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आईसीसी ने गाज़ा संकट पर जागरूकता बढ़ाने के ख़्वाजा के नवीनतम प्रयास को मना किया

उनका आवेदन अपने बल्ले और जूतों पर कबूतर और जैतून की शाखा की छवि प्रदर्शित करना था

Usman Khawaja speaks to the media, MCG, December 22, 2023

उस्‍मान ख्‍़वाजा ने रविवार को एमसीजी में मीडिया से बातचीत की  •  Getty Images

आईसीसी ने गाज़ा में मानवीय संकट के बारे में जागरूकता बढ़ाने के उस्मान ख्‍़वाजा के नवीनतम प्रयास को अस्वीकार कर दिया है और उनके बल्ले और जूतों पर कबूतर और जैतून की शाखा की छवि प्रदर्शित करने के उनके आवेदन को ख़ारिज कर दिया है।
पाकिस्तान के ख़‍िलाफ़ मंगलवार से शुरू होने वाले बॉक्सिंग डे टेस्ट से पहले रविवार को एमसीजी में ऑस्ट्रेलिया के मुख्य प्रशिक्षण सत्र के दौरान ख्‍़वाजा ने अपने दाहिने जूते और अपने बल्ले के पिछले हिस्से पर लोगो प्रदर्शित किया।
लोगो मानव अधिकारों की सार्वभौमिक घोषणा के अनुच्छेद एक का संदर्भ है जिसमें लिखा है, "सभी मनुष्य स्वतंत्र पैदा हुए हैं और सम्मान और अधिकारों में समान हैं। वे तर्क़ और विवेक से संपन्न हैं और उन्हें भाईचारे की भावना से एक दूसरे के प्रति कार्य करना चाहिए।"
ख्‍़वाजा ने अपने गियर पर लोगो प्रदर्शित करने से पहले क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया और ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर्स एसोसिएशन से बात की थी और उन्हें मंजूरी दे दी गई थी, लेकिन टेस्ट मैच के दौरान लोगो प्रदर्शित करने के लिए आईसीसी ने उनके आवेदन को अस्वीकार कर दिया।
आईसीसी के एक प्रवक्ता ने ईएसपीएनक्रिकइंफ़ो को बताया, "पाकिस्तान के ख़‍िलाफ़ टेस्ट सीरीज़ के बाक़ी मैचों के लिए अपने बल्ले पर व्यक्तिगत संदेश लोगो लगाने के उस्मान ख्‍़वाजा के अनुरोध पर उचित विचार करने के बाद आईसीसी ने आवेदन को मंजूरी नहीं दी। कपड़े और उपकरण विनियमों के खंड एफ़ के अनुसार व्यक्तिगत संदेशों की अनुमति नहीं है, जो आईसीसी प्लेइंग कंडीशंस पेज पर पाया जा सकता है।"
"आईसीसी मानवाधिकारों, शांति और समानता को बढ़ावा देने के लिए खेल के मैदान के बाहर अपने प्लेटफ़ॉर्मों का उपयोग करने वाले खिलाड़ियों का समर्थन करता है और उसे वैकल्पिक प्लेटफ़ॉर्मों का उपयोग जारी रखने के लिए प्रोत्साहित करेगा।"
पर्थ में पाकिस्तान के ख़ि‍लाफ़ पहले टेस्ट के दौरान काली पट्टी पहनने के बाद आईसीसी ने ख्‍़वाजा पर कपड़े और उपकरण नियमों के उसी खंड एफ़ का उल्लंघन करने का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा कि वह इस आरोप को चुनौती देंगे, जिसमें उन्होंने शासी निकाय को बताया है कि यह "व्यक्तिगत शोक" है, लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि वह एमसीजी टेस्ट में इसे पहनना जारी नहीं रखेंगे।
ख्‍़वाजा ने शुरू में अपने जूते पर लिखकर मैदान में उतरने की योजना बनाई थी, जिसे उन्होंने गाज़ा में मानवीय संकट के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए "सभी जीवन समान हैं" और "स्वतंत्रता एक मानव अधिकार है" कहते हुए प्रशिक्षण के दौरान पहना था।
शुक्रवार को एमसीजी में ख्‍़वाजा ने कहा कि उन्हें विश्वास नहीं है कि आईसीसी लगातार अपने नियम बना रही है।
उन्होंने आर्मबैंड के बारे में कहा, "उन्होंने दूसरे दिन (पर्थ में) मुझसे पूछा कि यह किस लिए है और उन्हें बताया कि यह व्यक्तिगत शोक के लिए है। मैंने कभी नहीं कहा कि यह किसी और चीज़ के लिए था। जूते एक अलग मामला था, मुझे यह कहते हुए खु़शी हो रही है। आर्मबैंड का मेरे लिए कोई मतलब नहीं है। मैंने सभी नियमों, पिछली मिसालों का पालन किया, जो लोग अपने बल्ले पर स्टिकर लगाते हैं, उनके जूतों पर नाम, आईसीसी की मंजूरी के बिना अतीत में सभी तरह के काम किए और कभी भी फ़टकार नहीं लगाई गई।"
"मैं आईसीसी और उनके नियमों और विनियमों का सम्मान करता हूं। मैं उनसे पूछूंगा और प्रतिवाद करूंगा कि वे नियमों को सभी के लिए निष्पक्ष और बराबर बनाएं। यह स्थिरता अभी तक नहीं आई है। मैं बहुत खुला था और इसके प्रति ईमानदार हूं। मैं आईसीसी के साथ इससे निपटूंगा।"
जब ख्‍़वाजा ने पर्थ में पहले दिन आर्मबैंड पहना था तो कोई आधिकारिक बयान नहीं आया था, लेकिन उस समय यह उस वीडियो के संबंध में समझा गया था जो उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया था, जब उन्हें बताया गया था कि वह अपने जूते पर संदेश नहीं दिखा सकते हैं।
पर्थ में पहले टेस्ट से पहले ख्‍़वाजा के हाव-भाव पर रोक लगाने के आईसीसी के फै़सले की माइकल होल्डिंग ने कड़ी आलोचना की थी। वेस्टइंडीज़ के पूर्व महान तेज़ गेंदबाज़ ब्लैक लाइव्स मैटर आंदोलन के दौरान नस्लवाद पर एक प्रमुख आवाज़ उठाने वाले और खेलों में नस्लवाद पर पुरस्कार विजेता पुस्तक 'व्हाई वी नील, हाउ वी राइज' के लेखक माइकल होल्डिंंग ने वीकेंड ऑस्ट्रेलियन को बताया कि वह आईसीसी के रुख से आश्चर्यचकित नहीं थे।

एलेक्‍स मैल्‍कम ESPNcricinfo में एसोसिएट एडिटर हैं। अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी में सीनियर सब एडिटर निख्लि शर्मा ने किया है।