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आईसीसी ने पहली बार महिला क्रिकेट का सटीक कार्यक्रम बनाया

वहीं अध्यक्ष ग्रेग बार्कले का मानना है कि क्रिकेट के कार्यभार को संभालने की ज़िम्मेदारी हर बोर्ड को उठानी पड़ेगी

World Cup captains Meg Lanning, Bismah Maroof, Stafanie Taylor, Heather Knight, Sophie Devine, Mithali Raj, Sune Luus and Nigar Sultana pose with the trophy, Women's ODI World Cup 2022, Christchurch, February 25, 2022

महिला क्रिकेट का पहला भविष्य के दौरों का कार्यक्रम (एफ़टीपी) तैयार है  •  Getty Images

आईसीसी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) जेफ़ ऐलरडाइस ने बताया है कि महिला क्रिकेट का पहला भविष्य के दौरों का कार्यक्रम (एफ़टीपी) तैयार है और जल्दी ही सार्वजनिक कर दिया जाएगा। आईसीसी के सदस्य देशों के सलाह के आधार पर बनाया गया कार्यक्रम 2022-2025 की अवधि के लिए लागू होगा।
ऐलरडाइस ने इसके आगे कोई विस्तृत जानकारी नहीं दी लेकिन ईएसपीएनक्रिकइंफ़ो को जानकारी मिली है कि 2025 में भारत में होने वाले विश्व कप के लिए क्वालिफ़ायर के तौर पर विश्व चैंपियनशिप के लिए अधिकतर तीन मैच के वनडे सीरीज़ खेले जाएंगे। कुछ देश इसके साथ पांच मैचों की टी20 अंतर्राष्ट्रीय सीरीज़ का आयोजन करेंगे और टीमों को वैश्विक प्रतियोगिताओं के लिए अभ्यास मैच खेलने का भी मौक़ा मिलेगा।
बर्मिंघम में आईसीसी के वार्षिक बैठक के एक दिन बाद ऐलरडाइस ने पत्रकारों से कहा, "ऐसा पहली बार होगा कि हम महिला क्रिकेट में एफ़टीपी प्रकाशित करेंगे। हम चाहते हैं कि समर्थकों और ब्रॉडकास्टर को हम दिलासा दिला पाएं कि महिला क्रिकेट के कार्यक्रम में अनिश्चितता नहीं है।"
पिछले कुछ सालों में महिला क्रिकेट में अधिक रूचि देखने को मिली है। 2017 में जब वनडे विश्व कप में मेज़बान इंग्लैंड ने भारत को हराया था तब लॉर्ड्स में भारी तादाद में समर्थकों ने मैच का मज़ा लिया था। तीन साल बाद अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच टी20 विश्व कप फ़ाइनल देखने मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड में 85,000 से ज़्यादा दर्शक मौजूद थे।
महिला क्रिकेट में टी20 लीग का चलन भी शुरू हो गया है और इसमें महिला बीबीएल सबसे बड़ी प्रतियोगिता है। इंग्लैंड में सुपर लीग 2016 में शुरू हुआ था और उसके जगह 2021 से वहां 'द हंड्रेड' खेला जा रहा है। 2023 में भारतीय बोर्ड महिला टी20 चैलेंज के प्रदर्शन मुक़ाबलों के जगह महिला आईपीएल के पहले संस्करण की बात कर चुका है। न्यूज़ीलैंड में सुपर स्मैश 2017-18 से एक सीज़न में 16 से 30 मैच आयोजित करता है और वहां एक ऐतिहासिक फ़ैसले के तहत अब सारे क्रिकेटरों को किसी भी लिंग से होने पर बराबर की राशि मिलती है। अगले महीने वेस्टइंडीज़ में भी सीपीएल के साथ साथ तीन टीमों की महिला सीपीएल का आयोजन होगा।
आईसीसी के एक स्थाई सदस्य देश के सीईओ ने यह भी बताया कि महिला टेस्ट मैच एक "वैकल्पिक" प्रारूप बना रहेगा। यह सीईओ एफ़टीपी बनाने वाले मुख्य कार्यकारी कमेटी के सदस्य हैं।
'बोर्ड को क्रिकेट और खिलाड़ी प्रबंधन के बीच समन्वय बनाना पड़ेगा'
वहीं आईसीसी अध्यक्ष ग्रेग बार्कले का कहना है कि विश्व क्रिकेट में बढ़ता हुआ कार्यभार आख़िर में सदस्य बोर्ड्स को क्रिकेट के बेहतर प्रबंधन करने पर विवश करेगा। हाल ही में बेन स्टोक्स ने 31 साल की उम्र में वनडे क्रिकेट से संन्यास लिया था और इसकी ज़िम्मेदारी उन्होंने खिलाड़ियों पर लगातार बढ़ते कार्यभार पर डाला था। स्टोक्स 2019 में इंग्लैंड की विश्व कप जीत के बड़े नायक थे और यह फ़ैसला उन्होंने अगले विश्व कप से महज़ 16 महीने पहले लिया है।
पुरुष क्रिकेट का अगला एफ़टीपी 2023-2027 के लिए लागू होगा और हालांकि इसे सार्वजनिक नहीं किया गया है इसका लगभग पूरा ड्राफ़्ट ईएसपीएनक्रिकइंफ़ो के पास मौजूद है। नए कार्यर्कम में कई वैश्विक प्रतियोगिताओँ और द्विपक्षीय मुक़ाबलों के अलावा घरेलू लीगों के लिए अभूतपूर्व समय सुनिश्चित किया गया है। इसके अंतर्गत आईपीएल के लिए ढाई महीने की अवधि भी दी जाएगी। बार्कले ने कहा, "हमें याद रखना होगा कि कार्यक्रम के अनुसार हमारे पास सीमित समय है। साल में 365 दिन हैं और इसमें आप आईसीसी इवेंट, द्विपक्षीय सीरीज़ और घरेलू क्रिकेट सब खेलना चाहते हैं। मुझे लगता है यह गुत्थी सदस्य देशों को सुलझानी पड़ेगी। उन्हें याद रखना पड़ेगा कि एक समय आएगा जब उनके खिलाड़ी ही इतनी मात्रा में क्रिकेट नहीं खेल पाएंगे।
"कई सदस्य देश अपनी देश में टी20 लीग पर ज़ोर डाल रहे हैं। लेकिन इस बैठक में एक चीज़ जो आगे आई है वह है इन सबकी अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट के तरफ़ प्रतिबद्धता। हर बोर्ड को घरेलू क्रिकेट, अंतर्राष्ट्रीय स्पर्धा और खिलाड़ियों के सही प्रबंधन के बीच समन्वय बनाना पड़ेगा। कोई एक अप्रोच कारगर साबित नहीं हो सकता और हर बोर्ड को इस बारे में सोचना होगा।"
ऐसा समझा जा रहा है कि इस एफ़टीपी का पहला शिकार बन सकता है वनडे क्रिकेट। अगले एफ़टीपी में सुपर लीग का प्रावधान भी नहीं रहेगा, लेकिन इस बारे में बार्कले ने कहा, "तीनों प्रारूपों को लेकर अलग देशों की पसंद अलग प्रारूप हैं। आप एफ़टीपी में वनडे मैचों की संख्या में बहुत ज़्यादा परिवर्तन नहीं पाएंगे। वनडे सुपर लीग का मक़सद था वनडे मुक़ाबलों को और प्रासंगिक बनाना और अभी भी इसमें नौ महीने बचे हैं। जैसे जैसे [2023 विश्व कप के क्वालिफ़िकेशन के लिए] आख़िरी तारीख़ पास आएगी, आप एक या दो स्थानों के लिए भरपूर रोमांच देखेंगे।"

अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी में सीनियर सहायक एडिटर और स्थानीय भाषा लीड देबायन सेन ने किया है।