इस समय क्रिकेट साउथ अफ़्रीका क्रिकेटरों को यह विकल्प देता है कि वह राष्ट्रीय टीम के साथ बने रहें या अन्य के साथ, जिसे एल्गर ने शुरू में वफ़ादारी का एक परीक्षण कहा जो टेस्ट टीम में उनके भविष्य के चयन को निर्धारित कर सकता है। कुछ सप्ताह बाद जब खिलाड़ियों ने आईपीएल को चुना तो एल्गर का रुख़ नरम हो गया था और उन्होंने कहा कि उन्हें "ऐसी स्थिति" में रखा गया था, जिसे टीम समझ गई थी।
अब जब बांग्लादेश सीरीज़ के बाद साउथ अफ़्रीका पहला टेस्ट खेलने जा रहा है तो उनके सभी छह खिलाड़ी (कगिसो रबाडा, अनरिख़ नॉर्खिये, लुंगी एनगिडी, एडन मारक्रम, रासी वान दर दुसें और मार्को यानसन) वापस टीम में आ गए हैं और एल्गर ने उनका खुली बाहों से स्वागत किया है। एल्गर ने कहा, "हम उस परिस्थिति से अगवत थे जिसमें खिलाड़ियों को रखा गया था। वह बहुत ही ख़राब स्थिति थी जिससे उन्हें गुज़रना पड़ा और जो फ़ैसला उन्होंने लिया उसके लिए मैं उनको ज़िम्मेदार नहीं ठहरा सकता।"
उन्हें उम्मीद है कि सभी छह खिलाड़ी साउथ अफ़्रीका क्रिकेट के प्रति अपना दायित्व निभाते रहेंगे। एल्गर ने कहा, "हम निश्चिंत हैं कि वे यहां रहना चाहते हैं। मुझे पूरा यक़ीन है कि अगर आप वापस देखें तो वे साउथ अफ़्रीका के लिए टेस्ट क्रिकेट खेलना पसंद करते। उन्हें एक हिस्से में रख दिया गया और उन्हें फ़ैसला करना था और एक ग्रुप की तरह से उन्होंने निर्णय लिया। यह व्यक्तिगत फ़ैसला नहीं था, जिसके लिए मैं पूरी तरह से ख़ुश हूं कि मैं उम्मीद से ज़्यादा बैठकों में बैठा। उन्हें वापस पाकर मैं बहुत ख़ुश हूं।"
"मेरे पास मेरी मज़बूत एकादश उस समय नहीं थी लेकिन हमने टेस्ट क्रिकेट को बहुत कुछ दिया और इस टकराव की वजह से हमें हमारे युवा खिलाड़ियों को आज़माने का अवसर मिल गया। लेकिन अब उनको वापस पाकर हम ख़ुश हैं।"
साउथ अफ़्रीका के लिए तीन खिलाड़ियों ने बांग्लादेश सीरीज़ में पदार्पण किया था, जिसमें
रायन रिकलटन,
लिज़ाड विलियम्स और
खाया ज़ॉन्डो (कोविड-19 सब्सटिट्यूट) शामिल थे। रिकलटन और ज़ॉन्डो इस दौरे पर भी टीम में बने हुए हैं। टीम में ऑफ़ स्पिनर साइमन हारमर को भी शामिल किया है, जिससे केशव महाराज पर से दबाव कम होगा।
एल्गर ने कहा, "मुझे उम्मीद है कि अगर दो टूर्नामेंट में टकराव होता है तो क्रिकेट की दो बॉडी कुछ निष्कर्ष निकालेंगी। मैं चाहता हूं खिलाड़ियों को अधिक सुरक्षा देने के लिए कुछ और ठोस क़दम उठाए जाएंगे।"
एक साउथ अफ़्रीकी खिलाड़ी को जितना रैंड मिलता है उससे कई ज़्यादा वह एक आईपीएल सीज़न की सैलरी से कमा लेता है।