क्या
केएल राहुल अपने वनडे टेंपलेट का पालन करते हुए अपने टेस्ट और टी20आई करियर को पुनर्जीवित करने के लिए मध्य क्रम की भूमिका में आएंगे? भारत को अगले ढाई महीने में सात टेस्ट खेलने हैं और यह सवाल कुछ समय में सभी के दिमाग़ में आ चुका है। शनिवार को
जोहैनेसबर्ग में होने वाले पहले वनडे से पहले इस दौरे पर वनडे टीम के कप्तान राहुल इन्हीं सवालों का जवाब दे रहे थे।
राहुल ने कहा, "मैं सभी प्रारूपों के बारे में नहीं जानता लेकिन अभी मेरा ध्यान इस वनडे सीरीज़ पर है। हां मैं यही रोल निभाऊंगा। मैं मध्य क्रम में कीपिंग और बल्लेबाज़ी करूंगा। इसके बाद हां अगर मुझे यह रोल टेस्ट मैचों में मिलता है तो इस भूमिका को निभाने में मुझे खुशी होगी।"
राहुल ने पिछली बार फ़रवरी 2023 में टेस्अ खेला था और बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफ़ी में चार बार कम रन बनाने की वजह से शुभमन गिल ने उनका स्थान ले लिया था। आईपीएल में कूल्हे की चोट ने उनको डब्ल्यूटीसी फ़ाइनल और वेस्टइंडीज़ में टेस्ट सीरीज़ से भी बाहर कर दिया था।
इस समय यशस्वी जायसवाल ओपनर के तौर पर बड़े दावेदार हैं और शुभमन को नया नंबर तीन का बल्लेबाज़ बनाया गया है। वहीं श्रेयस अय्यर भी मध्य क्रम में जगह बनाने को तैयार हैं तो राहुल तभी टीम में वापसी कर सकते हैं अगर वह कीपिंग करते हैं।
राहुल ने कहा, "मैं हमेशा ही नए रोल के लिए तैयार रहा हूं और जो भी रोल टीम चाहती है उसमें प्रदर्शन करना चाहता हूं। तो मैं उसे करने में खुश हूं कि जो भी प्रबंधन, कोच और कप्तान मुझसे कहते हैं। अगर टीम इस रोल में मुझे देखती है तो मैं इसको लेकर खुश हूं।"
टी20आई का क्या? जून में होने वाले टी20 विश्व कप से पहले भारत को अब अफ़ग़ानिस्तान के ख़िलाफ़ ही तीन मैच खेलने हैं, तो ऐसे में आईपीएल की फ़ॉर्म टीम संतुलन में एक अहम भूमिका निभाएगी।
इससे राहुल के लिए चीजे़ें मुश्किल हो सकती हैं, क्योंकि वह लखनऊ सुपर जायंट्स के लिए ओपन करते हैं। तो क्या ऐसी संभावना है कि वह वहां भी मध्य क्रम में आ सकते हैं? राहुल कुछ भी करने को तैयार हैं क्योंकि चोट की वजह से उन्होंने काफ़ी समय गंवाया है।
राहुल ने कहा, "हां, बिल्कुल, मैं देश के लिए खेलना चाहता हूं, मैं जितना हो सके उतने खेलना चाहता हूं। दुर्भाग्य से मैं चोटों के कारण काफ़ी क्रिकेट नहीं खेल पाया। इसलिए मैं अपने समय का अधिकतम उपयोग करना चाहूंगा और जितना हो सके उतने मैच खेलना चाहूंगा, चाहे जो भी भूमिका हो।"
"मुझसे जो भी अपेक्षा की जाती है, मैंने अपने अब तक के पूरे करियर में वही किया है, मुझे नहीं लगता कि इसमें बदलाव होने वाला है। मेरे लिए टीम हमेशा पहले आती है। जब हमने खेलना शुरू किया था पहली चीज़ जो हमें सिखाई गई वह यह थी कि यह एक टीम गेम है।"
"यह एक घिसी-पिटी लाइन है, लेकिन जैसे-जैसे आप अधिक खेलते हैं, आप समझते हैं कि कोई भी पॉज़िशन आपकी नहीं है। लेकिन जैसे-जैसे आप अधिक खेलते हैं, आप समझते हैं कि जब यह एक टीम गेम है, तो कोई भी पॉज़िशन आपकी नहीं है। आपको वह करने में सक्षम होना होगा जो टीम की आवश्यकता है। आपको लचीला होना होगा और समायोजित होकर टीम के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना होगा।"
टेस्ट सीरीज़ से पहले राहुल वनडे में भारत की कप्तानी करेंगे। यह भूमिका उन्होंने 2021 में भारत के पिछले दौरे पर भी निभाई थी, जहां भारत को 0-3 हार मिली थी। इस बार राहुल मुख्य रूप से युवा टीम का नेतृत्व कर रहे हैं, जिसमें विराट कोहली, रोहित शर्मा, हार्दिक पंड्या, जसप्रीत बुमराह और मोहम्मद शमी जैसे वरिष्ठ खिलाड़ी नहीं हैं।
उनके पास काम करने के लिए सितांशु कोटक की अध्यक्षता में एक नया सहायक स्टाफ़ है, क्योंकि राहुल द्रविड़ दो टेस्ट मैचों की सीरीज़ की तैयारी में व्यस्त हैं। जब राहुल से पूछा गया कि विश्व कप के बाद वनडे खेलने के क्या मायने हैं, जबकि मुख्य खिलाड़ी और कोच भी नहीं है तो उन्होंने स्वीकार किया कि उन्हें थोड़ा अज़ीब लग रहा था।
उन्होंने कहा, "हां, यह थोड़ा अज़ीब लगता है, लेकिन खेल ऐसे ही चल रहा है। शेड्यूल ऐसा है कि हर खिलाड़ी हर प्रारूप के लिए उपलब्ध नहीं हो सकता है। दुर्भाग्य से कोच की भी बड़ी ज़िम्मेदारी है। जाहिर तौर पर टेस्ट सीरीज़ पर ध्यान है, लेकिन ऐसा होने से हम में से कुछ खिलाड़ियों को खेलने का अच्छा मौक़ा मिलता है, जिससे वे अतिरिक्त ज़िम्मेदारी निभाते हुए अपना सर्वश्रेष्ठ क्रिकेट खेलें।"
"हमारे लिए कुछ भी नहीं बदलता है। हर बार जब हम देश का प्रतिनिधित्व करते हैं, तो हम अच्छा खेलना और जीतना चाहते हैं। जो लोग यहां हैं वे सभी राष्ट्रीय टीम में बुलाए जाने के योग्य हैं। उन सभी ने वास्तव में अच्छा प्रदर्शन किया है और मुझे भरोसा है उनमें से प्रत्येक पर चयनकर्ताओं ने विश्वास दिखाया है और उन्हें यह अवसर दिया है। इसलिए हम उन सभी पर भरोसा करते हैं कि वे काम करेंगे और यहां वास्तव में कड़ी प्रतिस्पर्धा करेंगे और श्रृंखला जीतेंगे।"
क्या भारत उसी टेंपलेट को आगे बढ़ाना चाहेगा जो उन्होंने विश्व कप में प्रदर्शित किया था? राहुल ने सुझाव दिया कि वे इस पर विचार करेंगे, हालांकि युवा समूह से कुछ भूमिकाएं निभाने की उम्मीद करना मुश्किल होगा, जैसे शीर्ष क्रम में रोहित शर्मा ने आक्रामकता की भूमिका निभाई थी।
उन्होंने कहा, "मुझे नहीं लगता कि हम वनडे क्रिकेट कैसे खेलना चाहते हैं, इस संदर्भ में बहुत कुछ बदलेगा। लेकिन कुछ नए चेहरे हैं, इसलिए उनसे विश्व कप में रोहित शर्मा द्वारा निभाई गई भूमिका निभाने की उम्मीद करना ज़ल्दबाज़ी होगी। आपको उन्हें सहज़ महसूस कराना होगा। इसलिए हमारी ओर से कोई अतिरिक्त दबाव नहीं है।"
"हमें इस पर ध्यान केंद्रित करने की ज़रूरत है कि हमारे सामने क्या है। हमने विश्व कप में जिस तरह से खेला वह वास्तव में अच्छा था, बहुत रोमांचक था। लेकिन हमें यहां यह पता लगाने की ज़रूरत है कि हमारे लिए इन परिस्थितियों में क्या काम करता है। इसको पहचानकर इसका अनुसरण करना होगा।"
शशांक किशोर ESPNcricinfo में सीनियर सब एडिटर हैं। अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी में सीनियर सब एडिटर निखिल शर्मा ने किया है।