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आंकड़े झूठ नहीं बोलते : पावरप्ले में मुकेश का प्रदर्शन तय करेगा चेन्नई की क़िस्मत

चेन्नई के हारे हुए छह मुक़ाबलों में मुकेश ने सिर्फ़ दो विकेट लिए हैं

शुभमन को शून्य पर आउट करने के बाद मुकेश चौधरी  BCCI

रविवार को डबल हेडर के दूसरे मुक़ाबले में चेन्नई सुपर किंग्स और दिल्ली कैपिटल्स के बीच भिड़ंत होने वाली है। चेन्नई के लिए आईपीएल के प्लेऑफ़ में पहुंचने का सफ़र अब समाप्त हो चुका है, लेकिन दिल्ली के लिए उम्मीदें अब भी बरकरार हैं। ऐसे में एक नज़र ऐसे आंकड़ों पर डालते हैं जो इस मुक़ाबले की दशा और दिशा दोनों तय करने का माद्दा रखते हैं।

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मुकेश की गेंदबाज़ी तय करेगी चेन्नई की क़िस्मत

चेन्नई सुपर किंग्स ने इस सीज़न तीन मुक़ाबलों में जीत दर्ज की है। इन जीते हुए मुक़ाबलों में मुकेश चौधरी ने कुल छह विकेट लिए हैं। बल्कि हारे हुए छह मुक़ाबलों में मुकेश चौधरी दो विकेट ही ले पाए हैं।

पावरप्ले के दौरान मुकेश का प्रदर्शन भी काफ़ी हद तक चेन्नई की गेंदबाज़ी पर असर डालता है। जिन पांच मुक़ाबलों में मुकेश ने पावरप्ले के दौरान विकेट लिया है उस दौरान चेन्नई के गेंदबाज़ों ने कुल 12 विकेट झटके हैं। वहीं जिन पांच मुक़ाबलों में मुकेश को पावरप्ले में एक भी विकेट नहीं मिला है, उन सभी मुक़ाबलों में चेन्नई के गेंदबाज़ सिर्फ़ एक विकेट ही निकाल पाए हैं।

वॉर्नर के ख़िलाफ़ ब्रावो को लाओ

डेविड वॉर्नर ने इस सीज़न दिल्ली की तरफ़ से सबसे अधिक 356 रन बनाए हैं। चेन्नई के अधिकतर गेंदबाज़ों के ख़िलाफ़ वॉर्नर का रिकॉर्ड भी काफ़ी शानदार है। वॉर्नर ने टी20 में रवींद्र जाडेजा की 55 गेंदों पर 167 के स्ट्राइक रेट से 92 रन बनाए हैं। वहीं ड्वेन प्रिटोरियस की 18 गेंदों पर 178 के स्ट्राइक रेट से 32 रन बनाए हैं। यह दोनों ही गेंदबाज़ एक बार भी वॉर्नर को आउट नहीं कर पाए हैं। हालांकि चेन्नई सुपर किंग्स के हरफ़नमौला खिलाड़ी ड्वेन ब्रावो का वॉर्नर के ख़िलाफ़ रिकॉर्ड काफ़ी अच्छा है। ब्रावो ने टी20 में वॉर्नर को कुल चार बार अपना शिकार बनाया है। इस दौरान वॉर्नर ने ब्रावो के विरुद्ध 112 गेंदों में 118 के स्ट्राइक रेट से 132 रन बनाए हैं।

अक्षर और नॉर्खिये लगा सकते हैं लगाम

आंकड़े कहते हैं कि अक्षर पटेल और अनरिख़ नॉर्खिये चेन्नई के बल्लेबाज़ों को बांध कर रख देते हैं। ख़ासकर ऋतुराज गायकवाड़, नॉर्खिये जबकि रॉबिन उथप्पा इन दोनों गेंदबाज़ों के ख़िलाफ़ अपने हाथ नहीं खोल पाते। गायकवाड़ ने नॉर्खिये की 16 गेंदों पर 20 रन बनाए हैं, जबकि एक बार उन्हें पवेलियन की राह भी पकड़नी पड़ी है। वहीं उथप्पा ने अक्षर के ख़िलाफ़ 105 के स्ट्राइक रेट से 82 गेंदों में 86 रन बनाए हैं, जबकि अक्षर ने दो बार उन्हें आउट भी किया है। वहीं नॉर्खिये की 19 गेंदों पर उथप्पा ने 26 रन बनाए हैं. जबकि एक बार उन्हें पवेलियन भी लौटना पड़ा है।

हालांकि जाडेजा और अंबाती रायुडू नॉर्खिये की जमकर ख़ातिरदारी करते हैं। रायुडू ने टी20 में नॉर्खिये की 14 गेंदों पर 200 के स्ट्राइक रेट से 28 रन बनाए हैं, जबकि जाडेजा ने उनके ख़िलाफ़ 180 के स्ट्राइक रेट से रन बनाए हैं। नॉर्खिए इन दोनों को एक बार भी आउट नहीं कर पाए हैं।

कुलदीप की करामात से बचना होगा

कहानी यहीं समाप्त नहीं होती है, रायुडू को रोकने के लिए दिल्ली के पास चाइनामैन कुलदीप यादव मज़बूत विकल्प के तौर पर मौजूद हैं। रायुडू टी20 में कुल दो बार कुलदीप का शिकार बने हैं, जबकि इस दौरान उनका स्ट्राइक रेट भी महज़ 100 का रहा है। कुलदीप टी20 में महेंद्र सिंह धोनी को भी दो बार अपना शिकार बना चुके हैं।

डेथ ओवर्स में चेन्नई ने ख़ूब लुटाए हैं रन

डेथ ओवर्स में इस सीज़न चेन्नई ने 11.1 रन प्रति ओवर के रेट से रन लुटाए हैं। इस अवधि में मुंबई इंडियंस (11.8) और रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (11.4) सबसे अधिक ख़र्चीले सिद्ध हुए हैं। हालांकि चेन्नई के डेथ ओवर स्पेशलिस्ट गेंदबाज़ ड्वेन ब्रावो ने इस सीज़न डेथ ओवर्स में चेन्नई की तरफ़ से 43 फ़ीसदी (आठ मुक़ाबलों में नौ विकेट) विकेट लिए हैं। जबकि उन्होंने इस दौरान 9.4 रन प्रति ओवर के रेट से रन ख़र्च किए हैं।

दूसरी तरफ़ डेथ ओवर्स में चेन्नई के अन्य गेंदबाज़ों ने 11.9 की इकॉनमी से रन ख़र्च किए हैं। हालांकि चोट से जूझते ब्रावो अग़र आगामी मुक़ाबले से भी बाहर रहते हैं तो दिल्ली के बल्लेबाज़ चेन्नई के गेंदबाज़ों के लिए मुश्किल पैदा कर सकते हैं। पिछले दो मुक़ाबलों में चेन्नई ने ब्रावो की जगह पर मुकेश चौधरी और ड्वेन प्रिटोरियस का इस्तेमाल किया है लेकिन यह दोनों ही काफ़ी ख़र्चीले सिद्ध हुए हैं।

कैच छोड़ने के मामले में टॉप पर हैं दोनों ही टीमें

कैच टपकाने के मामले में दोनों ही प्रतिद्वंद्वी टीमों का रिकॉर्ड एक जैसा ही रहा है। चेन्नई इस सीज़न में अब तक सबसे ज़्यादा कैच टपकाने वाली टीम है, जबकि दिल्ली का नंबर भी ठीक चेन्नई के बाद ही आता है। चेन्नई ने इस सीज़न अब तक कुल 20 कैच छोड़े हैं, जबकि दिल्ली कैपिटल्स ने कुल 17 कैच टपकाए हैं। ऐसे में फ़ील्डींग एक ऐसा क्षेत्र है जो न सिर्फ़ दोनों ही टीमों की कमज़ोर कड़ी है, बल्कि इस पर दोनों ही टीमों को काम करने की ज़रूरत है।

Mukesh ChoudharyDavid WarnerDwayne BravoAxar PatelAnrich NortjeRuturaj GaikwadRobin UthappaDelhi CapitalsChennai Super KingsCSK vs DCIndian Premier League

नवनीत झा (@imnot_nav) ESPNcricinfo हिंदी में ए़डिटोरियल फ़्रीलांसर हैं।