एक पाटा विकेट पर किस तरह से बल्लेबाज़ी की जाती है यह आज भारतीय टीम ने दिल्ली के अरुण जेटली स्टेडियम में आज दिखाया है। अफ़ग़ानिस्तान केवल एक साझेदारी की वजह से 274 रनों तक पहुंचने में क़ामयाब रहा लेकिन भारतीय ओपनरों ने दिखाया कि किस तरह से ऐसी विकेट पर हावी हुआ जाता है और अंत में भारतीय टीम अपना दूसरा विश्व कप मुक़ाबला
आठ विकेट से जीतने में क़ामयाब रहा। चलिए तो देखते हैं इस मैच में किस भारतीय खिलाड़ी को कितनी रेटिंग्स मिली है।
रोहित शर्मा, 10 : रोहित के बारे में क्या ही कहा जाए, पाटा विकेट पर तो जैसे रोहित सब कुछ भूल जाते हैं और अपने पिटारे में रखे हुए शॉट खुल कर खेलते हैं। गेंद स्विंग नहीं हो रही थी और रोहित ने यह पहचानते हुए खुलकर रिस्क लिए। अफ़ग़ानिस्तान के गेंदबाज़ों की ख़राब लाइन भी रोहित के काम आई और एक ही शतकीय पारी में उन्होंने कई रिकॉर्ड अपने नाम कर लिए थे।
इशान किशन, 8 : जब आपका कप्तान इस तरह से खेल रहे हों और आपको टीम में अपनी जगह के बारे में संशय हो तो आप चाहते हो कि थोड़ा संभलकर चला जाए। इशान ने इस पारी में यही किया। ख़राब गेंद आई तो उन्होंने उसको बख्शा नहीं, यही इस खिलाड़ी की क़ाबिलियत है। इसका नतीज़ा यह रहा कि भारत इस मैच को बहुत पहले ही जीत गया था।
विराट कोहली, 9 : बड़ा टूर्नामेंट, बड़ा खिलाड़ी। इस बल्लेबाज़ के बारे में बस यही कहा जा सकता है और जब आप अपने घर में खेल रहे हो तो सारी प्लानिंग सारे आंकड़ें धराशायी हो सकते हैं। विराट कब इस मैच में अर्धशतक पूरा कर गए शायद पता ही नहीं चला। चाहे स्ट्रेट ड्राइव हो या उनकी पसंदीदा कवर ड्राइव, विराट हर मामले में अव्वल ही साबित हुए हैं।
श्रेयस अय्यर, 5 : पाटा विकेट पर श्रेयस की बल्लेबाज़ी आने की उम्मीद बहुत ही कम थी, लेकिन राशिद के दो विकेटों ने यह मुमकिन किया कि श्रेयस लंबे समय बाद अपने पसंदीदा दिल्ली के स्टेडियम में बल्लेबाज़ी करने उतरे थे। उनके लिए बस यही था कि उन्होंने विराट का अच्छा साथ दिया।
केएल राहुल, कोई अंक नहीं : पिछले मैच में 97 रन बनाने के बाद फ़ैंटसी प्रेमियों ने उनको अपनी टीम में तो लिया ही होगा। हालांकि जब पाटा विकेट पर दूसरी बल्लेबाज़ी हो तो भला कैसे भारतीय टीम अपने इतने विकेट गंवा सकती है हुआ भी कुछ ऐसा ही कि पिछले मैच के हीरो को इस मैच में बल्लेबाज़ी करने के लिए कुछ मिला ही नहीं।
हार्दिक पंड्या, 7 : बथर्ड डे बॉय हार्दिक पंड्या, क्या बात है। पहले गुरबाज़ को पवेलियन भेजा और इसके बाद अज़मतुल्लह उमरजई को उस वक़्त पवेलियन भेजा जब वह आक्रामक रूख अपना चुके थे और कप्तान हशमतुल्लाह के साथ शतकीय साझेदारी कर चुके थे। उनके ये दो विकेट भारत के लिए बेहद अहम रहे क्योंकि पाटा विकेट पर गुरबाज़ कुछ भी कर सकते थे और इस शतकीय साझेदारी को तोड़ना अहम भी था।
रवींद्र जाडेजा, 5 : जाडेजा के लिए यह मैच बस इसी वजह से याद किया जा सकता है कि जब वह गेंदबाज़ी के लिए नहीं आए थे तो भारतीय टीम सीमित समय से तीन ओवर पीछे था। जाडेजा और कुलदीप के स्पेल यह अंतर कम ही नहीं किए बल्कि बहुत आगे ले गए थे।
शार्दुल ठाकुर, 6 : अश्विन की जगह शार्दुल को जब लिया गया तो यह तो तय था कि उनके कोटे के पूरे 10 ओवर होने नामुमकिन हैं। ऐसा हुआ भी और रोहित ने स्लॉग ओवर आते-आते जाडेजा पर भरोसा दिखाया और दूसरी ओर हार्दिक टीम प्रबंधन के मुताबिक अपने ओवर कर चुके थे, लेकिन कहते हैं न लॉर्ड शार्दुल चूकते नहीं, बस इसलिए उनका रहमत शाह का विकेट याद कर लिया जाए।
कुलदीप यादव, 6 : कुलदीप को अपना इस मैच का पहला विकेट लेने के लिए 10वें ओवर का इंतज़ार करना पड़ा। रोहित भी जानते थे कि हशमतुल्लाह अब आक्रामक सोच रखेंगे और उन्होंने कुलदीप को गेंद थमाई। उस एक गेंद पर वह स्वीप करने के प्रयास में ऐसे फंसे कि शतक नहीं बना पाने की निराशा उनको लंबे समय तक घेरे रहेगी।
जसप्रीत बुमराह, 10 : कमाल के गेंदबाज़ हैं जसप्रीत बुमराह, यह उन्होंने एक बार फिर साबित करके दिखा दिया। अपने किस स्पेल में उनको कैसी गेंदबाज़ी करनी है यह वह अच्छी तरह से जानते हैं। पहले स्पैल में उन्होंने लेंथ से छकाया तो दूसरे स्पैल में वह भारत को विकेट नहीं दिला सके लेकिन तीसरे स्पैल में अपनी लाइन और लेंथ में लगातार बदलाव से वह अफ़ग़ानिस्तान को 300 के अंदर रोकने में क़ामयाब रहे।
मोहम्मद सिराज, 4 : ऐसा लगा जैसे आज मोहम्मद सिराज कुछ प्रयोग करने की सोच रहे थे। उनकी गेंदबाज़ी में वह दम नहीं दिखा जिसके लिए उन्होंने 2023 में याद किया जाता है। वह प्रयोग करते रहे और उन पर रन पड़ते रहे। बस यही आज की उनकी कहानी है।