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स्टब्स ने हाल की सफलता का श्रेय बड़े मानसिक बदलाव को दिया

DC के आक्रामक बल्‍लेबाज़ ने IPL 2025 से पहले कहा, "मुझे पता चल गया है कि दबाव होने पर भावनाओं को कैसे नियंत्रित किया जाए और अब उम्मीद है कि मैं सीखना जारी रखूंगा"

Tristan Stubbs started slow but latched on to a Yuzvendra Chahal over to cut loose, Delhi Capitals vs Rajasthan Royals, IPL 2024, Delhi, May 7, 2024

Tristan Stubbs ने अपने खेल में बदलाव की वजह को बताया  •  Associated Press

2024 में दिल्ली कैपिटल्स (DC) के साथ 13 पारियों में 190 से अधिक के स्‍ट्राइक रेट से 378 रन बनाने वले ट्रिस्टन स्टब्स ने अंतरराष्ट्रीय प्रारूप और टी20 लीग में सफलता का आनंद लिया है। इस दौरान उन्होंने साउथ अफ़्रीका को 2024 के टी20 विश्व कप के फ़ाइनल में पहुंचाया और पिछले साल के अंत में उन्होंने श्रीलंका और बांग्लादेश के ख़िलाफ़ टेस्ट शतक बनाए। स्टब्स ने हाल की सफलता का श्रेय "बड़े मानसिक" बदलाव को दिया है।
स्टब्स ने IPL 2025 के लिए DC से जुड़ने के बाद संवाददाताओं से कहा, "यह एक बड़ी मानसिक चीज़ थी, मैं मैदान पर कुछ बेवकूफ़ी जैसी चीज़ें कर रहा था, इसलिए मुझे पता चला कि दबाव होने पर भावनाओं को कैसे नियंत्रित किया जाए और अब उम्मीद है कि मैं सीखना जारी रखूंगा और बड़े क्षणों में ऐसा करने की कोशिश करता रहूंगा।"
पिछले IPL में 16वें से 20वें ओवर के बीच 262.50 की स्ट्राइक रेट वाले स्टब्स को आगामी सीज़न से पहले DC ने 10 करोड़ रुपये (लगभग 1.2 मिलियन अमेरिकी डॉलर) में रिटेन किया था। स्टब्स IPL 2025 के लिए अपने पावर-हिटिंग कौशल को निखार रहे हैं।
स्टब्स ने कहा, "मुझे गेंद को रस्सी के पार जाते हुए देखने के लिए कुछ रेंज हिटिंग करना और अपनी स्विंग को ढूंढना पसंद है। जाहिर है, जब हम टी 20 प्रशिक्षण समूह में जाते हैं तो इसे प्रारूपों के माध्यम से बदलना, यह पहली चीज़ है जो मैं करने की कोशिश करता हूं। बस फिर से स्विंग को फिर से खोज़ें और फिर मैं वहां से आगे बढ़ता हूं।"
स्टब्स सिर्फ़ ताक़तवर नहीं हैं। उनके पास स्पिन के ख़‍िलाफ़ गेंद को मारने की कला भी है, जो भारतीय पिचों पर बहुत ज़रूरी है।
स्टब्स ने कहा, "हां, मुझे लगता है कि यहां भारत में खेल काफ़ी अलग है, यहां काफ़ी स्पिन होती है, आपको स्पिन को काफ़ी अच्छे से खेलना आना चाहिए। कभी-कभी आपके पास प्लान बी और सी होना चाहिए क्योंकि प्लान ए उस दिन काम नहीं कर सकता है, इसलिए अलग-अलग विकल्प होने चाहिए और अगर आपको लगता है कि यह सही है तो उनके लिए प्रतिबद्ध होना चाहिए।"
पिछले सीज़न में दिल्ली और हैदराबाद की आसान, सपाट पिचें बल्लेबाज़ों के लिए इतनी मददगार थीं कि इन दोनों जगहों पर कोई भी स्कोर सुरक्षित नहीं लग रहा था। स्टब्स ने कहा कि ऐसी सतहें बल्लेबाज़ों को आक्रमण जारी रखने का मौक़ा देती हैं।
स्टब्स ने कहा, "कभी-कभी आप स्कोरबोर्ड को देख सकते हैं और महसूस कर सकते हैं कि आपको ज़रूरत से ज़्यादा रन बनाने की ज़रूरत है। लेकिन यह तब संतुलन बनाने की कोशिश है जब आप मैदान पर होते हैं और सोचते हैं कि आपको प्रति ओवर 20 रन चाहिए, लेकिन आपको एहसास होता है कि आप वास्तव में दो छक्कों और एक-दो चौकों के साथ ऐसा कर सकते हैं। लेकिन जब तक आप मैदान पर नहीं उतरते, तब तक आपको हमेशा ऐसा लगता है कि यह बहुत दूर की बात है।"