीम हो रही है। इन गेंद को डिफ़ेंड करना आसान नहीं है। मैं इसको लेकर उत्सुक हूं कि वह यह अप्रोच हमारे गेंदबाज़ों के सामने कैसे लाते है।"
"उन्होंने वाकई कुछ गेंदबाज़ी आक्रमण के सामने यह शानदार काम किया है लेकिन उन्हें हमारा सामना करना बाक़ी है और तो हम देखेंगे। यह देखना रोचक होगा, जिस तरह से वे खेलें हैं मैंने उसका पूरा लुत्फ़ लिया है, लेकिन हमें इंतज़ार करना होगा और देखना होगा कि वह हमारे ख़िलाफ़ कैसे खेलते हैं।"
उस्मान समिउद्दीन ESPNcricinfo में सीनियर एडिटर हैं। अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी में सीनियर सब एडिटर निखिल शर्मा ने किया है।