साउथ अफ़्रीका 149/6 (क्लासेन 81, बवूमा 35, भुवनेश्वर 13/4) ने भारत 148/6 (श्रेयस 40, कार्तिक 30*, नॉर्खिये 36/2) को छह विकेट से हराया
हेनरिक क्लासेन, जिन्हें चोटिल क्विंटन डिकॉक के जगह पर साउथ अफ़्रीकी प्लेइंग-XI में जगह मिली थी, उन्होंने अपने करियर की सर्वश्रेष्ठ पारी (81 रन) खेलकर अपनी टीम को सीरीज़ में 2-0 की बढ़त दिला दी। एक ऐसी पिच पर जो ज़्यादातर बल्लेबाज़ों के लिए चुनौतीपूर्ण साबित हो रही थी। ऐसा लग रहा था क्लासेन किसी और पिच पर बल्लेबाज़ी कर रहे थे। उन्होंने भारतीय स्पिनरों को आड़े हाथों लिया और शुरुआत में लड़खड़ाई साउथ अफ़्रीका को आसान जीत दिला दी।
भुवनेश्वर कुमार की वजह से साउथ अफ़्रीकी टीम शुरुआत में परेशानी में थी, जिन्हें स्विंग मिल रही थी। भुवी ने पावरप्ले में तीन विकेट लिए। पावरप्ले की समाप्ति पर साउथ अफ़्रीका 29 रन पर 3 विकेट गंवाकर संघर्ष कर रहा था। यह उनका भारत के ख़िलाफ़ दूसरा सबसे कम पावरप्ले स्कोर था। इस इस दौरान भुवी, भारत के
तीसरे सबसे अधिक टी20 अंतर्राष्ट्रीय विकेट लेने वाले गेंदबाज़ बने। वह अब जसप्रीत बुमराह से सात और युज़वेंद्र चहल से नौ विकेट पीछे हैं। भुवी अपना चौथा ओवर फेंकने आए और उन्होंने इस ओवर में भी विकेट लिया, लेकिन तबतक मैच साउथ अफ़्रीका की मुट्ठी में चला गया था।
तेम्बा बवूमा और क्लासेन ने चौथे विकेट के लिए 41 गेंद में 64 रन की साझेदारी कर अपनी टीम को मुश्किल से उबारा। इस साझेदारी में क्लासेन अधिक आक्रामक रहे। बवूमा के आउट होने के बाद मिलर के साथे साझेदारी में भी क्लासेन ने आक्रामकता जारी रखी।
भारत का कोई भी बल्लेबाज़ क्लासेन के अंदाज़ में बल्लेबाज़ी नहीं कर सका। इशान किशन और श्रेयस अय्यर ने क्रमश: 34 और 40 रन बनाए लेकिन भारत का मध्यक्रम साउथ अफ़्रीका के चतुर और अनुशासित आक्रमण के सामने खुलकर नहीं खेल सका।
दिनेश कार्तिक और हर्षल पटेल ने सातवें विकेट के लिए तेज़तर्रार साझेदारी कर साउथ अफ़्रीका के गेंदबाज़ी आक्रमण पर कुछ दबाव ज़रूर डाला। उन्होंने आख़िरी तीन ओवरों में 36 रन बनाकर भारत को 140 के ऊपर पहुंचाया, लेकिन यह स्कोर भी घर में साउथ अफ़्रीका के सामने भारत का तीसरा सबसे कम टी20 अंतर्राष्ट्रीय स्कोर साबित हुआ।
बवूमा की स्पिन से नई रणनीति
पहले टी20 में बाएं हाथ के स्पिनर केशव महाराज से गेंदबाज़ी की शुरुआत कराने वाले बवूमा ने कटक में स्पिनरों को नौ ओवर तक रोके रखा। तबरेज़ शम्सी ने अच्छी शुरुआत की लेकिन श्रेयस अय्यर ने उनके पहले ओवर की आख़िरी दो गेंदों पर दस रन बटोर लिए। इसके अगले ओवर की पहली गेंद पर पंत ने यही प्रयास किया लेकिन महाराज ने गेंद को उनके पहुंच से दूर रखी। गेंद से दूर रहे पंत ने आख़िरकार स्लाइस किया जिसे रासी वान दर दुसें ने डीप प्वाइंट बाउंड्री पर लपक लिया।
कार्तिक की बेहतरीन वापसी
दिनेश कार्तिक ने भारत के लिए दोबारा खेलने के लिए 1198 दिनों तक इंतज़ार किया, क्योंकि उन्होंने 27 फ़रवरी, 2019 को आख़िरी बार टी20 मैच खेला था। 6 जून को उन्हें सिर्फ़ दो गेंद खेलने को मिला था जबकि आख़िरी ओवर में हार्दिक पंड्या ने कार्तिक को स्ट्राइक देने से मना कर दिया था। कार्तिक के पास आज अधिक समय था, वह 14वें ओवर में बल्लेबाज़ी के लिए आए, लेकिन पहली 16 गेंदों में नौ रन देकर उन्हें शांत रखा गया।
भारत की पारी में जब आठ गेंदें बची थीं तब कार्तिक ने फ़ैसला किया कि अब या तो आर या पार। उन्होंने नॉर्खिये की छोटी गेंद को फ़ाइन लेग पर पर पुल करके चौका बटोरा, नॉर्खिये ने आख़िरी गेंद लेग कटर की जिसे कार्तिक ने बल्ले का चेहरा खोलकर शॉर्ट थर्डमैन के बगल से चौका निकाल लिया। अंतिम ओवर में उन्होंने प्रिटोरियस को लगातार दो छक्के जड़कर भारत कौ 150 के नज़दीक पहुंचाया और अंत में 21 गेंद में 30 रन बनाकर नाबाद रहे।
भुवनेश्वर ने दिलाई शुरुआती सफलता
उमस भरे मौसम में मैच से पहले की चर्चा स्विंग के बारे में थी, लेकिन जब गेंद भुवनेश्वर कुमार के हाथ में आई तब यह और अच्छे से मूव कर रही थी। उन्होंने दाएं हाथ के बल्लेबाज़ों के लिए गेंद को बाहर निकाला और उसके बाद रीज़ा हेंड्रिक्स को एक बेहतरीन अंदर आती गेंद पर क्लिन बोल्ड कर दिया। इससे पहले कि हेंड्रिक्स पता लगाते कि अंदर आती गेंद को बैकफ़ुट से खेलें या फ़्रंटफट से खेलें, भुवी ने उन्हें एक ऐसी गेंद की जो अंदर आई और ऑफ़ स्टंप ले उड़ी।
अगले ओवर में भुवी ने पिंच हीटर ड्वेन प्रिटोरियस को छोटी और धीमी गेंद करने की कोशिश की, और फिर नकल गेंद किया। प्रिटोरियस ने उस गेंद को आड़े बल्ले से खेला और बैकवर्ड स्क्वेयरलेग पर आवेश ख़ान को कैच दे बैठे। साउथ अफ़्रीकी टीम तीन ओवर में 13 रन बनाकर दो विकेट गंवा चुकी थी। भुवनेश्वर कुमार को पावरप्ले का आख़िरी ओवर डालने के लिए वापस लाया गया। उन्होंने रासी वान दर दुसें को पहली दो गेंदें सीधी की, और तीसरी गेंद अंदर आई और नीची भी रही जो ऑफ़ स्टंप ले उड़ी।
क्लासेन ने साउथ अफ़्रीका का काम किया आसान
क्लासेन को डीकॉक के एवज में विकेटकीपर के रूप में प्लेइंग-XI में लाया गया था, लेकिन उन्होंने ख़ुद को एक उपयुक्त बल्लेबाज़ी विकल्प के रूप में भी साबित किया। पावरप्ले की समाप्ति पर साउथ अफ़्रीका का स्कोर 3 विकेट पर 29 रन था। आवश्यक रन रेट भी 8.5 रन प्रति ओवर से ऊपर चला गया था। क्लासेन ने आक्रामक भूमिका निभाई, और भारत के स्पिनरों को निशाना बनाया। उन्होंने चहल और अक्षर को बिना डरे रूम बनाकर ज़ोरदार प्रहार किया। साउथ अफ़्रीका ने 11वें और 12वें ओवर में 32 रन बटोरे जिसमें से 26 रन क्लासेन के बल्ले से आए। इसने आवश्यक रन रेट को 7.5 से नीचे ला दिया और साउथ अफ़्रीका के लिए चेज़ आसान कर दिया।
फ़िरदौस मूंडा ESPNcricinfo की साउथ अफ़्रीकी संवाददाता हैं। अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी के एडिटोरियल फ़्रीलांसर कुणाल किशोर ने किया है।