भारत 221/4 (अग्रवाल 120*, गिल 44, एजाज़ 4-73) बनाम न्यूज़ीलैंड
मयंक अग्रवाल और शुभमन गिल के बीच पहले विकेट के लिए बढ़िया साझेदारी होने के बाद एजाज़ पटेल ने दो ओवरों में तीन विकेट झटक कर भारत को लगभग बैकफुट पर धकेल दिया था। इन तीन विकेटों में विराट कोहली और चेतेश्वर पुजारा जैसे भारत के वरिष्ठ नाम भी शामिल थे। हालांकि इसके बाद मयंक और पिछले टेस्ट के हीरो श्रेयस अय्यर के बीच एक 80 रनों की साझेदारी हुई, जिसके कारण भारत एक बार फिर से इस मैच में वापसी करने में सफल रहा। भारत का स्कोर जब 160 रन था। एज़ाज ने अपना चौथा विकेट झटकते हुए श्रेयस को भी पवेलियन का रास्ता दिखाया।
पिछले टेस्ट के बाद यह कयास लगाए जा रहे थे कि मयंक अग्रवाल और रिद्धिमान साहा को दूसरे मैच में टीम से बाहर होना पड़ सकता है। हालांकि उन्हें इस टेस्ट में टीम में जगह मिली और अपनी उपयोगिता साबित करते हुए दोनों बल्लेबाज़ों टीम के लिए कुछ बहुमूल्य रन जुटाए। श्रेयस के आउट होने के बाद दोनों खिलाड़ियों के बीच 61 रनों की नाबाद पारी हुई और दिन का खेल खत्म होने तक भारत का स्कोर चार विकेट के नुकसान पर 221 रन था।
कल रात की बारिश के कारण मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम का पिच गीली था। इसके कारण अपने तय समय से काफ़ी बाद शुरू हुआ और अंपायरों को तय समय से पहले लंच का फ़ैसला लेना पड़ा। भारतीय सलामी बल्लेबाज़ो ने काफ़ी सकारात्मक शुरुआत करते हुए कुछ बढ़िया चौके बटोरे। पहली छह गेंदों में गिल ने तीन चौके लगा दिए थे। भारतीय बल्लेबाज़ो के सकारात्मक शुरुआत और पिच मिजाज़ के कारण न्यूज़ीलैंड ने काफ़ी जल्दी स्पिन गेंदबाज़ों का आक्रमण पर बुला लिया।
मुंबई में पैदा हुए एजाज़ को आठवें ओवर में ही गेंदबाज़ी के लिए बुला लिया गया था। उन्होंने इन परिस्थितियों के बीच 29 ओवर तक की गेंदबाज़ी की, जिसमें उन्होंने 73 रन देकर चार विकेट लिए, जिसमें दस मेडन ओवर भी शामिल थे।
एज़ाज ने सबसे पहले गिल का विकेट लिया और उसके बाद वाले ओवर में उन्होंने चेतेश्वर पुजारा को अपना शिकार बनाया। इसी ओवर में उन्होंने कोहली का भी बड़ा विकेट हासिल किया। विराट एक फुलर लेंथ की गेंद को स्ट्राइड लेकर रक्षात्मक ढंग से खेलना चाहते थे लेकिन गेंद उनके पैड पर लगी और अंपायर ने उन्हें आउट करार दिया। हालांकि कोहली को शक था कि गेंद उनके बल्ले पर लगने के बाद पैड पर लगी है। इसलिए उन्होंने अंपायर के फ़ैसलो को चुनौती देते हुए रिव्यू ले लिया। रिप्ले को देख कर ऐसा प्रतीत हो रहा था कि गेंद और बल्ले में शायद संपर्क स्थापित हुआ है। हालांकि थर्ड अंपायर के पास इस बात की पुष्टि करने के लिए पर्याप्त सबूत नहीं था, जिसके कारण उन्हें फ़ील्ड अंपायर के फ़ैसले के साथ जाना पड़ा।
चाय के बाद अग्रवाल ने थोड़ी आक्रमकता के साथ बल्लेबाज़ी की। उन्होंने ब्रेक के बाद पहले 10 ओवर में टीम के द्वारा बनाए गए 45 में से 33 रनों का योगदान दिया।
देवरायण मुथु Espncricinfo के सब एडिटर हैं। अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी के सब एडिटर राजन राज ने किया था।