समय कैसे बदलता है, यह आप सनराइज़र्स हैदराबाद की टीम से समझिए। दस दिन पहले तक हैदराबाद के 'अच्छे दिन' चल रहे थे। शुरुआती दो मैचों में बड़ी हार के बाद टीम ने लगातार पांच मैच जीता था और प्ले ऑफ़ में पहुंचने के बहुत क़रीब नज़र आ रहे थे।
2021 में टीम के भीतर जो कुछ भी हुआ, उससे बाहर निकलने के लिए यह प्रदर्शन ज़रुरी भी था। उनके कप्तान केन विलियमसन फ़ॉर्म में नहीं थे, फिर भी यह टीम अच्छा कर रही थी। दूसरी टीमें भी अब हैदराबाद को लेकर सावधान थीं।
उनके लिए सब कुछ अच्छा चल रहा था। टीम के पास भुवनेश्वर कुमार, टी नटराजन, मार्को यानसन और उमरान मलिक जैसे चार उम्दा तेज़ गेंदबाज़ थे। राहुल त्रिपाठी की अगुवाई में एडन मारक्रम, अभिषेक शर्मा और निकोलस पूरन बल्ले से भी अच्छा प्रदर्शन कर रहे थे।
लेकिन तभी टीम का पतन सामने आया। जो गेंदबाज़ उन्हें विकेट दिला रहे थे, अब रन ख़र्च करने लगे। पहले सात मैचों में हैदराबाद के गेंदबाज़ों ने 7.99 की इकॉनमी और 19.80 के औसत से गेंदबाज़ी की थी। लेकिन अगले चार मैचों में उन्होंने 10 की इकॉनमी से रन दिए और औसत भी 61.54 का हो गया। ऐसा इसलिए भी हुआ क्योंकि चोट व अन्य कारणों से उनका गेंदबाज़ी क्रम प्रभावित हुआ था।
अक्सर चोटिल रहने वाले टी. नटराजन एक बार फिर चोटिल हुए। अभी तक टीम मैनेजमेंट का कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है लेकिन माना जा रहा है कि उनके घुटने में चोट है। यह चोट पुरानी भी है, जब उन्होंने इससे परेशान होकर एक साल तक क्रिकेट नहीं खेला था और फिर उपचार क बाद अगले छह महीने उन्हें इससे उबरने में लग गए। लेकिन फिर भी चीज़ें उनके लिए नहीं बदली और वह बार-बार उस चोट से परेशान हो रहे हैं।
नटराजन ने इस सीज़न में 17.82 के औसत और 8.65 के इकॉनमी से नौ मैचों में 17 विकेट लिए हैं। वह महत्वपूर्ण मौक़ों और ख़ासकर डेथ में विकेट चटका रहे थे, जिससे उनकी गेंदबाज़ी का महत्व और बढ़ जाता है।
अब आते हैं वॉशिंगटन सुंदर पर। टी नटराजन की तरह वह भी 2021 के ऑस्ट्रेलिया दौरे पर नायक बन कर उभरे थे। कई विशेषज्ञ उन्हें टीम इंडिया का अगला भविष्य का सितारा बताने लग गए थे। लेकिन वह टीम में रहने से अधिक बाहर रहते हैं। उनका हैमस्ट्रिंग, घुटना, उंगली, टखना बारी-बारी से सब चोटिल होता रहा है।
इस सीज़न की शुरुआत में ही चोट के कारण उन्हें 10 दिन के लिए आईपीएल से बाहर होना पड़ा था। उन्होंने वापसी की लेकिन कुछ मैच के बाद फिर से उनकी पुरानी समस्या उभर गई और फिर से वह पिछले दो मैचों से नहीं खेल पाए हैं। चेन्नई सुपर किंग्स के विरुद्ध एक मई को हुए मैच में वह खेले तो लेकिन एक भी ओवर गेंदबाज़ी नहीं की।
इस मैच के बाद हैदराबाद के प्रमुख कोच टॉम मूडी ने कहा था, "यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि उन्हें फिर से उसी हाथ में चोट लगी, जहां पर उनका उपचार हुआ था। वह गेंदबाज़ी करने की स्थिति में नहीं थे। इससे हमारी गेंदबाज़ी की रणनीति प्रभावित हुई। वह हमारे लिए एक महत्वपूर्ण गेंदबाज़ हैं।"
जब सुंदर आउट हुए तो उनकी जगह श्रेयस गोपाल को टीम में लाया गया। हालांकि एक ही ओवर में चार छक्के लगने के बाद उन्हें टीम से बाहर कर दिया गया और उनकी जगह बाएं हाथ के स्पिन गेंदबाज़ जगदीश सुचित को बेंगलुरु के ख़िलाफ़ मैच में जगह दी गई। ऐसा लग रहा है कि वह बहुत सी चीज़ें एक साथ करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन एक भी चीज़ काम नहीं कर रही है।
अब आते हैं यानसन पर। कोच मूडी को उमकी तेज़ और उछाल भरी गेंदबाज़ी पसंद है, लेकिन जहां कहीं भी पिच थोड़ी सी धीमी होती है, उन पर ख़ूब मार पड़ती है। चेन्नई के ख़िलाफ़ उन्होंने चार ओवर में बिना विकेट लिए 38 रन दिए और फिर अगले मैच में गुजरात टाइटंस के ख़िलाफ़ उन पर 63 रन की मार पड़ी।
यानसन के इस प्रदर्शन के बाद शॉन एबट को टीम में लाया गया, लेकिन वह भी पहले ही मैच में 47 रन लुटा बैठे और उनको बाहर कर दिया गया। इसके अलावा टीम में कार्तिक त्यागी को भी लाया गया, लेकिन वह भी अभी तक प्रभावित नहीं कर सके हैं। दूसरी तरफ़ पांच विकेट लेने के बाद उमरान का प्रदर्शन गिरा है और पिछले तीन मैचों में उन्हें कोई विकेट नहीं मिला है। इस दौरान वह 10 ओवरों में 125 रन लुटा चुके हैं। इससे उनकी निरंतरता पर सवाल उठ रहे हैं।
सिर्फ़ भुवनेश्वर कुमार उनके ऐसे गेंदबाज़ हैं, जिन्होंने हर मैच में प्रभावित किया है। गेंदबाज़ों के ख़राब प्रदर्शन के कारण ही पिछले चार मैचों में हैदराबाद की टीम पर 207, 202, 199 और 192 का स्कोर बना है और उन्हें चारों मैच में हार का मुंह देखना पड़ा है। एक तरफ़ प्ले ऑफ़ की ओर सरपट तरीक़े से दौड़ रही हैदराबाद की टीम अब प्ले ऑफ़ की दौड़ से बाहर होने की स्थिति में पहुंच गई है।
शशांक किशोर ESPNcricinfo में सीनियर सब एडिटर हैं