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विदर्भ की बढ़त से परेशानी में मुंबई, गुजरात ने किया काउंटर अटैक

पांचाल के शतक से गुजरात की टीम मज़बूत स्थिति में, लेकिन चौथे दिन भी उन्हें ऐसे ही बल्लेबाज़ी करनी होगी

Priyank Panchal's unbeaten 92 kept West Zone in the hunt, South Zone vs West Zone, Final, 4th day, Duleep Trophy, Bengaluru, July 15, 2023

पांचाल इस रणजी सीज़न कुछ ख़ास फ़ॉर्म में नहीं थे लेकिन सेमीफ़ाइनल में उन्होंने शानदार प्रदर्शन किया  •  PTI

गुजरात 222/1 (पांचाल 117, देसाई 73) केरल 457 (अज़हरुद्दीन 177, बेबी 69, नागवासवाला 3/81) से 235 रन पीछे
34 साल की उम्र में प्रियंक पांचाल अब राष्ट्रीय टीम के आसपास नहीं हैं, जैसा कि वह पहले हुआ करते थे। वह अब गुजरात के लिए सिर्फ़ एक फ़ॉर्मैट के खिलाड़ी रह गए हैं। इस सीज़न सेमीफ़ाइनल तक उनके नाम सिर्फ़ एक शतक और एक अर्धशतक था। कुल मिला कर अब तक उनका सीज़न साधारण बीत रहा था। लेकिन चयनकर्ताओं ने टीम में बदलाव का जोखिम नहीं उठाया और पांचाल को रणजी ट्रॉफ़ी सेमीफ़ाइनल में बनाए रखा।
बुधवार को पांचाल ने उस भरोसे को सही साबित किया और अपना 29वां प्रथम श्रेणी शतक जड़ा। उन्होंने यह शतक एक सिक्सर के साथ पूरा किया और काफ़ी ज़ोर से चिल्लाते हुए जश्न मनाया।
तीसरे दिन के खेल में गुजरात ने एक गर्म और उमस भरे दिन में केरल को बैकफ़ुट पर धकेल दिया है। दिन का खेल समाप्त होने तक गुजरात 222/1 के स्कोर तक पहुंच गया, और अब वे केरल से सिर्फ़ 235 रन पीछे हैं। पंचाल और मनन हिंगराजिया के बीच दूसरे विकेट के लिए 91 रन की साझेदारी हुई है।
केरल ने अपनी पारी धीमी गति से खेलकर इस मुक़ाबले को अपनी तरह से खेलने का प्रयास किया था। हालांकि गुजरात के मज़बूत जवाब ने यह लगभग सुनिश्चित कर दिया है कि यदि केरल पहली पारी में बढ़त गंवाता है, तो उसके पास मैच का नतीजा अपने पक्ष में करने के लिए पर्याप्त समय नहीं रहेगा।
केरल ने दिन की शुरुआत मोहम्मद अज़हरुद्दीन के 150 रन पूरे करने के साथ की, लेकिन जल्द ही निचले क्रम के विकेट गिरने लगे। इसके बाद उन्होंने बड़े शॉट खेलने शुरू कर दिए। अंत में वह 177* रन बनाकर नाबाद रहे, जबकि केरल ने अपने शेष तीन विकेट गंवाकर पिछले दिन के स्कोर में सिर्फ़ 49 रन जोड़े।
राठौड़ और वाडकर ने विदर्भ की वापसी कराई।
यश राठौड़ और अक्षय वाडकर के बीच पाँचवें विकेट के लिए 91 रनों की नाबाद साझेदारी ने विदर्भ को दूसरी पारी एक दबाव वाली परिस्थिति से उबरने में मदद की। रणजी ट्रॉफ़ी सेमीफ़ाइनल के तीसरे दिन का खेल ख़त्म होने तक विदर्भ ने 147/4 का स्कोर बना लिया था, जिससे उनकी कुल बढ़त 260 रन हो गई।
राठौड़ 59 रन बनाकर नाबाद रहे, जो इस मैच में उनका दूसरा पचास से अधिक का स्कोर था। वहीं, वाडकर ने 31 रनों की नाबाद पारी खेली, जिसमें उन्होंने 102 गेंदों का सामना किया। बाएं और दाएं हाथ के इस संयोजन ने विदर्भ के ड्रेसिंग रूम में फैली घबराहट को कम किया।
मुंबई के लिए यह दिन और भी ख़राब हो सकता था, लेकिन विकेटकीपर-बल्लेबाज़ आकाश आनंद ने शानदार प्रदर्शन किया। उन्होंने अपना दूसरा प्रथम श्रेणी शतक पूरा करते हुए मुंबई की पारी को संभाला और विदर्भ की बढ़त को कम करने में मदद की।
मुंबई ने तीसरे दिन अपनी पारी 188/7 के स्कोर से आगे बढ़ाई। आनंद ने आठवें विकेट के लिए कोटियान (33) के साथ 69 रनों की साझेदारी की। कोटियन के आउट होने के बाद मुंबई की पारी जल्द ही 270 रन पर सिमट गई। इसके बाद विदर्भ के पास कुल 113 रनों की बढ़त थी।
विदर्भ की दूसरी पारी की शुरुआत बेहद ख़राब रही। शार्दुल ठाकुर ने दूसरी ही गेंद पर अथर्व तायडे़ का विकेट लिया। इसके बाद, तीसरे नंबर पर बल्लेबाज़ी करने आए मालेवार ने 29 रन बनाकर तेज़ी से बढ़त को आगे बढ़ाया, लेकिन फिर उन्होंने मुलानी की गेंद पर फ्लिक करने की कोशिश में कैच दे दिया।
खेल उस समय रोमांचक मोड़ पर आ गया जब करुण नायर और ध्रुव शौरी तीन ओवर के भीतर आउट हो गए। इस समय विदर्भ का स्कोर 56/4 हो गया था और बढ़त केवल 169 रनों की रह गई थी। नायर और शौरी दोनों ही क्रमशः मुलानी और कोटियान की गेंदों पर एलबीडब्ल्यू आउट हुए।
इसके बाद मुंबई की टीम अंतिम सत्र में कोई और सफलता हासिल नहीं कर पाई। वाडकर और राठौड़ ने थके हुए आक्रमण को संभालते हुए मैच को चौथे दिन तक खींचने में सफलता पाई। मेज़बान टीम इस समय पूरी तरह से नियंत्रण में नज़र आ रही है। शिवम दुबे ने पहली पारी में पांच विकेट लिए थे, लेकिन उनको गेंदबाज़ी करने के लिए 40वें ओवर के बाद बुलाया गया, लेकिन तब तक वाडकर और राठौड़ ने हालात संभाल लिए थे।