चेन्नई में लाल मिट्टी की होगी पिच, गंभीर और रोहित के सामने बड़ा सवाल
चेन्नई के परिस्थितियों के मद्देनज़र तेज़ गेंदबाज़ों को रिवर्स स्विंग भी मिलेगा
नागराज गोलापुड़ी
16-Sep-2024
19 सितंबर को भारत और बांग्लादेश के बीच पहला टेस्ट मैच खेला जाएगा • PTI
प्लेइंग XI में तीन तेज़ गेंदबाज़ों को शामिल किया जाए या तीन स्पिनरों को ? यह प्रश्न फिर से भारतीय टीम में प्लेइंग XI का फ़ैसला लेने वाले लोगों को कुछ समय के लिए व्यस्त रख सकता है। 19 सितंबर को भारतीय टीम बांग्लादेश के ख़िलाफ़ अपना पहला टेस्ट खेलने वाली है और यह सवाल कप्तान रोहित शर्मा और कोच गौतम गंभीर के लिए काफ़ी महत्वपूर्ण होने वाला है।
ESPNcricinfo को पता चला है कि यह मैच चेपॉक में लाल मिट्टी की पिच पर खेला जाएगा। इस बात की पूरी उम्मीद है कि इस पिच पर गेंदबाज़ों को बढ़िया उछाल मिलेगा और गेंद कीपर तक आराम से एक अच्छी ऊंचाई पर जाएगी। हालांकि चेन्नई में तेज़ गर्मी के कारण स्पिन समय बीतने के साथ-साथ अपनी भूमिका ज़रूर अदा करेगा। फिर भी ऐसा समझा जा रहा है कि तेज़ गेंदबाज़ पूरे टेस्ट के दौरान बल्लेबाज़ों के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकते हैं। पिच और परिस्थितियों के मुताबिक तो यहां पर तेज़ गेंदबाज़ों को रिवर्स स्विंग भी मिल सकता है।
फ़िलहाल के लिए ऐसा लग रहा है कि भारतीय टीम पांच गेंदबाज़ों के मज़ूबत बोलिंग लाइन अप के साथ मैदान पर उतरेगी, जिसमें जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद सिराज, आर अश्विन और रवींद्र जाडेजा के शामिल होने की उम्मीद है। इसके अलावा अक्षर पटेल, कुलदीप यादव, आकाश दीप और टीम के एकमात्र बाएं हाथ के तेज़ गेंदबाज़ यश दयाल भी टीम में हैं।
संयोग से भारत 2019 में बांग्लादेश के ख़िलाफ़ घरेलू टेस्ट सीरीज़ के दौरान तीन तेज़ गेंदबाज़ों के साथ मैदान पर उतरा था। ICC विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के शुरू होने के बाद यह एकमात्र ऐसी घरेलू सीरीज़ थी, जहां भारत ने तीन तेज़ गेंदबाज़ों को प्लेइंग XI में शामिल किया था। विश्व टेस्ट चैंपियनशिप फ़ाइनल में पहुंचने के नज़रिए से भारत पूरी तरह से इस सीरीज़ को जीतने का प्रयास करेगा और शायद वे दो तेज़ गेंदबाज़ और तीन स्पिनरों के साथ जा सकते हैं।
भारत नवंबर में ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ पांच मैचों की टेस्ट सीरीज़ खेलेगा, उसके तैयारियों के नज़रिए से तीन तेज़ गेंदबाज़ों को टीम में शामिल किए जाने का सोचा जा सकता है। मोहम्मद शमी संभवत: उस सीरीज़ में भारतीय टीम के साथ होंगे। ऐसे में तेज़ गेंदबाज़ी में बुमराह और सिराज के अलावा शमी होंगे, यह पक्का है, लेकिन उस सीरीज़ से पहले भारतीय टीम 2-3 और तेज़ गेंदबाज़ों को चिन्हित करना चाहेगा, जो उस सीरीज़ के दौरान काम आ सकते हैं।
चेन्नई टेस्ट में भारतीय टीम का पांचवां गेंदबाज़ कौन होगा ?•PTI
इस सीरीज़ से पहले इस बात पर चर्चा हुई थी कि भारत को बांग्लादेश और न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ होने वाली सीरीज़ का प्रयोग बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफ़ी की तैयारियों के लिए करना चाहिए या नहीं। क्या उस आधार पर BCCI पिच क्यूरेटर को तेज़ गेंदबाज़ों की मदद करने वाली पिच बनाने को कहेगा? हालांकि इस बात की भी जानकारी मिली है कि BCCI ने भारतीय टीम के थिंक टैंक को ऐसा कोई संदेश नहीं दिया है।
हालिया कुछ सालों में चेपॉक के पिचों की प्रकृति पूरी तरह से बदल गई है। भारत ने आख़िर बार चेन्नई में दो टेस्ट में 2021 में इंग्लैंड के ख़िलाफ़ खेले थे। पहला टेस्ट इंग्लैंड ने पांचवें दिन जीता था। उस मैच में भारतीय स्पिनर SG गेंद और फ्लैट पिच से काफ़ी नाराज़ थे। हालांकि दूसरे टेस्ट में इंग्लैंड की टीम दोनों पारियों में 200 का स्कोर भी पार नहीं कर पाई थी और अश्विन ने उस मैच में पांच विकेट लेने के साथ-साथ शतक भी लगाया था। इसके अलावा रोहित शर्मा ने 161 रनों की जादूई पारी भी खेली थी।
2021 में दोनों पिचों के बीच मुख्य अंतर मिट्टी की प्रकृति थी। पहले टेस्ट की पिच पूरी तरह से लाल मिट्टी की थी और मैच के अंत तक पिच बिल्कुल नहीं टूटी थी। हालांकि दूसरे टेस्ट की पिच में लाल मिट्टी और काली मिट्टी दोनों शामिल थी, जो तेज़ गर्मी के कारण उखड़ने लगी थी। इस कारण से अश्विन, जाडेजा और अक्षर को गेंदबाज़ी में काफ़ी मदद मिली थी।
हालांकि तीन साल के बाद चेपॉक की पिच अब पूरी तरह से अलग है, क्योंकि दो साल इसे फिर से बनाया गया था। यहां मौजूद नौ पिचों में से तीन लाल मिट्टी से बने हैं, जो मुंबई से लाई गई है। वानखेड़े स्टेडियम में इस्तेमाल की जाने वाली लाल मिट्टी का मुंबई संस्करण सभी गेंदबाजों लिए अच्छी उछाल प्रदान करने के लिए जाना जाता है। सोमवार को भारतीय टीम ने तीनों लाल मिट्टी की पिचों में से दो पर विशेष रूप से अभ्यास किया था। हालांकि उसके बाद उन्होंने लाल और काली दोनों मिट्टी की पिचों पर प्रशिक्षण लिया था। बांग्लादेश ने अब तक केवल काली मिट्टी के पिचों पर ही प्रशिक्षण लिया है।
हालांकि एक बात यह भी है कि भारत अगर तीन तेज़ गेंदबाज़ों को प्लेइंग XI में शामिल करना चाहता है तो उसके लिए कानपुर से ज़्यादा उपयुक्त चेन्नई की पिच है। कानपुर की पिच काली मिट्टी से बनी है, जो स्पिनरों को काफ़ी मदद करती है।