इस विश्व कप में पहली बार भारतीय टीम को एक टोटल सेट करना था और लखनऊ में इंग्लैंड के ख़िलाफ़ भारतीय टीम ने 40 रनों के स्कोर पर अपने तीन विकेट गंवा दिए थे। भारतीय टीम के कप्तान रोहित शर्मा के अनुसार टीम को इस स्थिति से निकालने के लिए उन्हें एक चुनौती भरी पिच पर अपने अनुभव का पूरा इस्तेमाल करने और परिस्थिति के अनुसार बल्लेबाज़ी करने की ज़रूरत थी।
मैच के बाद रोहित ने कहा, "यह सिर्फ़ मैदान में जाकर अपने शॉट्स खेलने वाली बात नहीं थी। जब आपके पास इतना अनुभव होता है तब आपको टीम की ज़रूरत के हिसाब से अपने अनुभव का उपयोग करना भी होता है। पारी के उस मोड़ पर यह ज़रूरी था कि जितना संभव हो सके मैं इस गेम को डीप ले जा सकूं और एक अच्छे टोटल तक पहुंचने के लिए साझेदारियां बनाऊं।
रोहित ने पहली 11 गेंदों पर 17 रन बना लिए थे। लेकिन इसके बाद इंग्लैंड द्वारा दिए जा रहे एक के बाद एक झटकों के चलते रोहित ने अपनी रफ़्तार को धीमा कर लिया और वह अब 40 गेंदों पर 29 रन बनाकर खेल रहे थे। के एल राहुल के साथ उन्होंने 91 जबकि सूर्यकुमार यादव के साथ मिलकर उन्होंने 33 रन जोड़े।
भारत यह मैच 100 रनों के बड़े स्कोर से जीत तो गया लेकिन भारतीय पारी समाप्त होने के बाद रोहित का मानना था कि बल्लेबाज़ों ने स्कोर बोर्ड पर कम रन बनाए हैं।
रोहित ने कहा, "मुझे अब भी यह लग रहा था कि हमने 20-30 रन कम बनाए हैं। नई गेंद का सामना करना चुनौती भरा तो था ही लेकिन खेल के आगे बढ़ने के साथ ही स्ट्राइक रोटेट करने में भी मुश्किल आ रही थी। हमें एक अच्छी साझेदारी मिली लेकिन पारी समाप्त होते होते हम पार स्कोर से 20-30 रन पीछे थे।"
"हमने बल्ले से संतोषजनक प्रदर्शन नहीं किया। पावरप्ले में तीन विकेट गंवा देना आदर्श स्थिति नहीं है। लेकिन जब हमें साझेदारी की ज़रूरत थी तो हम यह बनाने में सफल हो गए। लेकिन अंत में हमने कुछ विकेट फेंक भी दिए, जिसमें मैं भी शामिल हूं।"
टीम के संतुलन पर रोहित ने बात करते हुए कहा, "हमारे पास एक अच्छा संतुलन है। स्पिनर्स और तेज़ गेंदबाज़ों को इन परिस्थितियों में खेलने का अनुभव है। इसलिए जब आपको पता है कि आपके पास एक ऐसा गेंदबाज़ी आक्रमण है तब यह ज़रूरी हो जाता है कि बल्लेबाज़ स्कोर बोर्ड पर रन स्कोर करें ताकि गेंदबाज़ों के लिए डिफ़ेंड करने के लिए एक अच्छा टोटल और हम इसके बाद उनकी क्षमता पर निर्भर रहें।"