मुश्किल स्थिति में मैं अपनी सबसे बढ़िया गेंद डालने का प्रयास करता हूं : यश दयाल
बाएं हाथ के तेज़ गेंदबाज़ ने गेंदबाज़ी में विकास, परिवार के समर्थन, आईपीएल की सफलता के बारे में बताया
विशाल दीक्षित और निखिल शर्मा
17-Jun-2022
यश दयाल एक निडर गेंदबाज़ हैं और उन्हें बाउंसर डालना पसंद हैं। राजस्थान रॉयल्स के विरुद्ध अपने आईपीएल डेब्यू मैच में फ़ॉर्म में चल रहे जॉस बटलर ने चार गेंदों के भीतर दयाल पर दो चौके और एक छक्का लगाया। इसके बावजूद दयाल ने एक और बाउंसर गेंद डाली। वह बटलर को आउट नहीं कर पाए लेकिन उन्होंने दिखाया कि वह आसानी से डरने वालों में से नहीं हैं।
क़रीब 10 दिन बाद जब गुजरात टाइटंस कोलकाता नाइट राइडर्स के विरुद्ध 156 के लक्ष्य का बचाव कर रही थी, दयाल ने अपनी बाउंसर गेंदों पर भरोसा जताया। वह श्रेयस अय्यर और रिंकू सिंह को आउट कर चुके थे और जब आंद्र रसल स्ट्राइक पर आए, दयाल ने टी20 क्रिकेट के इस घातक बल्लेबाज़ का स्वागत लगातार तीन बाउंसर गेंदों के साथ किया। पहली गेंद को रसल ने नीचे झुककर कीपर के पास जाने दिया और दूसरी गेंद बल्ले का किनारा लेकर चौके के लिए चली गई। तीसरी गेंद पर रसल को परेशानी हुई और वह फ़ाइन लेग पर कैच दे बैठे। हालांकि दयाल का पैर क्रीज़ से बाहर निकल आया था और यह नो बॉल दी गई।
रणजी ट्रॉफ़ी के सेमीफ़ाइनल से पहले दयाल ने ईएसपीएनक्रिकइंफ़ो को बताया था, "मैं हर स्थिति में आक्रामक रहूंगा, फिर चाहे बल्लेबाज़ मुझपर हावी ही क्यों ना हो रहा हो। ख़ुद पर भरोसा करना बहुत ज़रूरी है। (गेंदबाज़ी के दौरान) दिमाग़ में कई चीज़ें आ सकती है लेकिन मैं अपने कौशल पर भरोसा करने का प्रयास करता हूं। फिर मैं अपनी सबसे बढ़िया गेंद जैसे बाउंसर या यॉर्कर डालने का प्रयास करता हूं। मैंने इन गेंदों का बहुत अभ्यास किया हैं और मैं मुश्किल स्थिति में इनका इस्तेमाल करता हूं।"
उन्होंने आगे कहा, "मैं डेब्यू मैच में नर्वस था लेकिन मैं बल्लेबाज़ की ओर नहीं देख रहा था। मेरा ध्यान अपनी गेंदबाज़ी पर था। मैं जानता था कि दबाव होगा। बटलर ने एक बाउंड्री लगाई, फिर दूसरी और मैं यह नहीं सोच रहा था कि जॉस बटलर बल्लेबाज़ी कर रहा है। मैं यह सोच रहा था कि मेरी कौन सी बेस्ट गेंद उसे आउट करेगी। दूर्भाग्यवश ऐसा हो ना सका। मैं यह भी नहीं सोच रहा था कि क्या होगा अगर वह मेरे ख़िलाफ़ और शॉट खेलेगा या कितने लोग यह मैच देख रहे होंगे। मैंने सोचा कि यह बस एक मैच है जो शायद मेरे पक्ष में जाएगा या नहीं लेकिन मुझे अपना सर्वश्रेष्ठ देने का काम करना है।"
आशीष नेहरा ने शुरुआत से मेरा समर्थन किया। पहले मैं बहुत कुछ करने का प्रयास करता था लेकिन आशीष सर ने मुझे सिखाया कि मुझे अपनी रणनीति पर ध्यान देना चाहिए। उन्होंने मुझे दबाव लिए बिना अमल करने की कुछ योजनाएं भी बताई। ऊंचे स्तर पर आपको चालाक भी होना पड़ता है।यश दयाल
"मैं जानता था कि बाउंसर मेरा मज़बूत पक्ष है। फिर वह बटलर हो या आंद्रे रसल, मैं अपनी बेस्ट गेंद डालने का प्रयास करूंगा। ऐसा हुआ भी और मैंने रसल को आउट किया लेकिन वह नो बॉल थी। उस समय मुझे ऐसा लगा जैसे मैंने कोई गुनाह किया हो। कप्तान और सीनियर खिलाड़ियों ने मुझे प्रोत्साहन दिया लेकिन मुझे बहुत बुरा लग रहा था।"
24 वर्षीय दयाल ने आईपीएल से पहले 15 टी20 मैच भी नहीं खेले थे। इस समय वह अपना 16वां प्रथम श्रेणी मैच खेल रहे हैं। उनके आक्रामक अंदाज़ ने उनकी इकॉनमी को बढ़ाया (11 मैचों में 9.25) लेकिन इसने उन्हें ऋतुराज गायकवाड़, श्रेयस, एडन मारक्रम और क्विंटन डिकॉक जैसे बड़े नामों के विकेट भी दिलाए। दयाल को लगता है कि आईपीएल में बाएं हाथ के पूर्व तेज़ गेंदबाज़ और गुजरात के प्रमुख कोच आशीष नेहरा के नेतृत्व में रहने के बाद वह एक विकसित गेंदबाज़ बन गए हैं।
वह कहते हैं, "आशीष नेहरा ने शुरुआत से मेरा समर्थन किया। पहले मैं बहुत कुछ करने का प्रयास करता था लेकिन आशीष सर ने मुझे सिखाया कि मुझे अपनी रणनीति पर ध्यान देना चाहिए। उन्होंने मुझे दबाव लिए बिना अमल करने की कुछ योजनाएं भी बताई। ऊंचे स्तर पर आपको चालाक भी होना पड़ता है।"
नई गेंद को स्विंग करवाने और धीमी गति की कटर गेंद डालने की कला के कारण दयाल जल्द की मोहम्मद शमी के साथ पावरप्ले में गेंदबाज़ी करने लगे। नेहरा ने दयाल के लिए अलग योजनाएं बनाई थी और उन्होंने विशेष नेट सेशल का आयोजन किया ताकि उनके साथ काम किया जा सकें।
तो उन्होंने नेहरा से क्या सीखा? "(उन्होंने मुझे) आउट स्विंग और इन स्विंग के लिए सीम पोज़िशन (के बारे में सिखाया)। उन्होंने मेरे नियंत्रण पर काफ़ी काम किया। उन्होंने कहा कि आप किस प्रकार अपनी गेंद डालते हैं और अपनी योजना पर अमल करते हैं यह महत्वपूर्ण है। उदाहरण के तौर पर आप शुरुआत में ओपनर के ख़िलाफ़ कैसी गेंदबाज़ी करेंगे, आपकी योजना क्या है, इत्यादि।"
दयाल ने बताया कि महंगी इकॉनमी होने के बाद भी गुजरात टीम प्रबंधन ने उनका समर्थन किया और कप्तान हार्दिक पंड्या ने उन्हें मैदान पर अपने फ़ैसले लेने की स्वतंत्रता दी। उन्होंने बताया, "आशीष नेहरा मेरे लिए एक फ़रिश्ता बनकर आए। जब मैं रन लुटा रहा था, टीम प्रबंधन ने मेरा रवैया देखा और मुझे फ़ाइनल तक टीम में खिलाया। और मैंने हर मैच में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास किया। हार्दिक बहुत शांत व्यक्ति है। उन्हें आत्मविश्वास है और वह जानते हैं कि मैच की किस स्थिति में क्या करना है। वह गेंदबाज़ों के कप्तान हैं। अगर आपको ख़ुद पर भरोसा है तो वह आपको फ़ैसले लेने की स्वतंत्रता देते हैं। मैं कहूंगा कि वह अब तक के मेरे सर्वश्रेष्ठ कप्तान हैं।"
इस साल आईपीएल की बड़ी नीलामी में अनकैप्ड खिलाड़ी होने के बावजूद दयाल कोई नया नाम नहीं थे। विजय हज़ारे ट्रॉफ़ी के सात मैच में 3.44 की किफ़ायती इकॉनमी से उन्होंने 14 विकेट झटके थे। 2018-19 में अपने प्रथम श्रेणी डेब्यू के बाद से रणजी ट्रॉफ़ी में 30 विकेट लेकर वह अपनी छाप छोड़ चुके थे।
बाएं हाथ के तेज़ गेंदबाज़ दयाल नहीं गेंद के साथ 135 से 140 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से गेंदबाज़ी कर सकते हैं। इसके अलावा नकल गेंद और यॉर्कर जैसी विविधता के कारण उन्हें इस साल जनवरी-फ़रवरी में वेस्टइंडीज़ सीरीज़ के लिए भारतीय दल में बतौर नेट गेंदबाज़ चुना गया था। घरेलू क्रिकेट के बाद अब दयाल विश्व के बेहतरीन गेंदबाज़ के साथ गेंदबाज़ी कर रहे थे।
इस सीरीज़ को याद करते हुए वह कहते हैं, "राहुल द्रविड़ सर ने मेरे साथ बातचीत की लेकिन पारस महाम्ब्रे सर ने मुझसे सबसे ज़्यादा बातें की। उन्होंने मेरी गेंदबाज़ी में रुचि दिखाई और नेट में हर गेंद डालने के बाद मुझसे चर्चा की।"
भले ही दयाल ड्रेसिंग रूम में नए थे, उन्हें गेंदबाज़ी के सारे मिश्रण आते थे। उनका कहना है कि दाएं हाथ के बल्लेबाज़ों के ख़िलाफ़ उनकी आउट स्विंग गेंद स्वाभाविक है और अब वह इन स्विंग पर काम करना चाहते थे। टीवी और यूट्यूब की मदद से उन्होंने नकल गेंद सीख ली थी और यूपी के वरिष्ठ गेंदबाज़ भुवनेश्वर कुमार के साथ उसे और तराशा था। युवा आयु में इतने सारे मिश्रण के साथ वह अहमदाबाद में भारतीय टीम के साथ जुड़े थे।
यश दयाल के लिए यह उनका पहला आईपीएल था।•PTI
नेट सत्रों में की गई गेंदबाज़ों को याद करते हुए दयाल ने कहा, "एक बार मैंने इशान किशन को बीट किया। दूसरी बार मयंक अग्रवाल को बीट किया जब वह डिफ़ेंस कर रहे थे और गेंद बल्ले और पैड के बीच बने गैप में से निकल गई।" उन्होंने कहा कि ऐसा कोई भी गेंदबाज़ नहीं था जिसे उन्होंने नेट में बीट अथवा आउट ना किया हो। एक समय पर उनकी कमज़ोरी होने वाली इन स्विंग गेंद अब उनका प्रमुख हथियार थी।
नतीजतन कई आईपीएल टीमों की नज़र दयाल पर थी। तीन टीमों ने उनपर बोली लगाई जिससे 20 लाख की बेस प्राइस से उनकी क़ीमत बढ़कर तीन करोड़ 20 लाख तक जा पहुंची।
दयाल प्रयागराज के एक मध्यम वर्गीय परिवार से आते हैं। मुनीम पिता और गुहिणी माता के सुपुत्र दयाल ने अपने पिताजी से गेंदबाज़ी का ग्यान सीखा जो लोकर टूर्नामेंटों में दाएं हाथ से तेज़ गेंदबाज़ी किया करते थे।
उन्होंने कहा, "मेरे पिताजी ने मेरी बहुत मदद की है। उन्होंने मुझे सिखाया कि कैसे पुरानी गेंद को शाइन किया जाता है, कैसे रिवर्स स्विंग करवाने के लिए उसका ध्यान दिया जाता है।" युवा आयु में दयाल ज़हीर ख़ान को टीवी पर और वसीम अकरम और वक़ार युनूस को इंटरनेट पर देखकर उनसे प्रेरणा ले रहे थे।
दयाल ने आगे कहा, "मैं सोचता था कि ऐसे चीज़ें करना संभल हो पाएगा या नहीं। फिर मैंने उनके वीडियो को क़रीब से देखना शुरू किया। मेरे पिताजी ने मेरी मदद की और मैंने अभ्यास करना शुरू किया। धीरे धीरे विकास होता गया और आज भी मैंने रिवर्स स्विंग पर पूरी तरह से पकड़ नहीं बनाई है। मैं अब भी इसमें बेहतर होने का ग्यान ले रहा हूं।"
दयाल के पिताजी ने कम उम्र में ही अपने बेटे की प्रतिभा को पहचाना और उन्हें ग़ुलाम मुर्तज़ा की कोचिंग में डालने के लिए बिशप जॉन्सन स्कूल लेकर गए। शायद यह महसूस करते हुए कि केवल एक कोच से सीखना पर्याप्त नहीं होगा, उन्होंने अपने बेटे को शहर के ए डिवीज़न लीग में ले जाना शुरू कर दिया, ताकि वह बहुत पुराने खिलाड़ियों से मुक़ाबला कर सकें और शहर भर के विभिन्न कोचों से सीख सके।
जब अंडर-14, 16 और 19 के ट्रायल में उनका चयन नहीं होता, दयाल अपनी कला और फ़िटनेस पर काम करते। सफलता का दरवाज़ा तब खुला जब 2017-18 में उनका चयन यूपी की अंडर-23 टीम में हुआ और फिर जल्द ही उन्होंने उसी सीज़न में अपना सीनियर डेब्यू किया।
चार साल बाद अब दयाल यूपी टीम के नियमित सदस्य, एक आईपीएल चैंपियन और भारतीय टीम की दहलीज़ पर जाकर खड़े हैं। भारतीय टीम में जगह बनाने तक वह "कड़ी मेहनत, लगातार अभ्यास और गेंदबाज़ी करते रहना" चाहते हैं।"
विशाल दीक्षित Espncricinfo के अस्सिटेंट एडिटर हैं। निखिल शर्मा ESPNcricinfo हिंदी में सीनियर सब एडिटर हैं।