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रणनीति: मांधना को कैसे रोकेगी ऑस्ट्रेलिया, सदरलैंड से कैसे पार पाएगा भारत?

पहले भी भारत ने ऑस्ट्रेलिया की कमी को बाहर निकाला है और सेमीफ़ाइनल में एक बार फिर उन्हें वही करना होगा

S Sudarshanan
एस सुदर्शनन
28-Oct-2025 • 6 hrs ago
Smriti Mandhana was solid and steady again, India vs New Zealand, Women's ODI World Cup, Navi Mumbai, October 23, 2025

Smriti Mandhana ने लगातार दिखाई है बेहतरीन फ़ॉर्म  •  AFP/Getty Images

परिचित प्रतिद्वंद्वी ऑस्ट्रेलिया और भारत महिला विश्व कप 2025 के दूसरे सेमीफ़ाइनल में नवी मुंबई में आमने-सामने होंगे। पिछले कुछ वर्षों में जब-जब ये दोनों टीमें नॉकआउट मुक़ाबलों में, भले ही T20 प्रारूप में भिड़ी हैं भारत ने ज़्यादातर समय मैच पर पकड़ बनाई रखी, लेकिन हर बार ऑस्ट्रेलिया ने अंत में जीत दर्ज की। भारत ही वह आख़िरी टीम है जिसने ऑस्ट्रेलिया को वनडे विश्व कप में हराया था। यह 2017 के सेमीफ़ाइनल में हुआ था और तब से मौजूदा चैंपियन ऑस्ट्रेलिया लगातार 15 मैचों में अपराजित है। यहां कुछ रणनीतिक बिंदु हैं, जिन पर ध्यान देकर भारत एक बार फिर इतिहास दोहराने की कोशिश कर सकता है।

मांधना बनाम शूट और गार्डनर

स्मृति मांधना इस विश्व कप में सबसे ज़्यादा रन बनाने वाली बल्लेबाज़ हैं। उन्होंने 102.52 की स्ट्राइक रेट से 365 रन बनाए हैं। इस टूर्नामेंट में उन्होंने आक्रामक बल्लेबाज़ के रूप में अपनी भूमिका निभाई है और ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ उनके हालिया आंकड़े भी पहले से कहीं बेहतर हैं।
2024 तक मंधाना की जंग ऑफ़ स्पिनर एश्ली गार्डनर के ख़िलाफ़ रही जिसकी आठ पारियों में पांच बार आउट और औसत 13.60 तथा स्ट्राइक रेट 89.47। वहीं, मेगन शूट के ख़िलाफ़ भी उनके आंकड़े कुछ ख़ास नहीं थे। 12 पारियों में चार बार आउट, औसत 24.50 और स्ट्राइक रेट 70.50।
लेकिन 2025 में ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ चार मैचों में मांधना ने दो शतक और दो अर्धशतक लगाए हैं। उन्होंने गार्डनर की 71 गेंदों पर 96 रन बनाए हैं (135.21 स्ट्राइक रेट) और अब तक एक बार भी आउट नहीं हुईं। शूट के ख़िलाफ़ उन्होंने 28 गेंदों पर 41 रन बनाए हैं (146.42 स्ट्राइक रेट) और वहां भी आउट नहीं हुई। मांधना ने लेग स्पिनर अलाना किंग (225 स्ट्राइक रेट) और जॉर्जिया वेयरहम (176.19) के साथ-साथ लेफ्ट-आर्म स्पिनर सोफ़ी मोलिन्यू (164.70) के ख़िलाफ़ भी आक्रामक बल्लेबाज़ी की है। हालांकि विश्व कप में एक बार मोलिन्यू ने उन्हें आउट किया था।
मांधना की भूमिका इस पर भी निर्भर रही है कि उनके साथ ओपनिंग कौन कर रहा है। उनकी नियमित साथी प्रतिका रावल टखने और घुटने की चोट के कारण टूर्नामेंट से बाहर हो गई हैं। उनकी जगह अब शेफाली वर्मा आई हैं जो स्वभाव से आक्रामक बल्लेबाज़ हैं। ऐसे में संभव है कि मंधाना इस बार थोड़ा स्थिर खेलें जबकि शेफाली धीरे शुरू कर बाद में आक्रामक रुख़ अपनाएं।

ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाज़ों पर दबाव बनाना

भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच विश्व कप से पहले जो द्विपक्षीय सीरीज़ हुई थी, उसमें न्यू चंडीगढ़ और दिल्ली की पिचें सपाट थीं। विशाखापत्तनम की पिच भी बल्लेबाज़ी के लिए अनुकूल थी, जहां भारत ने 330 रन बनाए थे। डीवाई पाटिल स्टेडियम में सेमीफ़ाइनल भी हाई-स्कोरिंग हो सकता है और यही भारत की सबसे बड़ी उम्मीद है।
ऐसी फ्लैट पिचों पर ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाज़ संघर्ष करते नज़र आए हैं। शूट (6.46), किम गार्थ (6.66), गार्डनर (6.06) और तालिया मैक्ग्रा (7.05) का भारत के ख़िलाफ़ इकॉनमी रेट काफ़ी अधिक रहा है, जबकि बाकी टीमों के ख़िलाफ़ ये क्रमशः 3.78, 4.90 और 5.46 रहा है और मैक्ग्रा को गेंदबाज़ी ही नहीं करनी पड़ी है। अलाना किंग की गिरावट सबसे ज़्यादा रही है। बाकी टीमों के ख़िलाफ़ 2.85 की इकॉनमी से 12 विकेट, लेकिन भारत के ख़िलाफ़ सिर्फ़ एक विकेट और 7.08 की इकॉनमी।
मांधना के लंबे समय तक टिके रहने से ऑस्ट्रेलिया को अपनी स्पिन रणनीति बदलनी पड़ी। उन्हें किंग को देर से लाना पड़ा और कई बार दोनों लेग स्पिनरों में से किसी एक को रोके रखना पड़ा। सिर्फ एनाबेल सदरलैंड ही एकमात्र गेंदबाज़ रही हैं जिन्होंने भारत के ख़िलाफ़ भी अपनी लय बनाए रखी है। उन्होंने अपनी स्लोअर गेंदों का इस्तेमाल शानदार ढंग से किया है और भारत को इसका असर विशाखापत्तनम में देखने को मिला था। सदरलैंड ने हरमनप्रीत कौर (7 पारियों में 3 बार) और ऋचा घोष (7 पारियों में 5 बार) को भी बार-बार आउट किया है। भारत को शुरुआती विकेट बचाकर बाद में आक्रमण करने की योजना पर टिके रहना होगा और सदरलैंड की चतुराई से सतर्क रहना होगा।

रेणुका, दीप्ति और बाएं हाथ की स्पिन से ऑस्ट्रेलिया को जकड़ना

रेणुका सिंह और क्रांति गौड़ ऑस्ट्रेलिया की सलामी बल्लेबाज़ों अलिसा हीली और फ़ीबी लिचफील्ड के ख़िलाफ़ पहले से अनुभव रखती हैं। हीली ने रेणुका की गेंदों पर 80.76 की स्ट्राइक रेट से रन बनाए हैं और रेणुका ने उन्हें एक बार आउट किया है। गौड़ ने विश्व कप से पहले द्विपक्षीय सीरीज़ में हर मैच में हीली को आउट किया था। शुरुआती ओवरों में स्विंग और सीम मूवमेंट का फायदा उठाकर भारत को ऑस्ट्रेलिया का मिडल ऑर्डर जल्दी मैदान पर लाना होगा।
मिडल ओवर्स में दीप्ति शर्मा की अगुवाई में स्पिन आक्रमण नियंत्रण बनाए रख सकता है। दीप्ति का रिकॉर्ड मैक्ग्रा के ख़िलाफ़ शानदार है (9 पारियों में 5 बार आउट), जबकि गार्डनर और बेथ मूनी का स्ट्राइक रेट उनके ख़िलाफ़ क्रमशः 94.54 और 90.84 है। भारत के पास एन. श्री चरणी भी हैं, जिन्होंने दोनों टीमों के बीच लीग मैच में तीन विकेट लिए थे।
ऑस्ट्रेलिया ने इस विश्व कप में अब तक बाएं हाथ की स्पिन के ख़िलाफ़ 10 विकेट गंवाए हैं जिनमें से चार पाकिस्तान के ख़िलाफ़ कोलंबो में आए जब नाशरा संधू ने तीन और सादिया इक़बाल ने एक विकेट लिया। विश्व कप से पहले ऑस्ट्रेलिया हर सात ओवर में एक बार लेफ्ट-आर्म स्पिन पर विकेट गंवाता था। अब यह औसत पांच ओवर पर एक विकेट का हो गया है।
हालांकि इसका मतलब यह नहीं कि भारत को दोनों बाएं हाथ की स्पिनरों के साथ उतरना चाहिए क्योंकि ऑफ़ स्पिनर स्नेह राणा बल्ले से भी योगदान देती हैं और लिचफील्ड के ख़िलाफ़ उनका रिकॉर्ड भी बेहतर है (74.62 की स्ट्राइक रेट, दो बार आउट)। हां, एक बात ध्यान देने योग्य है कि नवी मुंबई की पिच पर औसतन 1.6 डिग्री की ही स्पिन मिल रही है, जो इस टूर्नामेंट के सभी स्थलों में सबसे कम है।

एस सुदर्शनन ESPNcricinfo में सब-एडिटर हैं. @Sudarshanan7