विश्व टेस्ट चैंपियनशिप एकादश: किसको मिली जगह, कौन जगह बनाने से चूका?
WTC का पहला संस्करण समाप्त होने के बाद ESPNCricinfo स्टाफ़ ने यह टीम चुनी है, जिसमें विजेता न्यूज़ीलैंड, उपविजेता भारत सहित ऑस्ट्रेलिया के भी तीन खिलाड़ी हैं।
पहले विश्व टेस्ट चैंपियनशिप की दो साल की अवधि के दौरान दुनिया के कुछ प्रमुख क्रिकेटरों ने शानदार प्रदर्शन किया। ESPNcricinfo स्टाफ़ ने इस टूर्नामेंट के सर्वश्रेष्ठ एकादश टीम को चुनने की कोशिश की है।
रोहित शर्मा ने विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के दौरान ही टेस्ट क्रिकेट में ओपनिंग करना शुरू किया। सलामी बल्लेबाज़ के रूप में अपनी पहली सीरीज़ में उन्होंने दक्षिण अफ्रीका के ख़िलाफ़ चार पारियों में दो शतक और एक दोहरे शतक के साथ 529 रन बनाए। 2020-21 में ऑस्ट्रेलिया के दौरे पर, उन्होंने सिडनी में दूसरी पारी में 52 रनों की पारी खेली। फिर, इंग्लैंड के खिलाफ घरेलू सीरीज़ में जिन पिचों पर अधिकांश बल्लेबाज़ों ने संघर्ष किया, वहां पर चेन्नई के दूसरे टेस्ट के पहले दिन उन्होंने 161 का स्कोर बनाया।
विश्व टेस्ट चैंपियनशिप में करुणारत्ने ने कुल चार शतक बनाए। इसमें से पहला शतक न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ 268 रनों के लक्ष्य का पीछा करने के दौरान आया था। वह दक्षिण अफ्रीका के निराशाजनक दौरे पर सफल होने वाले श्रीलंका के एकमात्र शतकवीर बल्लेबाज़ थे। इसके अलावा उन्होंने विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के दौरान ही पल्लेकेली में बांग्लादेश के ख़िलाफ़ अपने करियर की सर्वश्रेष्ठ 244 रन की पारी खेली थी।
विश्व टेस्ट चैंपियनशिप जब शुरू हुआ तब लबुशेन ऑस्ट्रेलियाई टीम के नियमित सदस्य भी नहीं थे, लेकिन स्टीवन स्मिथ को लॉर्ड्स में लगी चोट ने उन्हें ज़िंदगी का मौका दे दिया। उन्होंने न केवल ऑस्ट्रेलिया में नंबर 3 स्थान पर कब्जा किया, बल्कि वह ऑस्ट्रेलिया की तरफ से चैंपियनशिप में सबसे अधिक रन बनाने वाले बल्लेबाज़ भी बने। घर में लगातार पारियों में 185, 162 और 143 रनों की पारी के बाद उन्होंने तीन एशेज अर्द्धशतक और सिडनी में न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ अपना पहला दोहरा शतक बनाया। इसके बाद भारत के खिलाफ घरेलू श्रृंखला में भी वह अग्रणी स्कोरर रहे, जिसमें उन्होंने सिडनी में दो अर्द्धशतक के साथ गाबा में एक शतक भी बनाया।
विश्व टेस्ट चैंपियनशिप की शांत शुरुआत के बाद विलियमसन ने न्यूज़ीलैंड के 2020-21 के घरेलू सत्र के दौरान तीन शतकों के साथ वापसी की। हैमिल्टन में वेस्टइंडीज़ के ख़िलाफ़ उनकी 251 रन की पारी तब आई थी, जब न्यूज़ीलैंड के अन्य संघर्ष कर रहे थे। पाकिस्तान के ख़िलाफ़ क्राइस्टचर्च में खेली गई उनकी 238 रन की पारी ने न्यूज़ीलैंड को पारी से जीतने में मदद की। उन्होंने भारत के खिलाफ कम स्कोर वाले फ़ाइनल में भी 49 और 52* का महत्वपूर्ण स्कोर बनाया।
एक साल के प्रतिबंध से वापसी करने के बाद स्मिथ ने इंग्लैंड में एशेज में 774 रन बनाकर विश्व टेस्ट चैंपियनशिप की धमाकेदार शुरुआत की। एजबेस्टन में उन्होंने दोनों पारियों में शतक बनाए और अपनी टीम को जीत दिलाई। लॉर्ड्स में सिर की चोट के बाद वापसी करते हुए उन्होंने ओल्ड ट्रैफर्ड में पहली पारी में 211 रन बनाया और ऑस्ट्रेलिया को एशेज बरकरार रखने में मदद की। भारत के ख़िलाफ़ घरेलू श्रृंखला में उन्होंने सिडनी में ड्रॉ हुए मुकाबले में 131 और 81 रन बनाए थे।
स्टोक्स ने 2019 एशेज में अकेले दम पर इंग्लैंड को हेडिंग्ले टेस्ट जिताया। उनके 135* के स्कोर ने इंग्लैंड को 359 रन के ऐतिहासिक लक्ष्य का पीछा करने में मदद की और महान टेस्ट जीत की पटकथा लिखी। पोर्ट एलिजाबेथ में उनके 120 रन ने इंग्लैंड को दक्षिण अफ्रीका में सीरीज़ में बढ़त दिलाने में मदद की और ओल्ड ट्रैफर्ड में वेस्टइंडीज़ के ख़िलाफ़ उनके 176 और 78* ने उन्हें प्लेयर ऑफ दी मैच बनाया। उन्होंने विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप में 34 विकेट भी लिए, जिसमें सोउथैंप्टन में वेस्टइंडीज़ के ख़िलाफ़ 49 रन देकर 4 विकेट और अहमदाबाद में गर्म स्पिन के अनुकूल परिस्थितियों में प्रभावशाली चार विकेट भी शामिल हैं।
2020 इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) में ख़राब प्रदर्शन के बाद पंत ने ऑस्ट्रेलिया के 2020-21 दौरे में भारत के सीमित ओवर टीम में अपना जगह खो दिया था और टेस्ट टीम में भी उनकी जगह पर संदेह था। यह सब ऑस्ट्रेलिया दौरे के बाद बदल गया, जब उन्होंने भारत के नंबर एक विकेटकीपर बल्लेबाज़ के रूप में अपनी जगह पक्की कर ली। सिडनी में उनके 97 रन ने भारत को लगभग एक असंभव जीत दिला ही दी थी। इसके बाद गाबा में उन्होंने 89 रन की पारी खेल भारत को 328 रनों का लक्ष्य दिलवा दिया और भारत को एक ऐतिहासिक सीरीज़ जीत दिलाई। उन्होंने इस फ़ॉर्म को घर में भी बरकरार रखा और इंग्लैंड के ख़िलाफ़ 91 और 101 रन बनाए व भारत को 3-1 से सीरीज़ जीताने में मदद की।
अश्विन विश्व टेस्ट चैंपियनशिप में सबसे अधिक विकेट लेने वाले गेंदबाज़ हैं। हालांकि उनके 71 में से 52 विकेट घर पर आए लेकिन उनका सबसे प्रभावशाली प्रदर्शन ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ आया, जहां उन्होंने तीन टेस्ट मैचों में 12 विकेट लिए थे। मेलबर्न में उन्होंने मैथ्यू वेड, स्मिथ और टिम पेन को आउट कर ऑस्ट्रेलिया को 195 रन पर ऑल आउट कर दिया। घर पर उन्होंने 2019 में साउथ अफ़्रीका के ख़िलाफ़ भारत की 3-0 के क्लीन स्वीप में सर्वश्रेष्ठ गेंदबाज़ी की थी। विशाखापत्तनम में दूसरी पारी में उन्होंने सात विकेट लिए थे। उन्होंने बल्ले से भी जब-तब अपना योगदान दिया और सिडनी टेस्ट को बचाने के लिए नाबाद 39 रन बनाए। चेन्नई में इंग्लैंड के ख़िलाफ़ उन्होंने एक शतक भी बनाया।
जेमीसन ने 2020 में भारत के ख़िलाफ़ घरेलू सीरीज़ में अपने पहले स्पेल में चेतेश्वर पुजारा और विराट कोहली का विकेट लेकर एक स्वर्णिम शुरुआत की। उन्होंने क्राइस्टचर्च में भारत के ख़िलाफ़ अपने दूसरे टेस्ट मैच में अपना पहला पांच विकेट हासिल किया। इस साल की शुरुआत में इसी मैदान पर पाकिस्तान के खिलाफ उन्होंने मैच में अपना पहला दस विकेट हासिल किया। फ़ाइनल में सात विकेट हासिल करने वाले इस गेंदबाज़ को प्लेयर ऑफ द मैच चुना गया।
पैट कमिंस 2019 ऐशेज़ में पांच टेस्ट में 29 विकेट लेकर सबसे अधिक विकेट लेने वाले गेंदबाज़ थे। घर पर खेले 18 पारियों में से सिर्फ दो पारियां ऐसी थीं, जिसमें उन्हें कोई विकेट नहीं मिला। उन्होंने एडिलेड में दूसरी पारी में चार विकेट लेकर भारत को 36 रन पर समेट दिया था। यहां तक कि भारत ने जब 2020-21 में गाबा पर एक ऐतिहासिक जीत हासिल की, तब भी वह ऑस्ट्रेलिया के लिए सबसे बेहतरीन गेंदबाज़ थे और उन्होंने सात में से कुल चार विकेट झटके थे।
साउदी ने कोलंबो में छह विकेट लेकर विश्व टेस्ट चैंपियनशिप की बेहतरीन शुरुआत की। 2019-20 के ऑस्ट्रेलिया दौरे पर वह न्यूज़ीलैंड सर्वश्रेष्ठ के गेंदबाज़ थे। पर्थ में गुलाबी गेंद से उन्होंने 69 रन देकर 5 विकेट लिए। उन्होंने लगातार अच्छा प्रदर्शन करना जारी रखा और न्यूज़ीलैंड ने 2020 से घर पर सभी छह टेस्ट मैच जीते। इस दौरान उन्होंने 300 टेस्ट विकेट के आंकड़े को भी पार किया। फ़ाइनल में भी उन्होंने भारत के ख़िलाफ़ दूसरी पारी में चार विकेट लिए और अपनी टीम को एक ऐतिहासिक जीत दिलाई।