बुधवार सुबह दिल्ली रणजी टीम का अभ्यास सत्र सुबह नौ बजे निर्धारित था, लेकिन विराट कोहली की कार तय समय से एक घंटा पहले ही स्टेडियम पहुंच चुकी थी। दिल्ली के अन्य खिलाड़ियों से पहले पहुंचकर उन्होंने जिम में पसीना बहाया और मंगलवार की लाइमलाइट के विपरीत मीडिया से भी बच गए। जब पूरी टीम मैदान पर आ गई तो वह भी उनके साथ फ़ुटबॉल मैच के लिए जुड़े।
जहां एक तरफ़ मैदान के अंदर दिल्ली की टीम पसीना बहा रही थी, वहीं मैदान के बाहर स्टेडियम के कर्मचारी भी दिल्ली की कम सर्द सुबह में पसीना बहाते हुए दिख रहे थे। कारण भी साफ़ था क्योंकि उनके क्रिकेट इतिहास के सबसे बड़े खिलाड़ियों में से एक, 14 साल बाद इस मैदान पर उनके लिए कोई रणजी ट्रॉफ़ी मैच खेलने वाला था।
मंगलवार शाम तक दिल्ली और रेलवे के बीच होने वाले इस मुक़ाबले का प्रसारण ब्रॉडकास्ट पर नहीं होने वाला था, लेकिन विराट कोहली के अभ्यास सत्र में हिस्सा लेने और उनका खेलना लगभग निश्चित होने के बाद ब्रॉडकास्टर्स ने भी निर्णय लिया कि इस मैच का लाइव प्रसारण होगा। इसके लिए ब्रॉडकास्टिंग टीम और उनका आउटडोर ब्रॉडकास्टिंग वैन तड़के सुबह ही स्टेडियम पहुंच चुकी थी और वे अपनी तैयारियों में जुट गए थे।
चूंकि कोहली इस मैच में खेलेंगे, इसलिए दर्शकों की संख्या भी सामान्य रणजी मैचों से अधिक हो सकती है। इसलिए दिल्ली जिला क्रिकेट एसोसिएशन (DDCA) ने इस मैच के लिए दो अतिरिक्त स्टैंड खोलने का निर्णय लिया है, जहां वे 8 से 10 हज़ार दर्शकों की उम्मीद कर रहे हैं। जहां सामान्य घरेलू मैचों के लिए मीडिया बॉक्स के नीचे सिर्फ़ ओल्ड क्लब हाउस का छोटा सा स्टैंड खुला रहता था, वहीं इस मैच के लिए उत्तर में स्थित गौतम गंभीर स्टैंड का दोनों हिस्सा और चारों मंज़िल खुले रहेंगे।
बुधवार को इन सभी स्टैंड्स में सीटों की सफ़ाई और अन्य सार्वजिनक सुविधाओं पर काम चलता हुआ दिखा। DDCA ने गेट पर खड़े रहने वाले अपने निजी सुरक्षा गॉर्डों की संख्या को इस मैच के लिए बढ़ा दिया है और कुछ प्रबंधित जगहों पर दर्शकों की पहुंच को सीमित करने के लिए बैरिकेडिंग भी की है।
एसोसिएशन ने स्थानीय पुलिस को भी इस बाबत सूचना दे दी है कि इस मैच को देखने के लिए अपेक्षा से अधिक दर्शक स्टेडियम आ सकते हैं, ताकि पुलिस प्रशासन भी अपनी तैयारी कर लें। मंगलवार और बुधवार दोनों दिन मैदान के बाहर मुठ्ठी भर पुलिस वाले भी अपनी सायरन जीपों के साथ दिखाई दिए, जिनकी संख्या मैच के दिन बढ़ सकती है। DDCA के मुख्य सचिव अशोक शर्मा ने बताया कि दर्शक गेट नंबर 15, 16 और 6 पर अपना आधार कार्ड दिखाकर इस मैच के लिए स्टेडियम में मुफ़्त में प्रवेश कर सकते हैं।
हालांकि मंगलवार के विपरीत बुधवार को स्टेडियम में अपेक्षाकृत कम हलचल दिखी। कोहली की रणजी वापसी का गवाह बनने के लिए जहां मंगलवार को टीवी और यूट्यूब मीडिया के लोग अधिक संख्या में थे, वहीं DDCA के अधिकारीगण भी कुछ अधिक व्यस्त नज़र आ रहे थे। हालांकि मैच से एक दिन पहले का दिन कुछ अधिक नियंत्रित और शांत नज़र आया।
ये तो रही मैदान के बाहर की बात। मैदान के अंदर फ़ुटबॉल खेलने के बाद कोहली नेट्स की ओर बढ़े। जहां मंगलवार को उन्होंने अपने पतले बल्ले से थ्रोडाउन पर आधे पिच से अभ्यास किया था, वहीं बुधवार को उन्होंने तीन चौथाई पिच से उसी बल्ले से थ्रो डाउन लिया और गेंद को मिडिल करने का अभ्यास किया। इसके बाद उन्होंने सामान्य बल्ले से भी थ्रोडाउन लिया और फिर नई गेंद का सामना करने तेज़ गेंदबाज़ों के नेट्स में चले गए।
कोहली ने मंगलवार की बैकफ़ुट के खेल की बजाय इस बार फ़्रंटफ़ुट खेल पर ज़्यादा ज़ोर दिया। वह फ़्रंटफ़ुट डिफ़ेंड और ड्राइव करते हुए अधिक नज़र आए और इस दौरान उन्हें दाएं हाथ के युवा तेज़ गेंदबाज़ राहुल गहलोत ने ड्राइव करते हुए बीट भी कराया। हालांकि कोहली ने इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी और अगली गेंद की तरफ़ बढ़ गए। बाएं हाथ के तेज़ गेंदबाज़ सिद्धांत शर्मा ने मंगलवार की तरह इस बार भी कोहली को बाहरी किनारे पर कुछ दफ़ा बीट कराया, लेकिन कोहली अधिकतर समय सहज ही दिखे और कुछ ख़ूबसूरत ड्राइव्स भी लगाया।
20 मिनट तेज़ गेंदबाज़ों को खेलने के बाद कोहली सबसे आख़िर में स्पिनरों की तरफ़ पहुंचे। इस बार दिल्ली टीम के नियमित स्पिनरों के अलावा दो नेट स्पिनर्स भी थे, जिसमें एक बाएं हाथ के नेट स्पिनर ने कोहली को पैड पर कुछ दफ़ा बीट भी कराया और वह लेंथ गेंदों पर रक्षात्मक शॉट खेलते हुए बैट-पैड भी हुए। हालांकि ऑफ़ स्पिनरों के ख़िलाफ़ वह अधिक सहज थे, जहां पर उन्होंने आगे निकलकर सामने की दिशा में कुछ आक्रामक हवाई शॉट भी लगाए।
मंगलवार की बजाय बुधवार को कोहली का नेट सेशन भी थोड़ा संक्षिप्त था और 10 मिनट स्पिनरों को खेलने के बाद वह मुख्य कोच शरनदीप सिंह से बात करने लगे।
कोहली ने दिल्ली के लिए जब आख़िरी बार 2012 में रणजी मैच खेला था, तो वर्तमान दिल्ली टीम का कोई भी खिलाड़ी उस मैच का हिस्सा नहीं था। इस टीम के अधिकतर खिलाड़ी तब स्कूल क्रिकेट या एज़ ग्रुप क्रिकेट का हिस्सा थे और कोहली को एक आदर्श के रूप में देखते हैं।
अब जब कोहली उनके साथ कोई रणजी मैच खेलने जा रहे हैं, तो ये खिलाड़ी बहुत उत्साहित हैं। दिल्ली टीम के बल्लेबाज़ जोंटी सिद्धू ने बताया, "पिछले दो दिन का नेट सेशन बहुत ही मज़ेदार था और सबने अपना अतिरिक्त दिया क्योंकि सब विराट (भैया) को इंप्रेस (प्रभावित) करना चाहते थे। अच्छा लगता है, जब इतना बड़ा खिलाड़ी आपके साथ खेलता है।"
वहीं दिल्ली टीम के कप्तान आयुष बदोनी ने कहा, "मैं बहुत आभारी (ग्रेटफ़ुल) हूं कि मुझे ऋषभ (पंत) भैया और विराट (भैया) की कप्तानी का मौक़ा मिला। अभी इस ग्रुप में हमारी टीम की स्थिति ऐसी है कि हमें बोनस के साथ सीधी जीत दर्ज करनी है, ऐसे वक़्त में विराट भैया के आने से पूरी टीम को मोटिवेशन मिला है। उनके आने सभी खिलाड़ी ख़ुश और उत्साहित हैं। उन्होंने भी हमसे मैदान पर कॉन्फ़िडेंट रहने की बात कही है, जैसे वह ख़ुद भी रहते हैं।"
रेलवे के खिलाड़ी भी कोहली का सामना करने को लेकर उत्साहित हैं। इस मैच के लिए टीम के नियमित कप्तान प्रथम सिंह चोटिल हैं और टीम की कमान विकेटकीपर बल्लेबाज़ सूरज आहूजा संभालेंगे।
उन्होंने कहा, "वैसे तो वह हमारे विपक्ष में खेलेंगे, लेकिन अच्छा लग रहा है कि जिनको हमने बचपन से खेलते हुए देखा है उनके सामने हमें खेलने का मौक़ा मिलेगा। यह घरेलू क्रिकेट के लिए भी अच्छी बात है कि वह इतने सालों बाद कोई रणजी मैच खेलेंगे। यह हमारे खिलाड़ियों के लिए भी अच्छा है कि वे उनको जल्द से जल्द आउट करने के लिए अतिरिक्त प्रयास करेंगे और पूरी इंटेंसिटी के साथ अपना 100 प्रतिशत से अधिक देंगे।"
ख़ैर, अतिरिक्त घास छोड़ी हुई कोटला की ग्रीनटॉप पिच कोहली का इंतज़ार कर रही है, जहां उनके साथ पूरा भारतीय क्रिकेट जगत भी उनकी फ़ॉर्म वापसी का इंतज़ार कर रहा होगा।