मार्च-अप्रैल में चेपॉक में चेन्नई सुपर किंग्स के प्री सीज़न कैंप ने आईपीएल 2023 में मिली सफलता में अहम रोल निभाया है। यह मंगलवार को चेन्नई की मुश्किल पिच पर गुजरात टाइटंस को हराकर फ़ाइनल में पहुंचने के बाद
ऋतुराज गायकवाड़ ने कहा।
कई सीएसके के खिलाड़ियों समेत खु़द गायकवाड़ ने भी इस सीज़न से पहले चेन्नई में कोई आईपीएल मुक़ाबला नहीं खेला था। यह कैंप तीन मार्च को शुरू हुआ जहां पर कप्तान एमएस धोनी, अजिंक्य रहाणे और अंबाती रायुडू समेत पहले बैच के खिलाड़ी शहर पहुंचे थे। बेंगलुरु में राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी में अपना रिहैब पूरा करने के बाद गायकवाड़ और दीपक चाहर कैंप से जुड़े थे।
गायकवाड़ ने पत्रकार वार्ता में कहा, "यह कैंप बहुत ज़रूरी था क्योंकि चेन्नई में नई पिच बनाई गई थी। हर कोई यह सुनिश्चित नहीं कर सकता था कि विकेट कैसा बर्ताव करेगा। लेकिन कई बार जब आप पाटा विकेट पर खेलते हैं तो आपको अपने शॉट और विरोधी टीम की गेंदबाज़ी के बारे में अधिक नहीं सोचना होता है। कई बार बल्लेबाज़ अच्छे शॉट खेलते हैं। यहां तक कि जब आप बल्लेबाज़ी कर रहे हो तो आपको भी ज़ोन में होना जरूरी होता है।"
"लेकिन चेन्नई में यह कुछ अलग है। आपको पिच के हिसाब से अपना खेल बनाना होता है। कई बार यह धीमी होती है और कई बार बल्लेबाज़ी के लिए अच्छी। तो मुझे लगता है कि यह अच्छा विचार था कि हमें पता चल सका कि यह कैसा खेलने जा रहा है। इसने मुझे निजी तौर पर बहुत मदद की और सभी की जो उस कैंप में मौजूद थे। तुषार देशपांडे वहां पहले दिन से मौजूद थे और राजवर्धन हंगारगेकर समेत सभी युवा पहले दिन से कैंप में थे जिससे मुझे लगता है मदद मिली।"
गायकवाड़ ने सीएसके प्रबंधन की भी तारीफ़ की जिन्होंने हर खिलाड़ी को उनके रोल के बारे में साफ़ रखा। उदाहरण के तौर पर श्रीलंका के मिस्ट्री स्पिनर
महीश थीक्षणा ने चेपॉक में पहले क्वालीफ़ायर से पहले छह मैचों में केवल एक विकेट लिया, लेकिन उन्हें एक और मौक़ा मिला और तब विकेट लिए जब सीएसके दबाव में थी। मंगलवार को थीक्षणा ने गुजरात के कप्तान हार्दिक पंड्या और राहुल तेवतिया के अहम विकेट लिए, जिससे सीएसके 172 रनों का बचाव कर सकी।
गायकवाड़ ने कहा, "हमारी सफलता में बहुत मेहनत लगी है। यह पिछले साल से शुरू हुई थी जब हम प्लेऑफ़ के लिए क्वालीफ़ाई नहीं कर पाए थे। हां प्रबंधन को कई काम करने थे और कई चीज़ों पर हमें सुधार करना था। इस साल पहले मैच से ही हम साफ़ थे कि कौन खेलने जा रहा है और कौन हीं खेलने जा रहा है। और हमारी इलेवन या 12वां खिलाड़ी कौन होगा।"
"मुझे लगता है कि पहले मैच से ही हम सभी को अपना रोल पता था। जब थीक्षणा और मथीशा पथिराना देरी से आते हैा तो मुझे लगता है कि हमने पहले मैच से ही पकड़ बनाई। तो हम लगभग एक ही टीम से खेले हैं और मूमेंटम को बनाए रखा। और सभी को सहायक स्टाफ़ और प्रबंधन को सलाम जिन्होंने बखूबी काम किया।"
चेपॉक की पिच पर अधिक टर्न नहीं हो रही थी जैसा पहले होता था। यहां पर इस बार आईपीएल में तेज़ गेंदबाज़ों ने 51 तो स्पिनरों ने 45 विकेट लिए। सामने की बड़ी बाउंड्री ने भी बल्लेबाज़ों को चुनौती पेश की। गायकवाड़ ने अपने ओपनिंग साझेदार
डेवन कॉन्वे के साथ यहां संतुलन बनाने पर भी बात की जिन्होंने इस सीज़न से पहले कभी चेपॉक में कोई आईपीएल मैच नहीं खेला था।
गायकवाड़ ने कहा, "मुझे लगता है कि दिल्ली के मैच में मुझे छोटी बाउंड्री का थोड़ा अधिक फ़ायदा मिला क्योंकि सामने की ओर छोटी बाउंड्री थी। तो छह ओवर के बाद मैंने और कॉन्वे ने सोचा कि 160-170 का स्कोर अच्छा होगा, तो हम बस 10-11 ओवर तक बल्लेबाज़ी करना चाहते थे और हम में से कोई एक रिस्क ले सकता था क्योंकि बाद में शिवम दुबे को आना था, माही भाई, जड्डू भाई को आना था।"
"तो 10-12 ओवर के बाद वहां पर मैच बदल गया था लेकिन चेन्नई में बड़ी बाउंड्री हैं तो आपको गैप ढूंढने होते हैं और अच्छे शॉट लगाने होते हैं और इसमें कॉन्वे बहुत अच्छा कर रहे हैं और इसी वजह से वह सफल रहे हैं।"