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IPL 2026 नीलामी: ग्रीन और नए चेहरों पर पैसों की बारिश

नीलामी ने हमें क्या बताया? आंकड़ों और प्रतिशत के आधार पर जानिए रोचक कहानी

Kartik Sharma: 'Hope I get to learn a lot from MS Dhoni'

Kartik Sharma: 'Hope I get to learn a lot from MS Dhoni'

Kartik Sharma became the joint-most expensive uncapped player in the history of the IPL auction

मंगलवार को अबू धाबी में हुई IPL 2026 नीलामी में 10 फ़्रेंचाइज़ियों ने मिलकर 29 विदेशी खिलाड़ियों पर 128.05 करोड़ रूपये खर्च किए। 48 भारतीय खिलाड़ियों के लिए 87.40 करोड़ रूपये खर्च किए गए। ख़ास बात ये रही कि इस 87.40 करोड़ रूपये का अधिकांश हिस्सा अनकैप्ड भारतीय खिलाड़ियों के पास गया। फ़्रेंचाइज़ियों ने केवल नौ कैप्ड भारतीय खिलाड़ियों को खरीदा जिसमें से छह उन्हें बेस प्राइस पर मिले। इनमें से पांच की बेस प्राइस तो केवल 75 लाख रूपये ही थी। आकाश दीप केवल एक करोड़ की बेस प्राइस पर थे।

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फ़्रेंचाइज़ियों के दिमाग़ में दो चीज़ें थीं: उम्र और घरेलू अनुभव

फ़्रेंचाइज़ियों द्वारा ख़रीदे गए 32 खिलाड़ियों की उम्र 25 साल से कम थी और इसमें से 29 भारतीय खिलाड़ी हैं। 20 खिलाड़ियों की उम्र 30 या उससे अधिक थी और इसमें केवल तीन वेंकटेश अय्यर, राहुल त्रिपाठी और प्रवीण दुबे ही भारतीय थे।

26 या उससे अधिक उम्र वाले केवल तीन भारतीय खिलाड़ियों को ही उनकी बेस प्राइस का कम से कम दोगुना रकम मिला है। राहुल चाहर और अय्यर इसमें कैप्ड और आक़िब नबी अनकैप्ड खिलाड़ी रहे।

नीलामी में बिकने वाले त्रिपाठी सबसे अधिक उम्र वाले खिलाड़ी रहे और वह केवल डेविड मिलर से पीछे रहे जो इस नीलामी में बिकने वाले 35 या उससे अधिक की उम्र वाले इकलौते खिलाड़ी रहे। ये दोनों ही खिलाड़ी अपनी बेस प्राइस पर बिके हैं।

30 या उससे अधिक उम्र वाले 20 में से 13 खिलाड़ी अपनी बेस प्राइस पर बिके तो वहीं केवल छह खिलाड़ी ऐसे रहे जिन्हें बेस प्राइस के दोगुने से अधिक की रकम मिली है। इन 20 में से 17 खिलाड़ी विदेशी थे और 11 को बेस प्राइस पर ख़रीदा गया।

इन खिलाड़ियों में सबसे अधिक मुनाफ़ा कमाने वाले खिलाड़ी लियम लिविंगस्टन रहे जिन्हें 13 करोड़ रूपये में सनराइजर्स हैदराबाद ने ख़रीदा। यह उनकी बेस प्राइस का 6.5 गुना अधिक था, लेकिन वह पहले राउंड में अनसोल्ड रहने के बाद एक्सीलेटर राउंड में बिके थे।

ग्रीन की हुई भारी कमाई, पतिराना ने बनाया श्रीलंकाई रिकॉर्ड

कैमरन ग्रीन ने IPL नीलामी में अपना डेब्यू 2023 में किया था।  उस समय मुंबई इंडियंस ने उन्हें 17.5 करोड़ रूपये में ख़रीदते हुए लगभग लीग इतिहास का सबसे महंगा खिलाड़ी ही बना दिया था। वह सैम करन से पीछे रहे थे जो उसी नीलामी में 18.25 करोड़ रूपये में बिके थे।

मंगलवार को एक बार फिर उन्होंने सारे रिकॉर्ड्स तोड़ दिए। इस बार उन्हें 25.20 करोड़ रूपये की राशि मिली जिससे वह लीग के सबसे महंगे विदेशी खिलाड़ी बन गए और साथ ही वह तीसरे सबसे महंगे खिलाड़ी भी बने हैं।

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ग्रीन को कोलकाता नाइट राइडर्स ने ख़रीदा और उनकी नीलामी संपन्न होने से पहले चार टीमों द्वारा मिलकर पैडल 113 बार उठाया गया था। हालांकि, ग्रीन को केवल 18 करोड़ रूपये ही मिलेंगे और बची हुई राशि नीलामी के नए नियमों के हिसाब से प्लेयर्स वेलफेयर फंड में जाएगी।

हालांकि, इससे पहले किसी अन्य खिलाड़ी को 17 करोड़ या उससे अधिक की राशि दो बार नहीं मिली है। उनके सबसे क़रीब पैट कमिंस हैं जिन्होंने दो बार 15 करोड़ रूपये से अधिक हासिल किया है। 20.5 करोड़ SRH से और 15.5 KKR से।

मथीशा पतिराना मंगलवार को दूसरे सबसे महंगे खिलाड़ी रहे जिन्हें KKR ने 18 करोड़ रूपये दिए और यह अब तक किसी श्रीलंकाई क्रिकेटर को मिली सबसे बड़ी राशि है।

इससे पहले एक बार ऐसा हुआ था जब किसी श्रीलंकाई क्रिकेटर ने 10 करोड़ या उससे अधिक की राशि हासिल की थी जब वानिंदु हसरंगा को 2022 में 10.75 करोड़ रूपये में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरू ने ख़रीदा था। पतिराना के लिए ख़र्च की गई राशि विशेषज्ञ गेंदबाज़ को मिली संयुक्त रूप से दूसरी सबसे बड़ी राशि भी है। मिचेल स्टार्क इस मामले में सबसे आगे हैं जिन्हें 2024 में KKR ने 24.75 करोड़ रूपये में ख़रीदा था।

KKR और MI एकदम विपरीत नीलामी

नीलामी में टीमों की गतिविधि उनके पास मौजूद पर्स पर ही निर्भर करने वाली थी। KKR के पास 64.3 करोड़ रूपये थे और उन्हें अधिकतम 13 खिलाड़ी ख़रीदने थे तो वहीं चेन्नई सुपर किंग्स के पास अधिकतम नौ खिलाड़ियों को ख़रीदने के लिए 43.4 करोड़ रूपये का पर्स था। दूसरी ओर MI के पास केवल 2.75 करोड़ रूपये ही थे। इसका मतलब है कि 2014 में रूपये को मुख्य मुद्रा मान लिए जाने के बाद से यह किसी टीम का नीलामी में सबसे कम पर्स था।

हालांकि, MI ने मंगलवार को जो रकम ख़र्च की वह नीलामी में किसी टीम द्वारा ख़र्च की गई सबसे कम रकम नहीं थी। राजस्थान रॉयल्स ने 2015 सीज़न से पहले छह खिलाड़ियों को ख़रीदने के लिए केवल 2.1 करोड़ रूपये ख़र्च किए थे।

MI द्वारा ख़र्च किए गए 2.2 करोड़ उनकी कुल ख़र्च का केवल एक प्रतिशत था जो आराम से 19 सीज़नों में किसी टीम का नीलामी में सबसे कम है। 2015 की नीलामी से RR इस लिस्ट में दूसरे नंबर पर आ जाती है क्योंकि उनके द्वारा ख़र्च किए 2.1 करोड़ रूपये कुल ख़र्च का 2.4 प्रतिशत थी।

ऊपर बताए गए आंकड़ों में 2012 की नीलामी से पुणे वॉरियर्स इंडिया को नहीं लिया गया है जो अंतिम समय पर पीछे हट गए थे

KKR इस लिस्ट के दूसरी साइड में खड़े मिलते हैं जिन्होंने 63.85 करोड़ रूपये ख़र्च किए जो कुल ख़र्च का 29.64 प्रतिशत थी। यह केवल तीसरा मौक़ा है जब किसी टीम ने अपनी कुल ख़र्च का एक तिहाई इस्तेमाल कर दिया।

2015 की नीलामी में दिल्ली डेयरडेविल्स (अब दिल्ली कैपिटल्स) ने 43.84 प्रतिशत ख़र्च किया था जब उन्होंने 87.6 करोड़ की पर्स से 38.4 करोड़ रूपये ख़र्च कर दिए थे। किंग्स इलेवन पंजाब (अब पंजाब किंग्स) ने 2019 में 106.8 करोड़ में से 32.5 करोड़ ख़र्च किए थे जो 30.43 प्रतिशत था।

CSK की नई रणनीति

CSK शायद ही कभी ऐसी टीम रही है जो नीलामी में भारी ख़र्च करे। अपने पूरे इतिहास में उन्होंने 10 करोड़ या उससे ज़्यादा की सिर्फ़ चार ख़रीदें की हैं और 2022 से हर साल एक ऐसी ख़रीद देखने को मिली है।

लेकिन इस बार उन्होंने उस रवैये को एक तरफ़ रख दिया और दो खिलाड़ियों प्रशांत वीर और कार्तिक शर्मा पर 14.2 करोड़ रुपये ख़र्च कर दिए। इससे पहले सिर्फ़ एक बार उन्होंने किसी खिलाड़ी पर इससे ज़्यादा रकम लगाई थी जो 2023 में बेन स्टोक्स के लिए 16.25 करोड़ रुपये की बोली थी। इससे पहले सिर्फ़ एक बार उन्होंने किसी भारतीय खिलाड़ी पर 10 करोड़ से ज़्यादा ख़र्च किया था जब 2022 में दीपक चाहर को उन्होंने 14 करोड़ रुपये में ख़रीदा था।

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वीर और कार्तिक दोनों ने अभी तक IPL में डेब्यू नहीं किया है, जिससे उनके लिए दिखी मांग और भी ज़्यादा प्रभावशाली लगती है। मंगलवार को ये ही दो खिलाड़ी थे जिन पर पांच अलग-अलग फ़्रेंचाइज़ियों ने बोली लगाई, जबकि पांच अन्य खिलाड़ियों पर चार-चार टीमों ने दिलचस्पी दिखाई।

IPL में पहले कभी ऐसा नहीं हुआ था कि किसी ऐसे भारतीय खिलाड़ी पर इतनी बड़ी बोली लगी हो जिसने IPL नहीं खेला हो। इससे पहले का सबसे ऊंचा आंकड़ा 2019 में पंजाब द्वारा वरुण चक्रवर्ती के लिए और 2024 में CSK द्वारा समीर रिज़वी के लिए 8.4 करोड़ रुपये था। मंगलवार को दिल्ली कैपिटल्स (DC) ने भी एक और नए खिलाड़ी आक़िब नबी के लिए 8.4 करोड़ रुपये की बोली लगाई।

वीर और शर्मा से बड़ी पहली IPL कॉन्ट्रैक्ट सिर्फ़ तीन खिलाड़ियों की रही है। 2023 में MI द्वारा कैमरन ग्रीन के लिए 17.5 करोड़ रुपये, 2021 में RCB द्वारा काइल जेमीसन के लिए 15 करोड़ रुपये, और 2017 में राइज़िंग पुणे सुपरजायंट द्वारा बेन स्टोक्स के लिए 14.5 करोड़ रुपये।

कार्तिक और वीर से पहले सिर्फ़ आवेश ख़ान ही ऐसे अनकैप्ड खिलाड़ी थे जिन्हें IPL नीलामी में 10 करोड़ रुपये मिले थे। लखनऊ सुपर जायंट्स (LSG) ने 2022 में उन्हें इस रकम में ख़रीदा था। आवेश की अंतिम क़ीमत उनके 20 लाख रुपये के बेस प्राइस से 50 गुना थी, जो अब भी एक रिकॉर्ड है।

कार्तिक और वीर के मामले में यह अनुपात 47.33 रहा, क्योंकि दोनों का बेस प्राइस 30 लाख रुपये था। यह IPL नीलामी के इतिहास में बेस प्राइस के मुक़ाबले बिकने की दूसरी सबसे बड़ी छलांग है।

कार्तिक अभी 20 साल के भी नहीं हुए हैं, जबकि वीर ने पिछले महीने ही अपना 20वां जन्मदिन मनाया। इससे पहले कभी किसी खिलाड़ी ने 23 साल की उम्र से पहले नीलामी में 10 करोड़ रुपये या उससे ज़्यादा नहीं कमाए थे।

ग्रीन पहले ऐसे खिलाड़ी थे जिन्हें इतनी बड़ी रकम कमाने वाला सबसे युवा माना जाता था। IPL 2023 की नीलामी के दिन उनकी उम्र 23 साल और 203 दिन थी। इसके बाद इशान किशन का नंबर आता है, जिनके लिए MI ने 2022 में 15.25 करोड़ रुपये ख़र्च किए थे, तब उनकी उम्र 23 साल और 209 दिन थी।

पंजाब किंग्स की सुस्ती

मंगलवार को पंजाब किंग्स (PBKS) ने पहली बार तब पैडल उठाया, जब 95 खिलाड़ी जिनमें 61 अनसोल्ड खिलाड़ी शामिल रहे, नीलामी में आ चुके थे। यह बोली अमन ख़ान के लिए थी, लेकिन यह महज़ अपनी मौजूदगी दर्ज कराने जैसी लगी, क्योंकि CSK ने उन्हें 30 लाख रुपये के बेस प्राइस से 40 लाख रुपये में ख़रीद लिया।

PBKS की पहली असली ख़रीद कूपर कॉनली रहे, जो थोड़ी देर बाद आए। ऑस्ट्रेलियाई ऑलराउंडर नीलामी में आने वाले 110वें खिलाड़ी थे, तब तक 41 खिलाड़ी बाकी नौ फ़्रेंचाइज़ियों द्वारा ख़रीदे जा चुके थे।

कुल मिलाकर PBKS ने सिर्फ़ छह खिलाड़ियों पर बोली लगाई जो इस नीलामी में किसी भी टीम द्वारा सबसे कम थी। इनमें से दो खिलाड़ी बेस प्राइस पर ख़रीदे गए। विशाल निषाद और दुबे। उनकी सबसे महंगी ख़रीद बेन ड्वारश्विस रहे, जिनके लिए 4.4 करोड़ रुपये ख़र्च किए गए। इसके अलावा जिस खिलाड़ी पर उन्होंने असफल बोली लगाई, वह राहुल चाहर थे।

नीलामी से पहले PBKS के पास सिर्फ़ चार स्लॉट खाली थे जो सभी टीमों में सबसे कम थे। यही वजह थी कि उन्होंने कुल छह खिलाड़ियों पर सिर्फ़ 31 बार पैडल उठाया। इसके बाद गुजरात टाइटंस (GT) का नंबर आता है, जिन्होंने नौ खिलाड़ियों के लिए 34 बार बोली लगाई। GT के पास सिर्फ़ पांच स्लॉट थे और उन्होंने 12.9 करोड़ रुपये की उपलब्ध राशि में से 11.21 करोड़ रुपये ख़र्च कर सभी स्लॉट भर लिए।

यह PBKS के लिए आम नज़ारा नहीं था, क्योंकि वे आम तौर पर नीलामी में ज़्यादा पैसा और ज़्यादा खाली स्लॉट लेकर आते हैं। यह दूसरी बार है जब IPL नीलामी में उनकी ख़रीद का प्रतिशत सबसे कम रहा।

इससे पहले ऐसा 2015 सीज़न से पहले हुई नीलामी में हुआ था, जब उन्होंने आठ टीमों द्वारा साइन किए गए 67 खिलाड़ियों में से सिर्फ़ तीन ख़रीदे थे। उस समय उनके पास छह खिलाड़ियों के लिए 12.6 करोड़ रुपये की राशि थी, लेकिन उन्होंने सिर्फ़ 3.4 करोड़ रुपये ख़र्च कर तीन खिलाड़ी लिए। नीलामी के बाद उनकी टीम में 22 खिलाड़ी थे, जो सभी टीमों में सबसे कम थे।

2015 की नीलामी में उनकी सीमित गतिविधि उनके पहले IPL फ़ाइनल में पहुंचने के बाद देखने को मिली थी। इसी तरह, मंगलवार की नीलामी भी 2014 के बाद पहली बार प्लेऑफ़ में पहुंचने और कुल मिलाकर अपने दूसरे फ़ाइनल में खेलने के बाद हुई।

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Sampath Bandarupalli is a statistician at ESPNcricinfo