मैच (18)
WTC (1)
विश्व कप लीग 2 (1)
MLC (1)
IRE vs WI (1)
Vitality Blast Men (10)
Vitality Blast Women (3)
TNPL (1)
फ़ीचर्स

चोट से प्रभावित करियर को दोबारा पटरी पर लाने को तैयार कुलदीप सेन

चोट कुलदीप की राह को रोड़ा बनती आई है, लेकिन वह अब इससे निपटने के लिए शारीरिक और मानसिक दोनों रूप से तैयार हैं

Kuldeep Sen was expensive in his first over, Punjab Kings vs Rajasthan Royals, IPL 2024, Mullanpur, April 13, 2024

Kuldeep Sen इस बार IPL में पंजाब किंग्स के लिए खेलते दिखाई देंगे  •  Associated Press

"मैं काफ़ी हताश था। लेकिन राहुल (द्रविड़) सर और रोहित (शर्मा) भैया ने मेरा हौसला बढ़ाया। उन्होंने मुझसे कहा कि मेरे अंदर काफ़ी क्षमता है और उन्हें यह उम्मीद है कि मैं जल्द ही फ़िट होकर भारतीय टीम के लिए दोबारा खेलूंगा।"
दिसंबर 2022 में अपने दूसरे अंतर्राष्ट्रीय मैच से पहले अभ्यास करने के दौरान ही कुलदीप सेन चोटिल हो गए थे। इस घटना को हुए दो साल से ज़्यादा गुज़र चुके हैं।
केरल के ख़िलाफ़ रणजी ट्रॉफ़ी मैच में पिछले रविवार को अपनी गेंदबाज़ी से मध्य प्रदेश की जीत की उम्मीद जगाने वाले कुलदीप IPL 2024 के बाद पहली बार प्रथम श्रेणी क्रिकेट में वापसी कर रहे हैं। उनके कंधों पर अब भी उस विश्वास पर खरा उतरने की ज़िम्मेदारी है, जिसे भारत के तत्कालीन मुख्य कोच और कप्तान ने जताया था। हालांकि वापसी की इस नई यात्रा में भी चोट ने कुलदीप का पीछा नहीं छोड़ा है और ये चोटें उनके लिए चुनौती बनकर सामने खड़ी हो गई हैं।
कुलदीप ने ESPNcricinfo से बात करते हुए कहा, "बतौर तेज़ गेंदबाज़ आपको चोट के लिए तैयार रहना होगा। चोट पूछकर नहीं आती है, उसकी कोई टाइमलाइन नहीं है, लेकिन उसको कम करने पर मैंने ज़रूर काम किया है। जब मैं चोट से रिकवर कर रहा था तब भी मेरा ध्यान जल्द से जल्द वापसी करने पर ही था। इस दौरान मैंने लंबे और छोटे प्रारूप के हिसाब से अपनी लाइन-लेंथ पर काम किया है। तेज़ गेंदबाज़ के लिए मानसिक तौर पर मज़बूत रहना सबसे ज़रूरी है। रिकवरी के दौरान मैंने लंबे प्रारूप के लिए अपनी फ़िटनेस पर काम किया, क्योंकि इससे छोटे प्रारूप के लिए ख़ुद को तैयार करना आसान हो जाता है।"
कुलदीप ने 2022 में लगातार बेहतरीन प्रदर्शन किया था। उस साल उन्होंने ईरानी कप में रेस्ट ऑफ़ इंडिया के लिए खेलते हुए आठ विकेट चटकाए थे, जिसमें दूसरी पारी का 5-विकेट हॉल भी शामिल था। विजय हज़ारे ट्रॉफ़ी में कुलदीप मध्य प्रदेश की ओर से सर्वाधिक विकेट (18) लेने वाले गेंदबाज़ भी थे। हालांकि उनकी इस यात्रा में IPL के योगदान को भी नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता जब एक बढ़िया शुरुआत हासिल कर चुकी रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु के ख़िलाफ़ 144 के छोटे से स्कोर का बचाव करने में कुलदीप के चार विकेटों ने सबसे अहम भूमिका निभाई थी। इस मैच से पहले उस सीज़न कुलदीप ने ऐसा कारनामा अपने डेब्यू मैच में भी किया था, जब अंतिम ओवर में उन्होंने मार्कस स्टॉयनिस के सामने 14 रनों का बचाव किया था।
कुलदीप ने कहा, "लखनऊ के पिछले मैच में मेरे प्रदर्शन से सभी ख़ुश थे। मेरा ख़ुद पर विश्वास बढ़ गया था। लेकिन RCB के ख़िलाफ़ प्रदर्शन से मेरा आत्मविश्वास अलग स्तर पर चला गया था क्योंकि इस मैच में मैंने उन खिलाड़ियों (फ़ाफ़ डुप्लेसी, ग्लेन मैक्सवेल) के विकेट चटकाए थे जिन्हें मैं कभी टीवी पर खेलता देखा करता था।"
कुलदीप जिस पृष्ठभूमि से आते हैं, वहां सपना, संघर्ष का सहयात्री होता है। संघर्ष के साथ मंज़िल तक पहुंचने की यात्रा और भी संघर्षपूर्ण हो जाती है, जब सपने को उड़ान देने के लिए सुविधा और संसाधन नाम के ईंधन साथ नहीं होते हैं।
कुलदीप ने कहा, "मैंने 13-14 वर्ष की उम्र में क्रिकेट खेलना शुरू किया था। तब क्रिकेटर बनने का सोचा नहीं था, बस इस खेल को खेलने में मज़ा आता था। घर पर टीवी नहीं था। दूरदर्शन पर जब मैच आते थे तब आस-पड़ोस में टीवी पर जाकर देखने का विकल्प था। एक दिन रीवा में ही अपने दोस्तों के साथ रीवा के स्टेडियम में क्रिकेट देखने गया था। मैं दूर से क्रिकेट मैच देख रहा था और बाउंड्री लाइन के पास लगातार दौड़कर गेंद पकड़ कर वापस फेंक रहा था कि तभी अरिल एंटनी सर (कुलदीप के कोच) की नज़र मेरे ऊपर पड़ी और उन्होंने मेरे से पूछा - क्रिकेट खेलोगे? और यहीं से मेरी यात्रा शुरु हुई।"
ख़ैर, फिर से चलते हैं दिसंबर 2022 में। चोटिल होकर बीच बांग्लादेश दौरे से लौट रहे कुलदीप को अब यह यात्रा दोबारा शुरु करनी थी, जिसकी मंज़िल उन्हें लगातार संघर्ष के बाद मिलने वाली निराशाओं से जूझने के बाद मिली थी। IPL 2024 के बाद कुलदीप मध्य प्रदेश प्रीमियर लीग में घुटना चोटिल कर बैठे, जिसके बाद बेंगलुरु स्थित राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी (NCA) में उन्हें लंबा वक़्त गुज़ारना पड़ा और नतीजा यह हुआ कि कुलदीप दलीप ट्रॉफ़ी, रणजी ट्रॉफ़ी का पहला चरण, सैयद मुश्ताक़ अली ट्रॉफ़ी और विजय हज़ारे ट्रॉफ़ी का भी हिस्सा नहीं बन पाए। हालांकि रणजी ट्रॉफ़ी के दूसरे चरण के बाद अब एक बार फिर उनके सामने IPL में ख़ुद को साबित करने का मौक़ा होगा और इस बार वह उस टीम के लिए खेलते दिखाई देंगे, जिसके लिए उन्होंने अपना सबसे पहला ट्रायल दिया था।
कुलदीप ने कहा, "मैं तीन बार IPL की नीलामी में अनसोल्ड रहा था। मैंने पहली बार 2018 में किंग्स इलेवन पंजाब का ट्रायल दिया था। इसी साल कुलदीप ने प्रथम श्रेणी क्रिकेट में पदार्पण किया था। अगले साल मैंने मुंबई इंडियंस का ट्रायल दिया, तब सचिन (तेंदुलकर) सर और ज़हीर (ख़ान) सर को पहली बार देखा था। ज़हीर सर से प्रभावित होकर मैंने गेंदबाज़ बनने का फ़ैसला किया था। 2020-21 में मैंने घरेलू सर्किट में अच्छा प्रदर्शन किया, लेकिन मुझे साइड स्ट्रेन हो गया और मैं KKR और RR के लिए ट्रायल का बुलावा आने के बावजूद नहीं जा पाया। 2022 में RR के लिए मैं ट्रायल देने गया और ट्रायल के बाद कुमार संगकारा ने मुझसे चर्चा की थी। जब नीलामी हुई तब मैं यह मान चुका था कि मुझे इस बार भी ख़रीददार नहीं मिलेगा, लेकिन संगकारा का मुझसे बात करना मेरे भीतर एक हल्की उम्मीद जगा गया था।"
मध्य प्रदेश के रीवा से ताल्लुक रखने वाले कुलदीप के पिता सैलून चलाते हैं। किसी भी क्षेत्र में कुछ बड़ा हासिल करने के क्रम में हर किसी को संघर्ष करना होता है लेकिन कुलदीप का संघर्ष उन संघर्षशील व्यक्तियों में शामिल है, जिन्हें संघर्ष करने में सक्षम होने के लिए भी पहले संघर्ष करना पड़ता है।
उन्होंने बताया, "परिवार की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी, लेकिन एंटनी सर ने मेरी काफ़ी मदद की। बहुत बार उन्होंने मेरे से फ़ीस भी नहीं ली, कई बार जूतों की ज़रूरत हुई तो उन्होंने ही उपलब्ध कराए। दोस्तों से ही क्रिकेट किट लेकर मैंने खेलना चालू किया। आगे चलकर भी मुझे काफ़ी मदद मिली। काफी दिनों तक घरेलू क्रिकेट में भी मैं ईश्वर (पांडे) भैया के जूते पहनकर खेला। घर में मम्मी ने काफ़ी सपोर्ट किया लेकिन पापा शुरुआत में यही चाहते थे कि मैं क्रिकेट के बजाय पढ़ाई लिखाई पर ध्यान दूं। लेकिन जब मैंने प्रथम श्रेणी क्रिकेट खेलना शुरु किया तब पापा की भी शिकायत दूर हो गई और अब मैं आर्थिक तौर पर अपने परिवार की मदद करने में सक्षम भी हो गया था।"
IPL के डेब्यू सीज़न में कुलदीप को सात मैच खेलने का मौक़ा मिला। हालांकि इसके बाद उन्हें अधिक अवसर नहीं मिल पाए। वह इसकी वजह RR की मज़बूत गेंदबाज़ी लाइन अप को मानते हैं। भारतीय टीम के लिए खेलने के दौरान चोटिल होने के बाद जब वह RR के लिए खेलने के लिए लौटे तब तक IPL में इंपैक्ट प्लेयर का नियम आ चुका था और अब कुलदीप के लिए अंतिम एकादश में जगह बनाना और मुश्किल रहने वाला था।
उन्होंने बताया, "2023 में मुझे फिर से चोट लग गई। हालांकि सीज़न के बीच में मैं एक बार फिर खेलने के लिए तैयार हो चुका था लेकिन हमारी टीम की गेंदबाज़ी लाइन अप तब तक स्थापित हो चुकी थी और इस बार इंपैक्ट प्लेयर नियम होने के कारण कई अवसर पर पहले गेंदबाज़ी आने के चलते मुझे अवसर नहीं मिल पाए। लेकिन मैं इस बात से संतुष्ट हूं कि जब भी मुझे मौक़ा मिला मैंने अपना 100 फ़ीसदी देने की कोशिश की।"
कुलदीप को पहचान तेज़ गति के साथ साथ सटीक लेंथ पर गेंदबाज़ी करने की उनकी क्षमता ने दिलाई थी। बकौल कुलदीप RR के खेमे में उन्हें लसित मलिंगा से काफ़ी कुछ सीखने को मिला। मलिंगा ने कुलदीप को गति के साथ साथ मिश्रण पर काम करने की भी सलाह दी थी और कुलदीप, मलिंगा से मिले गुरु मंत्र का पालन भी कर रहे हैं। हालांकि शुरुआती दौर में कुलदीप इतनी तेज़ गेंदबाज़ी नहीं करते थे।
कुलदीप ने कहा, "जब मैंने पहला रणजी सीज़न खेला था तब मेरी स्पीड 135 से 140 के पास थी। इसकी बड़ी वजह मेरा सेमी साइड ऑन एक्शन था और इस वजह से मुझे कई बार इंजरी भी हुई। मेरा एंकल भी साइड में गिरता था। लेकिन एंटनी सर ने इसमें मेरी काफ़ी मदद की। उन्होंने मेरे एक्शन पर काफ़ी काम किया। जब कोरोना के चलते लॉकडाउन लगा, तब मैं अपने गांव (हरिहरपुर) चला गया। नदी के किनारे जाकर वर्कआउट करता था। क़रीब दो महीने मैंने अपने गांव में बिताए और वहां की गई मेहनत रंग लाई।"
पिछले रणजी सीज़न कुलदीप ने तमिलनाडु का रुख़ किया था। इस बार नीलामी में भी उनके ऊपर पहला दांव चेन्नई सुपर किंग्स ने ही खेला लेकिन अंत में पंजाब किंग्स ने उन्हें ख़रीद लिया
उन्होंने कहा, "मेरी प्राथमिकता रेड बॉल क्रिकेट है, लेकिन छोटे प्रारूप की भी अपनी महत्व और चुनौतियां हैं। रेड बॉल में एक गेंदबाज़ के तौर पर आपके पास अपनी रणनीति को अमली जामा पहनाने के लिए सोचने का समय होता है, लेकिन यह आपके धैर्य की असली परीक्षा लेता है। जबकि T20 में आपके पास सोचने का समय नहीं होता और आपको लगातार अपनी रणनीति बदलने के लिए तैयार रहना पड़ता है। केरल के ख़िलाफ़ हम मैच नहीं जीत पाए लेकिन मैं अपने प्रयास से संतुष्ट था।"
"अभी मेरा ध्यान सिर्फ़ प्रदर्शन करने पर है। अगर मैं प्रदर्शन करूंगा तो रास्ते अपने आप खुल जाएंगे। अगर मैं ज़्यादा सोचूंगा तो इससे मेरे ऊपर दबाव बढ़ेगा और वो चीज़ें नहीं हो पाएंगी। इसलिए मेरा ध्यान सिर्फ़ इसी पर है कि किसी भी मैच में कैसे अपनी टीम को जीत दिलाऊं," कुलदीप अपनी बात को समाप्त करते हैं।

नवनीत झा ESPNcricinfo हिंदी में कंसल्टेंट सब एडिटर हैं।