मैच (23)
MLC (1)
ENG v WI (1)
IRE vs ZIM (1)
Men's Hundred (2)
एशिया कप (2)
विश्व कप लीग 2 (1)
Canada T20 (4)
Women's Hundred (2)
TNPL (3)
One-Day Cup (5)
SL vs IND (1)
फ़ीचर्स

सैयद मुश्ताक़ अली ट्रॉफ़ी पर है ऑलराउंडर अभिषेक की नज़र

पंजाब के नए कप्तान लारा, युवराज और द्रविड़ की मदद से नेतृत्व की ज़िम्मेदारी उठाएंगे

Punjab's Abhishek Sharma with his father Raj Kumar and mentor Yuvraj Singh

अभिषेक, युवराज के बारे में कहते हैं, " युवी पाजी मुझे पूरी तरह से जानते हैं।"  •  Abhishek Sharma

अभिषेक शर्मा पहली नज़र में फीके लगते हैं। जैसा कि हम बात करते हैं, वह लगातार कुछ मिनटों के लिए एक बोतल को एक हाथ से दूसरे हाथ में उछालते हैं। इसके अंदर पानी के साथ हर बार बोतल के किनारे हिलने पर एक क्लिक की आवाज़ आती है। उनकी आंखें भी भटकती रहती हैं, और उनके बात करते समय हाथ के इशारे होते रहते हैं।
जैसे-जैसे बातचीत आगे बढ़ती है, एहसास होता है कि अभिषेक का दिमाग़ बोतल के अंदर के पानी की तरह साफ़ है। सीधे, वह अपने लक्ष्यों के बारे में बात करते हैं, उनमें से एक पंजाब के लिए ख़िताब जीतना है। आगामी घरेलू सत्र में 11 अक्तूबर से शुरू होने वाली सैयद मुश्ताक़ अली टी20 ट्रॉफ़ी में 22 वर्षीय अभिषेक पंजाब की अगुआई करेंगे।
अभिषेक ज़ूम कॉल पर कहते हैं, "ज़ाहिर है मेरा अंतिम लक्ष्य भारत के लिए खेलना है। लेकिन मैं अपने लिए छोटे लक्ष्य भी निर्धारित कर रहा हूं, जैसे मुश्ताक़ अली ट्रॉफ़ी जीतना।"
एक गेंदबाज़ से एक ऑलराउंडर बनने के लिए अभिषेक के भीतर तब्दीली तब आई जब उनके पिता राज कुमार शर्मा ने अपने बेटे की क्षमताओं के बहुआयामी होने पर ध्यान दिया।
अभिषेक कहते हैं, ''वह भी पंजाब के क्रिकेटर थे।" अपने पिता से प्रेरित होकर, उन्होंने भी बाएं हाथ के स्पिनर के रूप में भी शुरुआत की। तब वह केवल पांच या छह साल के थे। अभिषेक ने आग कहा, "लेकिन धीरे-धीरे जब उन्हें एहसास हुआ कि मैं भी बल्लेबाज़ी कर सकता हूं - मैं आठ या नौ का साल का था - मैंने बल्लेबाज़ी से शुरुआत की। वह वही थे जिन्होंने मेरी प्रतिभा को पहचाना।"
घरेलू क्रिकेट में निचले मध्यक्रम का बल्लेबाज़ होना कठिन हो सकता है। आप हमेशा चयनकर्ताओं की नज़रों में नहीं होते हैं और आपकी विफलताओं को और अधिक बढ़ा दिया जाता है। लेकिन यह सब बीते दिनों की बात हो गई है।
अभिषेक अब पंजाब के लिए एक सलामी बल्लेबाज़ हैं और अपने साथ एक बाएं हाथ के स्पिनर की अतिरिक्त उपयोगिता लाते हैं। उनके पास अब नेतृत्व की कमान भी है।
अपनी घरेलू क्रिकेट टीम के लिए दूसरे प्रथम श्रेणी मैच में वह युवराज सिंह के साथ बल्लेबाज़ी कर रहे थे। इससे पहले उन्होंने डेब्यू पर हिमाचल प्रदेश के विरुद्ध 94 नाबाद रनों की पारी खेली थी। वर्तमान समय में युवराज, अभिषेक और पंजाब के अन्य खिलाड़ियों को प्रशिक्षित कर रहे हैं।
अभिषेक, युवराज के बारे में कहते हैं, " युवी पाजी मुझे पूरी तरह से जानते हैं। जब मैं ख़ुद को विकसित करने की कोशिश करता हूं तो मुझे एहसास होता है कि उनके सुझावों ने मेरी मदद की है।"
युवराज की ही तरह, अभिषेक स्पष्ट है कि वह गेंद के साथ समान प्रभाव डालना चाहते हैं। परंपरागत रूप से बाएं हाथ के फ़िंगर स्पिनर, अभिषेक के पास एक चतुर उल्टी दिशा में घूमने वाली लेग कटर गेंद है जिसे उन्होंने आईपीएल में सनराइज़र्स हैदराबाद के लिए बार-बार फेंका है। तीन साल के बाद बंपर घरेलू सत्र के साथ, अभिषेक कई तरह की गेंदों का विकास कर रहे हैं। उन्हें उम्मीद है कि वह हैदराबाद के ख़िलाफ़ मंगलवार से शुरू होने वाली सैयद मुश्ताक़ अली ट्रॉफ़ी में जीत हासिल कर सकते हैं।
अभिषेक ने कहा, "मैं विविधताओं पर काम कर रहा हूं क्योंकि मुझे लगता है कि अगर मुझे तीनों प्रारूपों में खेलना है तो मुझे अपनी गेंदबाज़ी पर कड़ी मेहनत करने की ज़रूरत है। पिछले साल ही मैंने नई गेंद से गेंदबाज़ी शुरू की थी और मुझे अच्छा लगा। यह वो कारक थे जिन्हें मैं विकसित करना चाहता था।"
इस ऑफ़-सीज़न के दौरान, जब वह न्यूज़ीलैंड ए का सामना करने वाली इंडिया ए टीम का हिस्सा नहीं थे और दलीप ट्रॉफ़ी और ईरानी कप के लिए भी नहीं चुने गए थे तब उन्होंने एक बहुत ही सफल आधुनिक युग के स्पिनर से सीखी गई विविधता का प्रयोग किया।
अभिषेक कहते हैं, "दो साल पहले, मोहम्मद नबी ने मुझे एक विशेष गेंद सिखाई थी, जो लगभग एक झूलती हुई गेंद की तरह होती है। तो मैंने गेंदबाज़ी करने की कोशिश की है और मुझे लगता है कि मैं अच्छा कर रहा हूं। नई गेंद के साथ मैं वर्तमान में तीन या चार विविधताओं पर काम कर रहा हूं, जो बहुत उपयोगी होगी।"
बल्लेबाज़ी और गेंदबाज़ी एक तरफ़, कप्तानी का मतलब है कि अभिषेक की थाली भर गई है। उन्होंने इस ज़िम्मेदारी को स्वीकार कर लिया है और अपनी शुरुआती दीक्षा पर निर्माण करना चाहते हैं। अभिषेक ने आयु-वर्ग के स्तर पर पंजाब का नेतृत्व किया है और वह 2018 विश्व कप की तैयारियों में इंडिया अंडर-19 बैच के कप्तान भी थे।
लेकिन क्या पंजाब की सीनियर टीम का नेतृत्व करना अलग था?
अभिषेक ने बताया, "ऐसा अलग इसलिए नहीं था, क्योंकि मैं अंडर-16 के दिनों से ही पंजाब टीम के कुछ खिलाड़ियों के साथ खेल रहा था। यहीं पर आपकी चुनौती है, आप उन्हें कैसे संभालते हैं और वह माहौल कैसे बनाते हैं? कप्तानी ने मुझे अधिक परिपक्व बल्लेबाज़ और लीडर बना दिया।"
महान खिलाड़ियों के साथ अभिषेक की चर्चा सिर्फ़ युवराज तक ही सीमित नहीं है। जब वह चार साल पहले अंडर-19 विश्व कप विजेता टीम का हिस्सा थे, तो उन्होंने भारत के वर्तमान मुख्य कोच राहुल द्रविड़ के अधीन प्रशिक्षण लिया। पिछले दिसंबर में, उन्हें सनराइज़र्स हैदराबाद के रणनीतिक सलाहकार और बल्लेबाज़ी कोच के रूप में लाए जाने के बाद ब्रायन लारा को भी सुनने का अवसर मिला था।
अभिषेक याद करते हैं, ''राहुल सर ने मुझे हमेशा ख़ुद पर भरोसा करने को कहा। उन्होंने मुझे अपनी बल्लेबाज़ी के बारे में कुछ भी बदलने के लिए कभी नहीं कहा। वह हमेशा चाहते थे कि मैं अंत तक बल्लेबाज़ी करूं। वह उन सबसे सकारात्मक व्यक्तियों में से एक हैं जिनसे मैं मिला हूं।"
लारा के साथ अपने अनुभव के बारे में बताइए, जिन्हें अभी सनराइज़र्स का मुख्य कोच नियुक्त किया गया है?
"वह हर बल्लेबाज़ को आमने-सामने मिलने के लिए बुला रहा थे। उन्होंने मुझसे पूछा, 'पिछले दो वर्षों में अच्छा प्रदर्शन करने वाले सलामी बल्लेबाज़ों के बीच क्या सामान्य था?' मैंने कहा, 'वे सभी अच्छे खिलाड़ी हैं जो अच्छे शॉट खेलते हैं' लेकिन वह चाहते थे कि मैं हर पारी में 30-35 गेंदें खेलूं। जब भी मैं बल्लेबाज़ी के लिए निकला, उन्होंने मुझसे कहा, 'मैं आपसे टाइम आउट पर मिलता हूं'। तो वह मेरे दिमाग़ में अटक गया। जब लारा सर जैसे किसी व्यक्ति को आप पर विश्वास होता है, तो आपको वह आत्मविश्वास मिलता है।"
दैनिक आधार पर अभिषेक के दोस्तों और वरिष्ठों का एक क़रीबी सर्कल होता है, जिनके ऊपर वह सलाह के लिए भरोसा करते हैं। अभिषेक ख़ुद अब एक घरेलू क्रिकेटर के रूप में अपने पांचवें सीज़न में हैं। वह एक ऐसे चरण में है जहां वह लंबी छलांग लगाने के लिए तैयार हैं।"
13 प्रथम श्रेणी मैचों के बाद अभिषेक की औसत सिर्फ़ 29 की है जिसमें उच्चतम स्कोर 98 है। उनके लिस्ट-ए के आंकड़े धीरे-धीरे बढ़ रहे हैं। 30 पारियों के बाद उनकी औसत 31 की है। इस सीज़न में वह इन आंकड़ों का इज़ाफ़ा करना चाहते हैं लेकिन उनके ज़हन में पहले ही एक बड़ा लक्ष्य है। ऐसे में वह आज से पांच साल बाद ख़ुद को कैसे देखते हैं?
" निश्चित रूप से अपने देश के लिए विश्व कप जीतना है!"
अभिषेक के पास स्पष्टता है और वह उन आंकड़ों को बेहतर करने की उम्मीद कर रहे होंगे। हो सकता है कि एक ख़िताबी जीत उनके युवा करियर के अगले अध्याय की शुरुआत कर सके।

हिमांशु अग्रवाल ESPNcricinfo में सब एडिटर हैं। अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी के एडिटोरियल फ्रीलांसर नवनीत झा ने किया है।