रोहित : मैंने टीम हित में खु़द को बाहर बैठाने का निर्णय लिया, अभी संन्यास लेने का इरादा नहीं
भारतीय कप्तान ने कहा कि अहम मैच में ख़राब फ़ॉर्म से जूझ रहे खिलाड़ियों को खिलाने का कोई मतलब नहीं
ESPNcricinfo स्टाफ़
04-Jan-2025
सिडनी टेस्ट से खु़द को बाहर बैठाने वाले भारतीय कप्तान रोहित शर्मा ने कहा है कि उन्होंने टीम हित को देखते हुए ख़ुद को एक अहम मैच में बाहर बैठाने का फ़ैसला किया। रोहित ने टीम प्रबंधन और चयनकर्ताओं से सिडनी पहुंचकर इस बात पर चर्चा की थी जिसका सभी ने समर्थन किया।
रोहित ने पांचवें टेस्ट के दूसरे दिन लंच ब्रेक के दौरान होम ब्रॉडकास्टर से कहा, "(ऑप्ट आउट हुए हैं, ड्रॉप हुए हैं या आराम दिया गया है?) तीनों चीज़ों नहीं हैं, मैं स्टूड आउट हुआ हूं। कोच और चयनकर्ताओं से जो बात हुई उसके हिसाब से मैंने कहा कि एक अहम मैच में आउट ऑफ़ फ़ॉर्म खिलाड़ियों के साथ नहीं जा सकते। मेरे इस निर्णय का टीम मैनेजमेंट और चयनकर्ताओं ने समर्थन किया। मैं आगे की नहीं सोच रहा हूं, फ़िलहाल इस समय मुझे जो लगा वो मैंने किया। मैंने ख़ुद को टीम से बाहर का निर्णय सिडनी आकर लिया। मेलबर्न टेस्ट के बाद न्यू ईयर आया इसलिए तब कोच और चयनकर्ताओं से यह बात करना सही नहीं था। इसके बाद मैंने अपनी बात रखी और उन्होंने मेरे निर्णय का समर्थन किया।"
रोहित दूसरे दिन के पहले घंटे के बाद ड्रिंक्स ब्रेक के दौरान ख़ुद मैदान पर आए थे और जसप्रीत बुमराह को शाबाशी देते हुए आगे की रणनिति की चर्चा में शामिल हुए थे।
रोहित ने कहा, "बातचीत यही हुई थी कि तेज़ गेंदबाज़ों को मदद मिलेगी और टप्पे पर गेंद डालनी होगी। अगर हमारे बल्लेबाज़ों को मुश्किल हुई तो ऑस्ट्रेलिया को भी समस्या आएगी। यह सेशन हमारे लिए अच्छा रहा और उम्मीद है कि अगला सत्र भी हम जीतेंगे।"
सिडनी टेस्ट के पहले दिन बुमराह और कॉन्स्टास के बीच तीखी बातचीत देखने को मिली थी, जिस पर रोहित ने अपनी टिप्पणी की!
उन्होंने कहा, "बिल्कुल। अगर कोई इस तरह से छेडे़गा तो हमारे लड़के छोड़ने वाले नहीं हैं। क्रिकेट खेलो, बोल बच्चन करने का क्या मतलब है।"
रोहित इस सीरीज़ का पहला टेस्ट नहीं खेले थे, जब वह लौटे तो दूसरे और तीसरे टेस्ट में उन्होंने मध्य क्रम में खेलने का निर्णय किया, लेकिन वहां पर सफल नहीं हुए। पिछले टेस्ट में वह दोबारा से ओपन करने उतरे लेकिन वहां पर भी सफल नहीं रहे।
रोहित ने कहा, "पर्थ में हम दूसरी पारी में दोहरे शतक की साझेदारी के चलते जीते थे क्योंकि तब तक गेम किसी भी पलड़े में जा सकता था। केएल राहुल और यशस्वी जायसवाल ने टीम को एक ऐसी स्थिति में ला दिया था कि हम वहां से हार नहीं सकते थे। मैं जब कप्तानी करता हूं तो यह नहीं सोचता कि पांच महीने या छह महीने के बाद क्या होने वाला है, हमारे ध्यान में फ़िलहाल यह सीरीज़ थी। यह कोई संन्यास वाला निर्णय नहीं है, मैं पीछे हटने वाला नहीं हूं। पांच छह महीने के बाद परिस्थिति बदलती है, हर मिनट बदलती है। इस बात की गारंटी नहीं है कि अगर आज बल्ला साथ नहीं दे रहा है तो आगे भी साथ नहीं देगा। माइक पर बोलने वाले पेन पेपर पर गुना भाग करने वाले लोग मेरा करियर नहीं तय कर सकते कि कब तक किसको खेलना है और कब तक कप्तानी करनी है। मैं परिपक्व व्यक्ति हूं, दो बच्चों का बाप हूं मुझे पता है कि मुझे क्या चाहिए और मैं क्या कर सकता हूं।"
उन्होंने आगे कहा, "मैं पहले दिन 2007 में जब ड्रेसिंग रूम में आया था तभी से मैं यही सोचता आया हूं कि टीम को कैसे जिताना है लेकिन कभी कभी टीम के लिए आपको ऐसे निर्णय लेना पड़ता है। मेंने इसी तरह क्रिकेट खेली है, बाहर की ज़िंदगी में भी मैं ऐसा हूं। मैं अन्य खिलाड़ियों की गारंटी नहीं ले सकता। मैं जैसा हूं वैसा हूं, मैं किसी और की गारंटी नहीं ले सकता। अगर किसी को मैं पसंद नहीं आता तो मुझे इससे फ़र्क नहीं पड़ता। बुमराह एक क्लास गेंदबाज़ हैं, उन्होंने अपने करियर में ख़ुद को काफ़ी विकसित किया है।"
रोहित के इस मैच में बाहर बैठने के बाद उनके संन्यास की अटकलें चलने लगी थी जब उनसे पूछा गया कि आने वाले समय में कौन टेस्ट में कप्तानी कर सकता है तो उन्होंने कहा, "यह कहना मुश्किल है, अभी खिलाड़ी युवा हैं और उन्हें मेहनत करने दीजिए। अभी मैं हूं, बुमराह हैं, मेरे से पहले विराट थे। उनसे पहले धोनी थे। सबने यह ज़िम्मेदारी अर्जित की थी, इसलिए उन्हें इसे हासिल करने दीजिए। कप्तानी में हर दिन आपके दिन अच्छे नहीं रहेंगे, तीन महीने में जीज़ें ख़राब नहीं हो जाती क्योंकि जिस सोच और समझ के साथ मैं छह या आठ महीने पहले कप्तानी कर रहा था, आज भी वैसी ही कप्तानी कर रहा हूं। हमें पता है कि हम भारत में रहते हैं जहां 140 करोड़ लोग हमें जज कर रहे हैं। लोग बोलेंगे लेकिन मुझे अपने आप पर संदेह नहीं करना है। मेरे निर्णय सही या ग़लत हो सकते हैं लेकिन मेरी सोच सही है। कौन सा हम मैच हारना चाहते हैं। हमने क्राउड को चुप कराया है और कौन सी टीम को दो बार यहां आकर सफलता मिली है? और तीसरी बार भी हमारे पास सुनहरा अवसर है। हम यह सीरीज़ जीत नहीं सकते लेकिन उन्हें भी जीतने नहीं देना है। अरे भाई, मैं अभी किधर भी जा नहीं रहा हूं।"