द हंड्रेड में लंदन स्पिरिट का हिस्सा आंद्रे रसल का मानना है कि पैसे की कमी के बजाय टेस्ट क्रिकेट के प्रति रुचि में आई कमी इस प्रारूप से वेस्टइंडीज़ के खिलाड़ियों का मोहभंग होने की बड़ी वजह है। जब इंग्लैंड ने इस महीने की शुरुआत में अपने घर पर वेस्टइंडीज़ को टेस्ट श्रृंखला में 3-0 से मात दी तब वेस्टइंडीज़ के कई बड़े खिलाड़ी इंग्लैंड के ही घरेलू सर्किट के द हंड्रेड टूर्नामेंट में हिस्सा लेने की तैयारी कर रहे थे।
ऑलराउंडर रसल वेस्टइंडीज़ के उन पांच खिलाड़ियों में से एक हैं जो हंड्रेड के इस संस्करण में निर्धारित किए गए अधिकतम 1 लाख 25 हज़ार यूरो के ब्रैकेट का हिस्सा हैं। इसमें स्पिरिट के ही उनके टीम-मेट शिमरॉन हेटमायर, नॉर्दन सुपरचार्जर्स के निकोलस पूरन, ट्रेंट रॉकेट्स के रोवमन पॉवेल और सदर्न ब्रेव के कायरन पोलार्ड भी शामिल हैं।
फ़्रैंचाइज़ी लीग में भले ही इन खिलाड़ियों का अपना अलग रुतबा है लेकिन पूरन, पोलार्ड और पॉवेल ने वेस्टइंडीज़ के लिए एक भी टेस्ट नहीं खेला है। जबकि रसल ने अपना एकमात्र टेस्ट 2010 में खेला था। काफ़ी समय से ऐसा कहा जाता रहा है कि क्रिकेट वेस्टइंडीज़ की आर्थिक तंगी फ़्रैंचाइज़ी क्रिकेट के प्रति कैरिबियाई खिलाड़ियों के आकर्षण की बड़ी वजह रही है। हालांकि रसल इससे अलग राय रखते हैं।
ब्रिटेन की PA न्यूज़ एजेंसी से रसल ने कहा, "मुझे नहीं लगता कि पैसा इसकी वजह है। चूंकि वर्तमान समय में दुनिया भर में इतने लीग और T20 खेले जा रहे हैं, इसलिए मुझे लगता है कि खिलाड़ियों को टेस्ट खेलने में अधिक रुचि नहीं है। वेस्टइंडीज़ के बल्लेबाज़ों को एक के बाद एक बाउंड्री लगाते देख मैं आनंदित हो उठता हूं।"
रसल ने आगे कहा, "मुझे लगता है कि राष्ट्र का प्रतिनिधित्व करने के अलावा अगर खिलाड़ियों को विभिन्न अनुबंधों के ज़रिए बेहतर करने का मौक़ा मिलेगा तो वे ज़ाहिर तौर पर उस अवसर को भुनाने का सोचेंगे लेकिन हर कोई बड़े मंच पर प्रदर्शन करना चाहता है। इसलिए अगर टेस्ट क्रिकेट में उनके सामने कोई बड़ा मंच आएगा तो ज़ाहिर तौर पर युवा खिलाड़ी उसमें भी खेलना चाहेंगे। मुझे नहीं लगता कि यह सिर्फ़ पैसे का मामला है।"
रसल का कहना है कि उन्हें ऐसा लगता है कि वह टेस्ट क्रिकेट के लिए नहीं बने हैं। हालांकि उन्होंने 10 दिन के खेल में 3 टेस्ट मैच हारने वाली वेस्टइंडीज़ की टीम के प्रति अपनी सहानुभूति भी प्रकट की।
रसल ने कहा, "रेड बॉल क्रिकेट मेरे बस की बात नहीं है। मुझे नहीं लगता कि मेरा शरीर अपने आप को टेस्ट क्रिकेट के अनुरूप ढाल पाएगा। लेकिन जो इस समय टेस्ट टीम का हिस्सा हैं, वे चुनौतियों का सामना करने के लिए पूरी तरह से फ़िट हैं। उनके पास टेस्ट श्रृंखला में कई ऐसे अवसर भी आए थे जहां वे मैच का पासा पलट सकते थे। इंग्लैंड के ख़िलाफ़ उसके घर पर खेलना वेस्टइंडीज़ के लिए किसी भी लिहाज़ से आसान नहीं रहने वाला है।"