भारत 176 पर 6 (हरमनप्रीत 44, शेफ़ाली 35, हरलीन 34, रनावीरा 4-39) ने श्रीलंका 171 (नीलाक्षी 43, हसिनी 37, दीप्ति 3-25, रेणुका 3-29) को चार विकेट से हराया
कप्तान
हरमनप्रीत कौर और
दीप्ति शर्मा के हरफ़नमौला खेल और
हरलीन देओल की महत्वपूर्ण पारी के दम पर भारत के मेज़बान श्रीलंका को वनडे सीरीज़ के पहले मुक़ाबले में चार विकेटों से हराया। 172 रनों के लक्ष्य को भारत ने 12 ओवर शेष रहते हासिल कर लिया।
पल्लेकेले की मुश्किल पिच पर टॉस जीतकर श्रीलंकाई कप्तान
चमारी अटापट्टू ने पहले बल्लेबाज़ी करने का निर्णय लिया। हसिनी परेरा ने पहले ओवर में दो चौके लगाकर आक्रामक शुरुआत की लेकिन कप्तान अटापट्टू तीसरे टी20 मैच में बनाए अर्धशतक के बाद अपने फ़ॉर्म को बरक़रार नहीं रख पाई। हंसिमा करुणारत्ना अपना खाता खोले बिना ही पवेलियन लौट गई लेकिन हर्षिता समाराविक्रमा के रूप में उन्हें एक अच्छी जोड़ीदार मिली। दोनों ने चौथे विकेट के लिए 34 रन जोड़े लेकिन लगातार अंतराल पर तीन विकेट गंवाने के बाद 84 के कुल स्कोर पर श्रीलंका की आधी टीम पवेलियन लौट चुकी थी।
इसके बाद
नीलाक्षी डिसिल्वा ने पारी को संभाला। निचले क्रम के बल्लेबाज़ों के साथ छोटी लेकिन अहम साझेदारियां निभाते हुए उन्होंने टीम को सम्मानजनक स्कोर की तरफ़ आगे बढ़ाया। हालांकि डेथ ओवरों में
रेणुका सिंह ठाकुर, दीप्ति और हरमनप्रीत की किफ़ायती गेंदबाज़ी ने श्रीलंका को बांधे रखा और 10 गेंद शेष रहते 171 के स्कोर पर समेट दिया।
भारत की ओर से रेणुका और दीप्ति ने सर्वाधिक तीन-तीन विकेट अपने नाम किए जबकि पूजा वस्त्रकर ने दो सफलताएं अर्जित की। भारत ने कुल आठ गेंदबाज़ों का इस्तेमाल किया और कप्तान हरमनप्रीत ने स्पिन को मदद करती पिच का पूरा लाभ उठाते हुए सात ओवरों में महज़ 1.86 की इकॉनमी से 13 रन दिए।
मिताली राज के संन्यास लेने के बाद पहला मैच खेल रही भारतीय टीम के बल्लेबाज़ों पर सभी की निगाहें थी। यह देखना था कि बल्लेबाज़ एक कठिन पिच पर किस प्रकार लक्ष्य का पीछा करेंगे। श्रीलंका ने एक छोर से पेस और दूसरे छोर से स्पिन के साथ शुरुआत की और ओशादी रनासिंघे ने भारत को दो झटके देकर बैकफ़ुट पर धकेला। पहले स्मृति मांधना नीचे रही गेंद पर बोल्ड हुई और फिर यास्तिका भाटिया स्वीप लगाने के प्रयास में अपना ऑफ़ स्टंप खो बैठी।
दूसरे छोर से दोनों विकेटों को गिरते देख रही
शेफ़ाली वर्मा ने हरमनप्रीत के साथ मिलकर पहले पारी को संभाला और फिर तेज़ी से रन बटोरे। दो छक्के और एक चौके कि मदद से 35 रन बनाने के बाद उन्होंने बड़ा शॉट लगाने का प्रयास किया और
इनोका रनावीरा की पहली शिकार बनी।
शेफ़ाली के जाने के बाद हरमनप्रीत को हरलीन का साथ मिला। 2019 में डेब्यू करने के बाद अपना केवल दूसरा वनडे मैच खेल रही हरलीन ने सकारात्मक बल्लेबाज़ी की और दबाव बनने नहीं दिया। हरमनप्रीत और हरलीन ने अपने क़दमों का बढ़िया इस्तेमाल किया और आसानी से सिंगल-डबल के साथ स्कोरबोर्ड को चलाया। दोनों ने लगभग 100 के स्ट्राइक रेट से अर्धशतकीय साझेदारी निभाई लेकिन 13 गेंदों के भीतर दोनों के आउट होने से भारतीय ख़ेमे में मौजूद सदस्यों की धड़कनें तेज़ हो गई थी।
अपने पसंदीदा स्वीप शॉट को दोहराने के प्रयास में हरमनप्रीत रनावीरा की गेंद पर विकेटों के सामने पाई गई। उन्होंने सर्वाधिक 44 रन बनाए। इसके बाद रनावीरा ने हरलीन को पगबाधा किया और ऋचा घोष को विकेटकीपर के हाथों कैच करवाकर श्रीलंका की वापसी करवाई। सटीक लाइन और लेंथ पर गेंदबाज़ी करते हुए उन्होंने अपने करियर का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया लेकिन यह मेहमान टीम को रोकने के लिए काफ़ी नहीं था।
गेंद के साथ कमाल करने के बाद दीप्ति और पूजा ने बल्ले के साथ अपना काम किया। रनावीरा के स्पेल को संभलकर खेलने के बाद दोनों ने अन्य गेंदबाज़ों को निशाना बनाया और लक्ष्य की ओर आगे बढ़े। प्लेयर ऑफ़ द मैच रही दीप्ति दूसरे छोर से दर्शक बनकर देखती रही जब पूजा ने एक ओवर में दो बड़े छक्के लगाकर भारत की जीत सुनिश्चित की।