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भारत-बांग्लादेश सीरीज़ में भारतीय टीम ने क्या खोया-क्या पाया?

सैमसन और चक्रवर्ती ने किया शानदार प्रदर्शन लेकिन अभिषेक ने गंवाया मौक़ा

Eagle eyes by both Varun Chakravarthy and Towhid Hridoy, India vs Bangladesh, 2nd T20I, Delhi, October 9, 2024

तीन साल भारतीय टीम में वरुण ने शानदार वापसी की  •  BCCI

बांग्लादेश के ख़िलाफ़ तीन मैचों की T20 सीरीज़ में भारत ने कमाल का प्रदर्शन किया। इस सीरीज़ में भारत के कई खिलाड़ियों ने बेहतरीन प्रदर्शन किया, हालांकि कुछ खिलाड़ियों को निराशा भी मिली। आइए देखते हैं कि भारत-बांग्लादेश सीरीज़ को पूरा लेखा-जोखा क्या रहा?

अभिषेक शर्मा मौक़े का लाभ नहीं उठा सके

जब अभिषेक शर्मा को इस सीरीज़ के लिए चयनित किया गया था तो यह बात साफ़ थी कि वह एक ओपनर के तौर पर खेलेंगे और तीनों मैचों में उनके खेलने की संभावना काफ़ी ज़्यादा है। उनके पास ख़ुद को एक बैकअप ओपनर के तौर पर स्थापित करने का काफ़ी अच्छा मौक़ा था, लेकिन उनका प्रदर्शन कुछ ख़ास नहीं रहा। वह तेज़ी से रन बनाने की मंशा तो जाहिर कर रहे थे लेकिन किसी भी मैच में उनकी पारी 11 गेंदों से ज़्यादा नहीं चली। गेंदबाज़ी में उन्हें तीन ओवर फेंकने का मौक़ा मिला, जिसमें उन्होंने 18 रन देकर एक विकेट लिया।

सैमसन का शानदार प्रदर्शन

श्रीलंका सीरीज़ में जब संजू सैमसन दो बार बिना कोई स्कोर बनाए आउट हुए तो ऐसा लगा कि सैमसन के लिए ख़तरे की घंटे बच चुकी है। इस सीरीज़ के पहले T20I में संजू ने 19 गेंदों में 29 रन बना कर एक अच्छी शुरुआत की थी और इसके बाद तीसरे मैच में उनके शतक ने यह बता दिया कि क्यों टीम मैनेजमेंट उन्हें इतना समर्थन करती है। तीसरे मैच में सैमसन का शतक, किसी भी भारतीय खिलाड़ी के द्वारा दूसरा सबसे तेज़ T20I शतक था। यह तय है कि इस शतक के बाद भी टीम में विकेटकीपर के तौर पर उनकी जगह पक्की नहीं है, लेकिन अगले महीने साउथ अफ़्रीका के ख़िलाफ़ होने वाले T20I सीरीज़ के लिए उन्हें चयन की चिंता नहीं करनी होगी।

बेधड़क आक्रमण करती है नई भारतीय टीम

सीरीज़ की शुरुआत में सूर्यकुमार यादव ने कहा था कि वह चाहते हैं कि उनके खिलाड़ी निस्वार्थ खेलेंऔर खिलाड़ियों ने अपने कप्तान के आदेश का पूरी तरह से पालन किया। पहले T20I में संजू सैमसन की पारी इसका एक उदाहरण थी। भारत केवल 128 रनों का पीछा कर रहा था। सैमसन तेज़ शुरुआत के बाद अपने खेल को थोड़ा धीमा कर सकते थे, लेकिन उन्होंने छक्का मारने की कोशिश में अपना विकेट गंवा दिया। दिल्ली में खेले गए दूसरे T20I ने भारत के निडर दृष्टिकोण का और भी बड़ा उदाहरण पेश किया गया। छठे ओवर में 41 पर 3 विकेट गिरने के बावजूद, उन्होंने आक्रामक खेल जारी रखा और अंततः 9 विकेट पर 221 रन बनाए। जब तीसरे T20I में सब कुछ योजना के अनुसार चला, तो उन्होंने 297 रन बनाए, जो इस प्रारूप का दूसरा सबसे बड़ा स्कोर है।

टीम इंडिया में ऑलराउंडर्स की प्रदर्शनी

इस श्रृंखला में भारत की प्लेइंग XI की एक और ख़ास बात ऑलराउंडर्स की मौजूदगी थी। कुछ दिन पहले तक भारत को ऐसे खिलाड़ियों को ढूंढने में मुश्किल होती थी जो बल्ले और गेंद दोनों से योगदान दे सकें। लेकिन अब ऐसा नहीं है। बल्लेबाज़ी की गहराई से समझौता किए बिना सूर्यकुमार के पास हर मैच में कम से कम सात गेंदबाज़ी विकल्प थे। हार्दिक पंड्या ने दिखाया कि वह अब भी तेज़ गति से गेंदबाज़ी कर सकते हैं और बल्लेबाज़ी में भी मैच को ख़त्म कर सकते हैं। नितीश कुमार रेड्डी ने अपने दूसरे ही T20I में 34 गेंदों में 74 रन बनाकर और दो विकेट लेकर खु़द को एक योग्य उत्तराधिकारी साबित किया। रियान पराग और वॉशिंगटन सुंदर ने भी मिले सीमित मौकों में अच्छा प्रदर्शन किया।

चक्रवर्ती की वापसी

अब जब भारत की प्लेइंग XI में कई ऑलराउंडर्स हैं, तो उन्हें रवींद्र जाडेजा के जैसे ही रिप्लेसमेंट की आवश्यकता नहीं है। इस श्रृंखला में उन्होंने अपने मुख्य स्पिनर के रूप में वरुण चक्रवर्ती का चयन किया और उन्होंने निराश नहीं किया। तीन साल के बाद वापसी करते हुए वरुण ने पहले T20I में तीन विकेट लिए, जबकि दूसरे मैच में उन्हें 2 विकेट मिले। आख़िरी मैच में उन्हें कोई विकेट नहीं मिला, लेकिन उन्होंने अपने चार ओवर में सिर्फ़ 23 रन दिए। हालांकि जब अक्षर पटेल और कुलदीप यादव उपलब्ध होंगे, तो उन्हें कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ेगा।

मयंक का शानदार प्रदर्शन

जब मयंक यादव को लंबे समय तक चोटिल रहने के बाद भारतीय टीम में चुना गया, तो हर कोई देखना चाहता था कि क्या वह वही 155 किमी/घंटा की गति वाला गेंदबाज़ हैं जिसने IPL 2024 में धमाल मचाया था। ग्वालियर में अपने T20I डेब्यू में उन्होंने अपना पहला ही ओवर मेडेन फेंका और अपने 24 में से 18 गेंद 140 किमी/घंटा से ऊपर फेंकी। उनमें से बारह गेंद 145 किमी/घंटा से अधिक थीं। हालांकि सीरीज़ में उनकी अधिकतम गति केवल 150.3 किमी/घंटा थी, लेकिन वह काफ़ी अच्छी लाइन पर गेंदबाज़ी कर रहे थे।
हालांकि मयंक और रेड्डी का डेब्यू लखनऊ सुपरजायंट्स और सनराइजर्स हैदराबाद को IPL रिटेंशन के दौरान परेशान भी कर सकती है। अब वे उन्हें 4 करोड़ रुपये के रिटेंशन शुल्क पर नहीं रख सकते, जो अनकैप्ड खिलाड़ियों के लिए है। इस मामले में कोलकाता नाइट राइडर्स भाग्यशाली रहा, क्योंकि हर्षित राणा को तीसरे T20I से पहले एक वायरल संक्रमण हो गया था और वह अनकैप्ड बने रहे।